संघ ने कुलस्ते को दिया राज्य सभा के लिए ग्रीन सिग्नल
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश में रिक्त होने वाली राज्य सभा सीटों पर घमासान तेज हो गया है। पांच सदस्य इस साल दो अप्रेल को सेवानिवृत होने वाले हैं। उनके स्थान पर नए चेहरों की तलाश भाजपा और कांग्रेस में तेज हो गई है। विधायकों की तादाद के हिसाब से इस बार एक सीट कांग्रेस तो तीन सीट भाजपा को मिलेगी और एक पर टसल रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
कांग्रेस की एक सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी की दावेदारी सबसे प्रबल है। उत्तराखण्ड में सुरेश पचौरी की रणनीति कारगर रही और वहां कांग्रेस की सरकार काबिज हो गई है। गौरतलब है कि वैसे भी सुरेश पचौरी कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के बेहद करीबी और विश्वस्त हैं। पहले भी चार बार राज्य सभा के रास्ते सुरेश पचौरी चोबीस साल तक केंद्रीय राजनीति में रहे हैं। कांग्रेस द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व राज्य सभा प्रत्याशी रहे विवेक तन्खा पर एक बार फिर दांव लगाने का विचार बनाया जा रहा है।
उधर, भाजपा में सेवानिवृत्त होने वाले मेघराज जैन, नारायण सिंह, कप्तान सिंह सोलंकी, विक्रम वर्मा और अनुसुईया उईके पुनः राज्यसभा में दावेदारी के लिए लालायित दिख रहे हैं। छिंदवाड़ा मूल की राज्य सभा सदस्य अनुसुईया उईके द्वारा राज्य सभा के छः साल के कार्यकाल में छिंदवाड़ा में भाजपा को लाभ न दिला पाने के चलते उनकी पुर्नवापसी संदिग्ध ही प्रतीत हो रही है। कांग्रेस के कद्दावर नेता कमल नाथ की घुर विरोधी समझी जाने वालीं अनुसुईया उईके ने कमल नाथ के कद को भी छिंदवाड़ा में कम नहीं किया है।
दिल्ली में झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय ‘केशव कुंज‘ के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि नोट फार वोट कांड में प्रताड़ित हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह उईके को अनुसुईया उईके के स्थान पर राज्य सभा में भेजने के लिए संघ के आला नेताओं ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी है। शेष नामों पर अभी संघ के आला नेता सर जोड़कर बैठे हुए हैं।
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