शुक्रवार, 2 मार्च 2012


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 97

चमक रहा है त्रिवेदी का चेहरा

मणिशंकर परा डोरे डाल रहीं हैं ममता



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर पर त्रणमूल कांग्रेस की निगाहें गड़ रही हैं। बड़बोलेपन के कारण कांग्रेस के आला नेताओं की आंखों की किरकिरी बन चुके अय्यर इन दिनों इस खुर्दबीनी में लगे हैं कि त्रणमूल कोटे से रेल मंत्री बने दिनेश त्रिवेदी कब तक अपनी आसनी (कुर्सी) बचा पाते हैं। उधर, त्रणमूल के नेता खुद ही त्रिवेदी और ममता बनर्जी के बीच के रिश्तों को सुधारने की खबरों को हवा दे रहे हैं।
कांग्रेस और त्रणमूल कांग्रेस के बीच चल रही रस्साकशी और बयानबाजी से लगने लगा था कि बजट के आसपास ममता बनर्जी अपने मंत्रियों को सरकार से बाहर कर लेंगी। उधर, कांग्रेस भी ममता के विकल्प की तलाश में लगी हुई थी। कांग्रेस के पास मुलायम सिंह यादव का तगड़ा विकल्प उभरकर सामने आया है। ममता के तेवरों से दिनेश त्रिवेदी भी सहमे सहमे नजर आ रहे थे।
रेल मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी बेहद उहापोह में थे कि न जाने कब उन्हें कुर्सी छोड़ने का फरमान जारी कर दिया जाए। घाटे की ओर अग्रसर भारतीय रेल के आला अधिकारियों ने दिनेश त्रिवेदी को मशविरा दिया है कि रेल में यात्री किराया बढ़ाया जाए वरना भारतीय रेल का लोगो बना हाथी भी हाथ में लालटेन के बजाए एयर इंडिया के महाराजा की तरह कटोरा लेकर भीख मांगता नजर आएगा।
त्रणमूल कांग्रेस अचानक ही बैकफुट पर नजर आ रही है। मीडिया में रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी और त्रणमूल कांग्रेस सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी के बीच अनबन की खबरों के आने के चार पांच माह तक त्रणमूल कांग्रेस ने खामोशी ही अख्तियार कर रखी थी। अचानक ही त्रणमूल के आला नेता सक्रिय नजर आए और उन्होंने ममता और त्रिवेदी के बीच खटास की अफवाहों को सिरे से खारिज करना आरंभ कर दिया।
पिछले दिनों मणिशंकर अय्यर और त्रणमूल नेता सुदीप बंदोपाध्याय के बीच एक घंटे रायशुमारी ने सियासी हल्के में हलचल मचा दी है। कहने को तो यह अनोपचारिक बैठक पिछले तीन सालों से नहीं दिए गए बी.सी.राय अवार्ड के सिलसिले में थी किन्तु जानकार इसके निहितार्थ खोज रहे हैं। मणिशंकर की किचिन कैबनेट से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार बंदोपाध्याय से चर्चा के दौरान वे पूरे समय इस बात को जानने के इच्छुक रहे कि ममता और दिनेश त्रिवेदी के बीच संबंध कैसे हैं?
सूत्रों ने यह भी बताया कि जब पासा पलटते हुए सुदीप बंदोपाध्याय ने मणिशंकर को यह बताया कि जिस बैरकपोर संसदीय क्षेत्र से कभी मणिशंकर खुद उम्मीदवार हुआ करते थे, उसी सीट से त्रणमूल ने दिनेश त्रिवेदी को उतारा था। बंदोपाध्याय के खुलासे के साथ ही अय्यर को मानो बिच्छू का डंक लग गया हो। उन्होंने आश्चर्य के साथ कहा कि क्या हमारे संसदीय क्षेत्र से दिनेश त्रिवेदी को त्रणमूल ने उतारा!
सूत्रों के अनुसार इस पर सुदीप बंदोपाध्याय ने लोहा गरम देखकर वार करते हुए कहा कि अरे अब आपका संसदीय क्षेत्र कहां बचा है। अगर आप त्रणमूल में होते तो दिनेश त्रिवेदी के स्थान पर आप ही रेल मंत्री होते! सुदीप बंदोपाध्याय ने इशारों ही इशारों में मणीशंकर अय्यर के अंदर खदबदाती भावनाओं को परवान चढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि आने वाले समय मणिशंकर कौन सा रास्ता अख्तियार करते हैं।

(क्रमशः जारी)

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