अफवाहें फैलाने
भारत ने पाक को चेताया
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
भारत ने पाकिस्तान से इस बात पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है कि उसके यहां मौजूद तत्व
सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए पूर्वाेत्तर के लोगों में डर फैलाने की कोशिश कर
रहे हैं। गृहमंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक के
साथ टेलीफोन पर बातचीत में ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाने और उनका सफाया करने में
पाकिस्तान से पूरा सहयोग मांगा।
उन्होंने कहा कि ये
तत्व सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भ्रामक तस्वीरें और खबरें फैलाकर भारत में
साम्प्रदायिक भावनाएं भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। श्री शिन्दे ने पाकिस्तान के
गृहमंत्री और वहां की जनता को ईद की बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि दोनों देशों
के बीच संबंध सुधरेंगे।
ज्ञातव्य है कि
दोनों नेताओं के बीच पहली बार सीधा सम्पर्क हुआ है। पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान
मलिक ने श्री शिंदे को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने
मुझे ये कहा कि असम के सिलसिले में कुछ उनके पास इनफोर्मेशन है कि शायद जो एसएमएस
चले हैं वो पाकिस्तान से चले हैं। अगर इंडिया के पास कोई भी इनफोर्मेशन है जिसमें
उनको यह पता लगे कि यह ऐसे मैसेजेस जो हैं असम की मास माइग्रेशन टू द कैम्पस हैं
तो डेफिनेटली हम उसको इंवेस्टिगेट भी करेंगे और इंशाह अल्ला उनको पूरी इनफोर्मेशन
भी देंगे।
इससे पहले
केन्द्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने कहा था कि कर्नाटक, तमिलनाडु और
महाराष्ट्र में पूर्वाेत्तर राज्यों के निवासियों में डर फैलाने वाली अधिकतर
अफवाहें पाकिस्तान से शुरू हुई थीं। सरकार ऐसी ७४ वैबसाइट पर रोक लगा चुकी है, जिन पर पाकिस्तान
से भ्रामक तस्वीरें अपलोड की गई थीं।
गृहमंत्रालय ने जो
रिपोर्ट तैयार की है उसके अनुसार यह अफवाहें फैलाने और भ्रामक तस्वीरें सोशल
नेटवर्किंग साइट्स पर डालने में पाकिस्तान स्थित एक कट्टरपंथी गुट का हाथ होने का
संदेह है।
0 हेट कैंपेन के पीछे आईएसआई?
इस हेट कैंपेन के
पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की भी खबरें हैं। गृह मंत्रालय
की रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि किस तरह पाकिस्तान से हेट कैंपेन शुरू
हुआ। तिब्बत, थाइलैंड के
भूकंप और म्यांमार में हिंसा के विडियो को फर्जी तरीके से असम में हिंसा दिखाकर
धमकी भरे एमएमएस और एसएमएस भारी संख्या में भेजे गए। इसके पीछे पाकिस्तान के एक
कट्टरपंथी संगठन का हाथ होने का शक है। ऐसे ज्यादातर कॉन्टेंट 13 जुलाई से ऑनलाइन
होना शुरू हुए थे।
0 इंटरनेट पर लगाम
अफवाहों को फैलने
से रोकने के लिए सरकार ने फेसबुक, गूगल और ट्विटर के 80 से ज्यादा पेज और
यूजर अकाउंट्स ब्लॉक करवा दिए हैं। शनिवार को 76 वेबसाइट ब्लॉक
करने के निदेर्श सरकार ने दिए थे।
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