मुखालफत करने वालों से चुन चुन कर लिया जा रहा है बदला!
(दादू अखिलेंद्र
नाथ सिंह)
सिवनी (साई)। नगर पालिका परिषद का काम वैसे तो नगर के लोगों के अमन चैन, साफ सफाई, प्रकाश, बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने का होता है पर सिवनी की नगर
पालिका परिषद में उलट बंसी ही बजती दिख रही है। नगर पालिका में उन वार्ड में काम
नहीं करवाए जा रहे हैं जिन वार्ड के पार्षद नगर पालिका के नेतृत्व के खिलाफ हैं या
जिन वार्ड से नगर पालिका अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी को जनादेश नहीं मिल पाया है।
बताया जाता है कि जबसे नगर पालिका परिषद की कमान युवा नेता राजेश त्रिवेदी
के हाथों में आई है नगर पालिका परिषद में अराजकता पसर गई है। अनेक वार्डों में
जहां गर्मी के मौसम में नल एक बूंद भी पानी नहीं उगलते थे, वहां अब चौबीसों घंटे नलों से पानी आ रहा है। जाहिर है यह
पानी नगर पालिका की पानी की टंकी से तो नहीं ही आ रहा है। यह भूमिगत पाईप लाईन के
माध्यम से गटर और नाली का गंदा पानी ही आ रहा है जिसे पीकर लोग डायरिया, आंत्रशोध, पीलिया जैसी
गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं।
वहीं, बबरिया के निवासियों का कहना है कि
वार्ड में बारिश के मौसम में व्याप्त गंदगी, नालियां ओवर फ्लो
होकर पानी घरों में घुसने आदि की शिकायत लेकर जब वे नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष
राजेश त्रिवेदी के पास गए तो राजेश त्रिवेदी ने दो टूक शब्दों में यह कह दिया कि
उस वार्ड से उन्हें (राजेश त्रिवेदी को) वोट ही नहीं मिले तो वे उस वार्ड के लिए
काम क्यों करें?
पालीटेक्निक कालेज के पीछे बबरिया टोला में गंदगी का आलम यह है कि यहां
लोग मलेरिया, हैजा, आंत्रशोध, पीलिया, उल्टी दस्त जैसी बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं। वार्ड
में अनेक स्थानों पर गर्मी के मौसम में नल ना आने की शिकायत आम होती थी, पर अब तो चौबीसों घंटे नलों सें पानी का धल्ला बह रहा है।
लोगों के अनुसार नल इस पानी में केंचुए, कचरा, मिट्टी, सांप के बच्चे, झींगुर, बाल आदि उगल रहे
हैं। यह पानी निश्चित तौर पर नालियों का गंदा या गटर का ही पानी है जिसका उपभोग
यहां तक कि पीने के लिए भी करने के लिए नगर वासी मजबूर हैं।
यहां उल्लेखनीय होगा कि परिसीमन के पहले बबरिया टोला ग्राम पंचायत बबरिया
की हिस्सा था। इस ग्राम पंचायत में लंबे समय तक वार्ड पार्षद श्रीमति सीमा चौरसिया
के पति संजय चौरसिया सरपंच रहे हैं। उनके कार्यकाल में ग्राम पंचायत बवरिया ने
प्रगति के नए आयाम स्थापित किए थे।
उधर, वार्ड पार्षद श्रीमति सीमा चौरसिया
ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि उनका पुत्र बीमार था, जिसे लेकर वे नागपुर गईं थीं। नागपुर में उसकी हालत में सुधार
नहीं हुआ तो वे दिल्ली गईं और लगभग एक पखवाड़े तक अपने पुत्र का इलाज करवाकर वे कल
ही वापस लौटीं हैं।
श्रीमति सीमा चौरसिया ने कहा कि दरअसल, षणयंत्र के तहत वार्ड के जमादार संतोष डागोरिया का यहां से
स्थानांतरण कर दिया गया है, जिससे सफाई
व्यवस्था लड़खड़ा गई है। इसके साथ ही साथ उन्होंने बताया कि उनके वार्ड में पहले
ट्रेक्टर ट्राली से कचरा उठवाया जाता था, उसे भी नगर
पालिका परिषद द्वारा हटा लिया गया है। अब उनके वार्ड में हाथ से धकेलने वाली
ट्राली से कचरा उठवाया जा रहा है जिसके चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है।
शहर में चल रही चर्चाओं के अनुसार लोगों को राहत देने के बजाए, अपने विरोधियों या गलत बातों को इंगित करने वालों के खिलाफ
माहौल बनवाने की बात तर्कसंगत प्रतीत नहीं होती है। सियासत में मित्र शत्रु होना
जुदा बात है, वर्चस्व की जंग अपने आप में सही है
पर इसका असर अगर नगर की रियाया पर पड़ने लगे तो सियासत करने वाले को पद पर बने रहने
का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है।
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