बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

कृपालु महाराज के ’पेम मंदिर का 17 फरवरी को लोकार्पण


कृपालु महाराज के पेम मंदिर का 17 फरवरी को लोकार्पण

(चन्द्रसेन वर्मा)

लखनऊ (साई)। ग्य्ाारह साल में 100 करोड की लागत से बने कृपालु महाराज के पेम मंदिर का लोकार्पण 17 फरवरी को वैदिक मंत्र्ाोच्चारण के बीच किय्ाा जाएगा. य्ाह मंदिर वृंदावन में भगवान कृष्ण और राधा के पेम को दर्शाता है. इस मंदिर के निर्माण में 11 साल का समय्ा और करीब 100 करोड रुपए की धनराशि लगी है. इसमें इटालिय्ान करारा संगमरमर का इस्तेमाल किय्ाा गय्ाा है. इसे राजस्थान और उत्तर पदेश के एक हजार शिल्पकारों ने कडी मेहनत के बाद बनाय्ाा है.
जगदगुरू कृपालु परिषद श्य्ाामा श्य्ााम धाम पेम मंदिर के पचारक स्वामी मुकुंदानंद ने आज य्ाहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताय्ाा कि भगवान कृष्ण और राधा के इस पेम मंदिर का शिलान्य्ाास 14 जनवरी 2001 को कृपालु जी महाराज ने लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में किय्ाा था.
उसी दिन से राजस्थान और उत्तर पदेश के एक हजार शिल्पकार अपने साथ हजारों सहय्ाोगी मजदूरों के साथ इस मंदिर के निर्माण कायर््ा में लग गए. ग्य्ाारह साल के कठोर श्रम के बाद तैय्ाार हुआ य्ाह भव्य्ा पेम मंदिर सफेद इटालिय्ान करारा संगमरमर से तराशा गय्ाा है.
वृदांवन के चटिकारा मार्ग पर स्थित य्ाह अद्वितीय्ा मंदिर पाचीन भारतीय्ा शिल्पकला के पुनःजागृत होने का संकेत देता है और कृपालु महाराज का इस कृष्ण नगरी को य्ाह एक उपहार है. उन्होंने बताय्ाा कि वृदांवन में बना य्ाह भव्य्ा मंदिर 54 एकड में बना है तथा इसकी ऊंचाई 125 फुट, लंबाई 122 फुट तथा चौडाई 115 फुट है.
इसमें खूबसूरत फव्वारे, राधा कृष्ण की मनोहर झ्ाांकिय्ाा, श्री गोवर्धनधारण लीला, कालिय्ाा नाग दमन लीला, झ्ाूलन लीला की झ्ाांकिय्ाां खूबसूरत उद्यानों के बीच सजाई गय्ाी है. मंदिर के पचारक स्वामी मुकंदानंद ने बताय्ाा कि इस मंदिर के निर्माण में 11 साल का समय्ा तो लगा ही है. साथ ही साथ करीब 100 करोड रुपए की धनराशि लगी है जो कृपालु जी महाराज के देश विदेश के हजारों भक्तों ने सहय्ाोग के रूप में दी है.
इस मंदिर का लोकार्पण 17 फरवरी को कृपालु महाराज के द्वारा किय्ाा जाएगा. इससे पहले 15 फरवरी को सुबह सात बजे कलश य्ाात्र्ाा निकाली जाएगी. दूसरे दिन 16 फरवरी को शोभा य्ाात्र्ाा व 17 फरवरी को मंदिर की पाण पतिष्ठा, द्वीप पज्ज्वलन और देवी दर्शन का कायर््ाक्रम होगा. उसके बाद पहली आरती और बैलून शोञ का आय्ाोजन किय्ाा जाएगा.
उन्होंने बताय्ाा कि इस मंदिर के लोकार्पण के अवसर पर देश विदेश के हजारों श्रद्धालु भाग लेंगे. जिनके ठहरने का इंतजाम मंदिर पशासन की ओर से किय्ाा गय्ाा है. उन्होंने बताय्ाा कि पेम मंदिर वास्तुकला के माध्य्ाम से दिव्य्ा पेम को साकार करता है. वर्ण, जाति देश आदि का भेद मिटाकर संपूर्ण विश्व को दिव्य्ा पेम आनंद मंदिर में आमंत्र्ाित करने के लिए इस मंदिर के द्वार सभी दिशाओं में खुलते है.
मंदिर के मुख्य्ा पवेश द्वारों पर अष्ठ मय्ाूरों के नक्काशीदार तोरण बनाए गए हैं तथा पूरे मंदिर की बाहरी दीवारों पर राधाकृष्ण की लीलाओं को शिल्पांकित किय्ाा गय्ाा है. इसी पकार मंदिर की भीतरी दीवारों पर राधाकृष्ण और कृपालु महाराज की विविध झ्ाांकिय्ाों को पस्तुत किय्ाा गय्ाा है. मंदिर में 94 स्तंभ हैं जो राधाकृष्ण की विभिन्न लीलाओं से सजाए गए हैं.
उन्होंने बताय्ाा कि गर्भगृह के बाहर और अंदर पाचीन भारतीय्ा वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट पच्चीकारी और नक्काशी की गई है. संगमरमर की प्लेटों पर राधा गोविंद गीत सरल भाषा में उकेरे गए हैं. कृपालु महाराज ने संपूर्ण जगत में पेम तत्व की सर्वोच्चता को स्थापित करने के लिए वृदांवन में इस मंदिर की स्थापना कराई है.

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