सोमवार, 27 मई 2013

पुलिस की दबंगई, फोटो खींचने पर संपादक पर उठाया हाथ

पुलिस की दबंगई, फोटो खींचने पर संपादक पर उठाया हाथ

(अपराध ब्यूरो)

सिवनी (साई)। रेल्वे में यात्रा करने के नाम पर भारतीय रेल द्वारा तत्काल की स्कीम लोगों की सुविधा के बजाए उनके गले की फांस ज्यादा बन रही है। दलालों द्वारा टिकिट विंडो पर जाकर टिकिट बनवाए जा रहे हैं और आम जनता मुंह देखती रह रही है। आज सुबह पुलिस की दबंगई की फोटो खींचने पर एक पुलिस कर्मी ने राष्ट्र चंडिका के संपादक अखिलेश दुबे के साथ हाथापाई कर डाली।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सुबह रेल्वे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। इस विवाद में सुधीर बघेल नामक युवक ने बताया कि वह सुबह सवा आठ बजे तत्काल का टिकिट बनवाने रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर खड़े हुए। नो बजे दो युवक आए और उन्होंने सुधीर बघेल का लाईन से यह कहकर हटा दिया कि कागज पर नाम लिखो तब नंबर आएगा।
सुधीर बघेल ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि वे इस बात को समझ नहीं पाए। इसकी शिकायत उनके द्वारा स्टेशन में उपस्थित कर्मचारी मकसूद खान से की। इसकी सूचना शायद कोतवाली पुलिस को लग गई। कोतवाली पुलिस की पीसीआर में चार पांच पुलिस आरक्षक आरक्षण केंद्र जा पहुंचे।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार पुलिस आरक्षकों जिनमें रामलखन बघेल, श्री मतीन, श्री गौतम आदि का समावेश था, ने पहले टिकिट काउंटर से बुकिंग क्लर्क से बात की, उसके उपरांत वे बुकिंग काउंटर के अंदर जा पहुंचे। जैसे ही वे अंदर गए वहां मौजूद राष्ट्र चंडिका के संपादक अखिलेश दुबे ने उनका वीडियो बनाना आरंभ कर दिया।
प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार संभवतः यह बात पुलिस आरक्षक श्री गौतम को नागवार गुजरी और वे तत्काल बुकिंग आफिस से बाहर आए और अपशब्द बोलते हुए अखिलेश दुबे से हाथा पाई करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वहां मौजूद अन्य पुलिस कर्मियों ने श्री गौतम को एसा करने से रोका और बताया कि यह मीडिया से जुड़े हुए हैं।
बावजूद इसके श्री गौतम रूके नहीं। प्रत्यक्ष दर्शियों ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया कि रेल्वे स्टेशन पर जहां रेल्वे पुलिस मौजूद रहना चाहिए, वह मौजूद नहीं थी। वस्तुतः इस कार्यवाही को रेल्वे पुलिस द्वारा अंजाम दिया जाना चाहिए था, पर उनके स्थान पर कोतवाली पुलिस ने वहां जाकर कार्यवाही क्यों की!
इस संबंध में जब स्टेशन अधीक्षक श्री अग्रवाल से संपर्क करना चाहा गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। इस बारे में अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किसकी शिकायत पर पीसीआर भरकर रेल्वे स्टेशन परिसर में स्थित आरक्षण केंद्र पहुंची थी, और वह वहां ततकल रिजर्वेशन के विवाद को निपटाने गई थी अथवा खुद का या किसी आला अधिकारी का रिजर्वेशन कराने गई थी।
वैसे जबसे तत्काल रिजर्वेशन का काम आरक्षण केंद्र से आरंभ करवाया गया है तबसे वहां दलालों की तादाद एकाएक बढ़ गई है। रेल्वे बुकिंग क्लर्क जय कुमार ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस तरह का विवाद अवश्य हुआ था, पुलिस भी वहां आई थी किन्तु हाथापाई की जानकारी उन्हें नहीं है।
उधर, राष्ट्र चंडिका के संपादक अखिलेश दुबे ने बताया कि उन्होंने पुलिस के आते ही इस घटना को अपने केमरे में कैद करना आरंभ कर दिया था। जब पुलिस का बल आरक्षण केंद्र के अंदर पहुंचा तो उन्होंने टिकिट विंडो से वीडियो बनाना आरंभ किया। इस पर तैश में आए आरक्षक श्री गौतम वहां से बाहर आए और उनके साथ हाथापाई पर उतर आए।

अखिलेश दुबे के अनुसार आज रविवार है एवं अवकाश है, अतः आज सोमवार को इस घटना की लिखित शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक के पास उपस्थित होकर उन्‍होंने दर्ज करा दी है

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