गुरुवार, 26 अप्रैल 2012

रिसेट वन का सफल प्रक्षेपण


रिसेट वन का सफल प्रक्षेपण

(प्रियंका श्रीवास्वत)

नई दिल्ली (साई)। भारत ने आज देश में निर्मित सबसे भारी दूरसंवेदी उपग्रह रिसेट-वन का  सफल प्रक्षेपण किया। २१वां धु्रवीय प्रेक्षपण उपग्रह यान सी -१९ आज सुबह पांच बजकर सैंतालीस मिनट पर आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केन्द्र से रिसेट-वन के साथ रवाना हुआ। ये उपग्रह १८ मिनट में ४८० किलोमीटर की अपनी प्रारंभिक कक्षा में पहुंच गया है। भारत ने पहली बार अपना राडार इमेजिंग उपग्रह कक्षा में स्थापित किया है। भारत इससे पहले दो बार इस्राइल के रिसेट उपग्रह छोड़ चुका है।
रिसेट-वन उपग्रह छोड़े जाने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के अध्यक्ष डॉक्टर के. राधाकृष्णन ने कहा कि सभी चरण निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार अलग हुए। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि पीएसएलवी सी-१९ मिशन बहुत सफल रहा है। यह पीएसएलवी का लगातार बीसवां सफल प्रक्षेपण है और इसने भारत का पहला राडार इमेजिंग उपग्रह कक्षा में स्थापित किया है।
डॉक्टर राधाकृष्णन ने कहा कि रिसेट -वन से मिली जानकारी का खेती और आपदा प्रबंधन में व्यापक उपयोग किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि अगले तीन दिन में उपग्रह को पांच सौ बत्तीस किलोमीटर की ऊंचाई पर कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसरो के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर यशपाल ने इसे भारत की सफलता का सुखद क्षण बताया।
आज छोड़ा गया रिसेट-वन उपग्रह विशेष ढंग से तरंगें छोड़ेगा और परावर्तित किरणों के कुछ हिस्से एकत्र करेगा जिनसे धरती की स्पष्ट तस्वीरें बनाई जा सकेंगी। रिसेट-वन एक हजार आठ सौ अ्घ्टठावन किलोग्राम वजन का सबसे भारी दूरसंवेदी उपग्रह है। ये बारिश, धूप, बादल, कोहरे और तूफान हर तरह की मौसमी परिस्थिति में धरती की तस्वीरें ले सकता है। सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस उपग्रह में सी बैंड सिन्थेटिक अपरचर राडार लगा है जो हर तरह के रेजोल्यूशन में तस्वीरें ले सकता है।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार पीएसएलवी सी-१९ आज सुबह श्री हरिकोटा के शीतल वातावरण में रवाना हुआ। सिंदूरी और नीले आसमान में उससे प्रक्षेपित होते देख वहां मौजूद मीडिया, वैज्ञानिकों और उनके परिवारों ने पूरे जोश से अपनी खुशी जाहिर की। सफल प्रक्षेपण के बाद वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली। फिर गौरव का क्षण तब आया जब रिसेट वन उपग्रह अपनी कक्ष में स्थापित हो गया।
उधर, प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने पीएसएलवी के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। अपने संदेश में उन्होंने कहा है कि पीएसएलवी का लगातार बीसवां सफल प्रक्षेपण देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे साबित होता है कि इसरो ने जटिल प्रक्षेपण वाहन टैक्नोलोजी में महारथ हासिल कर ली है।

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