डॉ.सोनी की नाक के
नीचे बिक रहा खून
(पीयूष भार्गव)
सिवनी (साई)। जिला
चिकित्सालय में खून का धंधा जमकर हो रहा है। अस्पताल में खून की आवश्यक्ता पड़ने पर
मरीजों से अतिरिक्त चढ़ोत्री मांगने की खबरें जमकर हैं। वहीं बाहर के अस्पताल में
भर्ती मरीजों के परिजनों को खून बेचे जाने की बात भी प्रकाश में आ रही है।
कहा जा रहा है कि
जबसे जिला चिकित्साय में सिविल सर्जन का प्रभार डॉ.सत्य नारायण सोनी के पास आया है
तबसे जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं पटरी से उतर चुकी हैं। आलम यह है कि अदने से
कर्मचारी भी डॉ.सोनी की परवाह किए बिना ही उन्हे आंख दिखाते फिर रहे हैं।
बताया जाता है कि
गत दिवस एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज को खून की आवश्यक्ता हुई तो उसके परिजनों
ने जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक के दरवाजे खटखटाए। अति गरीब उक्त मरीज के परिजनों
ने अपना रक्त जिला चिकित्सालय में निकलवाया तो वहां उपस्थित कर्मचारी द्वारा एक
हजार रूपए की मांग की गई। परिजनों द्वारा इस पर आपत्ति करने पर वहां तैनात
कर्मचारी ने बात बढ़ती देख रेड क्रास सोसायटी के नियमों का हवाला दे मारा।
इसी तरह का एक अन्य
वाक्या एक अन्य निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के साथ देखने को मिला। वहां भर्ती
गायत्री बाई को रक्त की आवश्यक्ता पड़ी। उक्त मरीज को ब्लड बैंक से दो यूनिट ब्लड
महज एक हजार रूपए की रसीद लेकर ही प्रदाय कर दिया गया। मध्य रात्रि ले जाए गए दो
यूनिट खून में उपरी लेनदेन की चर्चाएं भी जोर पकड़ रही हैं।
कहा जा रहा है कि
ब्लड बैंक में पदस्थ कर्मचारियों ने अपने दलाल छोड़ रखे हैं जो मरीज के परिजनों के
सामने पहले रक्त का कृत्रिम संकट पैदा करते हैं, फिर उंची कीमतों पर
रक्त मुहैया करवा देते हैं।
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