लाजपत ने लूट लिया
जनसंपर्क ------------------ 16
विधानसभा सत्र में
निकालेंगे जनसंपर्क मंत्री की शवयात्रा!
(डेविड विनय)
भोपाल (साई)। मध्य
प्रदेश के छोटे मझौले समाचार पत्रों में जनसंपर्क विभाग की अस्पष्ट नीति के चलते
रोष और असंतोष चरम पर आ गया है। जनसंपर्क विभाग किसी को पंद्रह लाख का विज्ञापन दे
देता है तो किसी को मंत्री की अनुशंसा के बाद भी विज्ञापन जारी नहीं करता है। इससे
आजिज आ चुके मीडिया संस्थानों ने एकजुट होकर अब मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क
मंत्री को ही घेरने का निर्णय लिया है।
मध्यप्रदेश
जनसंपर्क मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा के पुतले की अर्थी में शामिल होने के लिए
मध्यप्रदेश से एक हजार पत्रकार और समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं के मालिक शामिल होने
शीतकालीन विधान सभा सत्र के दौरान भोपाल पहुंच रहे हैं। भाजपा शासनकाल में
पत्रकारों के हित में कोई उचित निर्णय नहीं लेने एवं दोगली नीति के विरोध में
पत्रकारों द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है इस संबंध में पत्रकार एच. द्विवेदी एवं
ए. शर्मा ने बताया कि विगत वर्षों से समाचार पत्रों में कार्य करने वाले पत्रकारों
के हितों में कोई फैसला एवं योजना नही बनाई गई। जिस वजह से सदैव समाचार पत्र
मालिकों द्वारा लगातार शोषण होता रहा वहीं जिले, तहसील एवं ग्रामीण
स्तर से प्रकाशित होने वाले प्रकाशकों के लिए विभाग द्वारा हितकारी नीति नहीं बनाई
गई।
जिस कारण पत्रकारों
को अपना जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। वहीं विभाग में बैठे अधिकारियों द्वारा
दोगली नीति कर अपने रिश्तेदारों संबंधियों एवं चापलुसकारों को लाखों रूपयों के
विज्ञापन और नियम विरूद्ध सहायता देकर मालामाल किया जा रहा है। भाजपा शासन के
कार्यकाल में लम्बे इंतजार के बाद भी आज पत्रकार सुरक्षित नहीं है। वहीं ऐसा कोई
व्यवस्था नहीं हैं कि वे अपने जीवन यापन उचित तरीके से संचालित कर सके। इस दोगली
नीति के विरोध में विधानसभा सत्र के दौरान संपूर्ण मध्यप्रदेश से प्रदेश की
राजधानी भोपाल में पत्रकार एकत्रित होकर विभागीय मंत्री की पुतला अर्थी निकालेगें।
जिसको बकायदा शमशान ले जाकर मुखाग्रि देकर शवदहन किया जायेगा। सभी पत्रकार साथियों
से आग्रह किया गया है कि वे इस यात्रा में शामिल होकर पत्रकारों की हितों की लड़ाई
में समर्थन दें। इस संदर्भ में सभी पत्रकार संगठनों से अपील की गई हैं कि वे अपने
समस्त सदस्यों के साथ उक्त रैली में शामिल हो ताकि पत्रकारों के साथ दोहरी नीति ना
अपनाई जा सके।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें