सोमवार, 13 मई 2013

गुड़िया मेरे परिवार की बच्ची जैसी थी: शक्ति सिंह


गुड़िया मेरे परिवार की बच्ची जैसी थी: शक्ति सिंह

(शरद खरे)

सिवनी (साई)। ‘‘गुड़िया मेरे घर की बच्ची जैसी थी, उसके साथ जो भी हुआ वह दुखद है। समरजीत द्वारा मेरा अभिनंदन किया जाना दुखद है। समरजीत मेरे मित्र थे पर वे सबसे पहले हमारी टीम छोड़कर गए है।‘‘ उक्ताशय की बात जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष और घंसौर क्षेत्र के नेता कुंवर शक्ति सिंह उर्फ हुकुम ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से फोन पर चर्चा के दौरान कही।
जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर गुड़िया का मामला घंसौर में हुआ और कुंवर शक्ति सिंह उर्फ हुकुम को आदिवासियों का मसीहा कहा जाता है पर इस बारे में वे खामोश क्यों रहे? के जवाब में उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कुछ पहल करने के पहले ही मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड और प्रदेश सरकार की ओर से गुड़िया के इलाज में सब कुछ किया जा चुका था।
कुंवर शक्ति सिंह उर्फ हुकुम ने कहा कि गुड़िया उनके मोहल्ले की और उनकी बच्ची जैसी थी। इस पर जब साई न्यूज ने उनसे कहा कि वह अगर उनकी बच्ची जैसी थी तो उन्होंने मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड पर गुड़िया को तत्काल दिल्ली ले जाने के लिए दबाव क्यों नहीं बनाया, जबकि गुड़िया का इलाज दो दिन तक घंसौर में ही होता रहा, के प्रश्न पर हुकुम मौन हो गए।
उन्होंने बताया कि 19 तारीख को वे अपना मौन समाप्त कर घंसौर लौट आए थे। इसके उपरांत एक दिन वे गुड़िया को देखने नागपुर गए थे। गुड़िया को फौरी तौर पर मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड से मदद ना दिलवाने के नाम पर कुंवर शक्ति सिंह उर्फ हुकुम ने मौन को बरकरार ही रखा।
उनके अभिनंदन में समरजीत सोलंकी जो पुलिस की नजरों में फरार आरोपी है का नाम होने पर उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि समरजीत अब उनके साथ नहीं है, पता नहीं उनके अभिनंदन में समरजीत का नाम चला गया। कुंवर शक्ति सिंह उर्फ हुकुम ने कहा कि सभी इस बात को बेहतर तरीके से जानते हैं कि एक माह पूर्व जब घंसौर को कुंवर शक्ति सिंह उर्फ हुकुम के खिलाफ बंद करवाया गया था तो उसकी तह में समरजीत ही थे।
समाचार एजेंसी ऑॅॅफ इंडिया से चर्चा के दौरान कुंवर शक्ति सिंह उर्फ हुकुम ने कहा कि इस तरह की बातें करना और अभिनंदन में समरजीत का नाम देना उनके विरोधियों की सोची समझी चाल है, यह उनके राजनैतिक जीवन का गला घोंटने जैसी घटना है जिसकी निंदा की जानी चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं: