अनुज्ञा नियम को धत्ता बताती खवासा चैक
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(ब्यूरो कार्यालय)
खवासा (साई)। नागपुर से जबलपुर, म.प्र. से महाराष्ट्र और कन्याकुमारी से
कश्मीर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 पर, सिवनी जिले के खवासा स्थित कृषि उपज
मंडी चैकपोस्ट इन दिनों खासी चर्चा मंे है। बताया जाता है कि यहां अपनी नियुक्ति
करवाने के लिये दूर-दूर से मंत्री और अन्य रसूखदार, अपनी पूरी ताकत लगाकर अपने सगे
संबंधियों को फिट करते हैं। और इसके एवज मंे मोटी रकम का लेनदेन होता है।
उक्त कृषि उपज मंडी चैकपोस्ट में न तो
कोई आधुनिक उपकरण नजर आता है न ही कोई ईमानदार शासकीय कर्मी । यहां से प्रतिदिन कई
सौ ट्रक हमारे प्रदेश का अनाज महाराष्ट्र की मंडी मंे पार हो जाता है। और शासकीय
अमला उनसे अनुज्ञा तक नहीं पूछता बल्कि ये अल्प शिक्षित ट्रक ड्रायवर भी इस
चैकपोस्ट से पार होने की कीमत जानते हैं। बताया यह भी जाता है कि सिवनी के
व्यापारियों का सीधा सामंजस्य सहायक निरीक्षक से है, और वे इसका मासिक लेनदेन करते हैं।
प्रदेश शासन को प्रतिदिन हजारों,लाखों का चूना लगाकर ये अधिकारी अपना घर
भरने मंे लगे हुए हैं।
उक्त चैकपोस्ट के ही कर्मचारी ने नाम न
छापने की शर्त में बताया है कि यह कार्य हमारे हाथ में नही है बल्कि सिवनी में ही
पदस्थ बडे अधिकारियों के इशारे पर हो रहा है। बिना अनुज्ञा के ट्रक म.प्र. से
महाराष्ट्र की ओर इन्ही अधिकारियों की सहमति से भेजे जाते हैं।
जब उक्त घटनाक्रम की सत्यता जानने का
प्रयास किया गया तो सभी चैकपोस्ट कर्मचारी संपर्क क्षेत्र से बाहर थे। इतना ही नही
नियुक्तियों मंे भी सारे नियमों को ताक में रखते हुए मंडी निरीक्षक प्रभुदयाल
गेडाम को नियुक्त किया गया है। और इन्हें सहायक निरीक्षक का प्रभार भी नियम
विरूद्ध तरीके से सौंपा गया है। उक्त निरीक्षक
के पद पर खासकर इतनी संवेदनशील चैकपोस्ट में एक सहायक निरीक्षक की तैनाती
भी दाल में कुछ काला होने का संकेत देती है। इस प्रश्न का जवाब भी सिवनी में पदस्थ
मंडी सचिव ही दे सकते हैं।
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