स्वास्थ्य कारणों से जेल के बजाए
अस्पताल पहुंची कंचन डोंगरे
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। नौ लाख चालीस हजार रूपए के
गबन के आरोप में कल पुलिस हिरासत में आईं जनपद पंचायत सिवनी की मुख्य कार्यपालन
अधिकारी कंचन डोंगरे और लेखापाल बाल मुकुंद श्रीवास्तव को माननीय न्यायालय द्वारा
जेल भेजने के आदेश जारी कर दिए गए किन्तु स्वास्थ्य कारणों से दोनों को जेल के
बजाए जिला चिकित्सालय में भरती करा दिया गया है।
अनुविभागीय अधिकारी पुलिस संजीव कुमार
ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी
कंचन डोंगरे और लेखापाल को गबन के आरोप में गत दिवस पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया
था, आज दोनों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से प्रकरण की
सुनवाई के उपरांत दोनों का जेल वारंट काट दिया गया।
एसडीओपी संजीव कुमार ने बताया कि दोनों
ने स्वास्थ्य कारणों की दुहाई दी, जिसके चलते जनपद पंचायत सिवनी की मुख्य
कार्यपालन अधिकारी कंचन डोंगरे एवं लेखापाल श्री श्रीवास्तव को जेल के स्थान पर
जिला चिकित्सालय में भरती करवा दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि सिवनी जनपद के जून माह
के प्रथम सप्ताह में विधायक निधि के 9 लाख 40 हजार के गबन का मामला प्रकाश में आया
था, तब जनपद पंचायत की सीईओ कंचन डोंगरे ने लिपिक नारायण डहेरिया के विरूद्ध
एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जनपद में व्याप्त चर्चाओं के अनुसार विधायक निधि के 9 लाख
40 हजार रूपए पार हो जाना और इसकी भनक सीईओ कंचन डोंगरे, एकाउंट ऑफिसर को न होना आश्चर्यजनक है।
बताया जाता है कि भले ही इस पूरे मामले का ठीकरा लिपिक नारायण डहेरिया के ऊपर फोड़
दिया गया हो, पर कोतवाली पुलिस ने आज कंचन डोंगरे को गिरफ्तार कर मामले की तह तक
पहुंचने का प्रयास किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को बताया कि एक चेक 2011 में गायब होने की सूचना जनपद के रिकार्ड में दर्ज
करवाई गई थी। इसी चेक पर वर्तमान सीईओ कंचन डोंगरे ने हस्ताक्षर कर उसे आहरण के
लिए भेज दिया। उधर, कंचन डोंगरे द्वारा इस मामले में पुलिस को निर्दोष बताया जाकर यह कहा जा
रहा है कि यह मामला उनकी यहां तैनाती के पूर्व 2011 का है।
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