शनिवार, 17 मार्च 2012

. . . इसलिए नाराज हैं त्रिवेदी से ममता


. . . इसलिए नाराज हैं त्रिवेदी से ममता

दिनेश का कार्पोरेट कल्चर रास नहीं आ रहा ममता को



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। त्रणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के बीच रार बढ़ती ही जा रही है। कांग्रेस के एक केंद्रीय मंत्री के खासुलखास मुकुल राय के नए रेल मंत्री बनने के मार्ग तेजी से प्रशस्त होते दिख रहे हैं। सियासी गलियारों में अब ममता बनर्जी और दिनेश त्रिवेदी के बीच कडवाहट के कारण खोजे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी को दरअसल, दिनेश त्रिवेदी की कार्पोरेट सोच रास नहीं आ रही है।
भारत गणराज्य के इतिहास में संभवतः यह पहला ही मौका होगा जब रेल मंत्री द्वारा बढ़ाए गए यात्री किराए का उन्हीं की पार्टी द्वारा घुर विरोध किया गया हो। पहली ही बार एसा हुआ होगा जब देश के वज़ीरे आज़म को सदन में यह सफाई देना पड़ा हो कि फलां शख्स ही देश के रेल मंत्री हैं। सदन में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने सरकार से साफ करने को कहा कि यह बताया जाए कि दिनेश त्रिवेदी देश के रेल मंत्री हैं या नहीं। इस पर मनमोहन सिंह को मजबूरन कहना पड़ा कि दिनेश त्रिवेदी ही देश के रेल मंत्री हैं।
ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों का कहना है कि रेल बजट तैयार होने के बाद ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अपनी साख बचाने के चक्कर में रेल किराया बढ़ाने का विरोध करने का स्वांग रचा था। सूत्रों की मानें तो ममता को रेल बजट के बारे में सब कुछ पहले से ही पता था। पर अगर रेल मंत्री इस बात को स्वीकार करते तो बजट की गोपनीयता भंग होने के आरोपों से निपटना काफी मुश्किल होता।
सूत्रों ने कहा कि ममता बनर्जी के संज्ञान में इस बात को लाया गया है कि दिनेश त्रिवेदी द्वारा कार्पोरेट कल्चर अपनाया जा रहा है। बड़े उद्योगपतियों से वे अपने घर पर मिलकर वारे न्यारे करने में जुटे हुए हैं। इस बात में सच्चाई कितनी है यह तो वे ही आने किन्तु ममता बनर्जी को यह भी बताया गया है कि दिनेश त्रिवेदी द्वारा त्रणमूल के कार्यकर्ताओं और ममता बनर्जी के खासुलखास लोगों से पर्याप्त दूरी बना ली गई है।
चर्चा है कि पश्चिम बंगाल में खासी दखल रखने वाले कांग्रेस के एक केंद्रीय मंत्री के बेहद करीबी मुकुल राय को रेल मंत्री बनवाने हेतु लाबिंग आरंभ हो चुकी है। इधर, ममता के करीबी सूत्रों ने यह भी बताया कि इस बार रेल बजट में दिनेश त्रिवेदी ने अनेक घोषणाएं उक्त केंद्रीय मंत्री की सिफारिश पर ही की हैं। यह सब डिनर डिप्लोमेसी में ही तय हो गया था कि उक्त केंद्रीय मंत्री के इशारे पर क्या क्या किया जाना है रेल बजट में।
इधर, प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी और त्रणमूल कांग्रेस द्वारा रेल बजट का विरोध कर एक तीर से कई निशाने साधे जा रहे हैं। पीएमओ के सूत्रों ने कहा कि ममता बनर्जी रेल बजट का विरोध कर दिनेश त्रिवेदी को साईज में लाने के साथ ही साथ अपने हित साधना चाह रही हैं। रेल बजट पास करवाने जब कांग्रेस द्वारा त्रणमूल कांग्रेस को राजी करने का प्रयास किया जाएगा तब ममता बनर्जी केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल के लिए अच्छा खास पैकेज झटक लेंगी।

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