लौट आए उवैसी, मांगी मोहलत
(जाकिया जरीन)
हैदराबाद (साई)। कथित तौर पर लोगों को
उकसाने के आरोपी अकबरूददीन ओवैसी आखिरकार स्वदेश वापस आ ही गए। वापस आकर उन्होंने
पुलिस के सामने पेश होने के लिए चार दिन की मोहलत मांगी है। अब देश भर में यह बहस छिड
गई है कि प्रत्यक्ष तौर पर वीडियोज में एक कौम विशेष को भडकाने का काम किया है ओबैसी
ने फिर उसे चार दिन की मोहलत देने का ओचित्य क्या है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस
अपने वोट बैंक की खातिर किसी भी स्तर तक जाने को आमदा दिख रही है।
अपने भड़काऊ भाषण के कारण मुसीबत में
फंसे अकबरूद्दीन ओवैसी ने पुलिस ने सामने पेश होने के लिए चार दिन की मोहलत मांगी
है। ओवैसी पर उनके भाषण के लिए तीन अलग-अलग थानों में मामला दर्ज हुआ है। इनमें से
एक थाने में ओवैसी को आज पेश होना था और ऐसा माना जा रहा था कि ओवैसी आज पुलिस के
सामने पेश हो सकता है। लेकिन अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उसने चार
दिन की मोहलत मांगी है। एमआईएम के विधायक अकबरूद्दीन ओवैसी आज तड़के सुबह ही लंदन
से हैदराबाद लौटे हैं। एयरपोर्ट पर उनके समर्थकों ने अपनी ताकत दिखाने के लिए
ओवैसी का गर्मजोशी से स्वागत किया।
ओवैसी के खिलाफ जो तीन थानों में मामले दर्ज हुए हैं उनमें से दो थानों
अदिलाबाद जिले के निर्मल शहर के थाने और निजामबाद शहर के थाने ने स्वयं ही संज्ञान
लेते हुए ओवैसी के खिलाफ सार्वजनिक जगह में किसी एक समुदाय के खिलाफ अपमानजनक भाषण
देने का मामला दर्ज किया है। इनमें से अदिलाबाद जिले के निर्मल शहर के थाने में
ओवैसी को आज पेश होना था जबकि निजामबाद शहर के थाने में आठ जनवरी यानी कल पेश होना
है। इसके अलावा ओस्मानिया यूनिवर्सिटी पुलिस थाने में भी कोर्ट के आदेश के बाद
ओवैसी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। इस थाने में ओवैसी को 10 जनवरी को पेश होना है।
इससे पहले अकबरूद्दीन ओवैसी के भाई और एमआईएम के एकमात्र लोकसभा सांसद
असाउद्दीन ओवैसी ने कहा था कि अकबरूद्दीन कानून से भाग नहीं रहा है। उन्होंने कहा
कि मेरा भाई कानून से भाग नहीं रहा है। हम हिंदुओं के खिलाफ नहीं है। हम भाजपा और
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी के खिलाफ हैं। ओवैसी ने दो महीने
पहले ही कांग्रेस से अपना समर्थन वापस लिया था।
ओवैसी के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (दो समुदायों के बीच धर्म, भाषा, वंश और जन्म स्थाने के आधार पर दुश्मनी पैदा करना। जो
सद्भाव के कार्य में बाधा है), 295ए (किसी के धर्म और धार्मिक विश्वास के अपमान के
द्वारा किसी भी वर्ग के आक्रोश व धार्मिक भावनाओं को जानबूझ कर भड़काना)। इसके साथ
ही ओवैसी पर आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छोड़ना या युद्ध छेड़ने का
प्रयास या युद्ध के लिए उकसाने का प्रयास)
ओवैसी के बयान पर राजनीतिक हलकों में काफी हंगामा मचा हुआ है। भाजपा और टीडीपी
नेताओं ने आंध्र प्रदेश में कई जगह विरोध प्रदर्शन किया है। टीडीपी विधायक रेवंत
रेड्डी ने मांग की है कि ओवैसी को उनके भाषण के लिए उनके पद से उन्हें हटाया जाए।
भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा कि जो राजनीतिक पार्टियां धर्मनिरपेक्ष होने का दावा
कर करती हैं वह चुप क्यों हैं। जब ओवैसी भाषण दे रहा था तो वहां बैठे लोग ताली बजा
रहे थे यह प्रवृत्ति गलत है।
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