गुरुवार, 4 जुलाई 2013

मच्छरों को निमंत्रण दे रहा जिला चिकित्सालय!

मच्छरों को निमंत्रण दे रहा जिला चिकित्सालय!

(महेश रावलानी)

सिवनी (साई)। जिलों में मच्छरों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग सदा ही दिशा निर्देश जारी करता रहा है किन्तु जिला चिकित्सालय में ही मच्छरों के लिए उपजाऊ माहौल तैयार होता दिख रहा है।
ज्ञातव्य है कि जिला चिकित्सालय सिवनी के प्रांगण में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, सिविल सर्जन आदि के कार्यालय संचालित होते हैं। बावजूद इसके चिकित्सालय के अंदर की व्यवस्था की सुध लेना किसी को गवारा नहीं है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय परिसर में हल्की सी बारिश के उपरांत ही गड्ढों में पानी भर जाता है। सारी बारिश में यही आलम पसरा रहता है। पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से अस्पताल के अंदर डबरे तालाबों का स्वरूप ले लेते हैं, जिनमें मच्छरों की उतपत्ति की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।
गौरतलब है कि मलेरिया विभाग द्वारा पिछले दिनों ही एक जागरूकता रैली निकालकर शहरवासियों को ताकीद किया गया था कि घरों के आसपास पानी एकत्र ना होने दें। पानी एकत्र होने से मच्छरों के लिए उपजाउ माहौल तैयार हो जाता है।
जिला चिकित्सालय परिसर के अंदर जगह जगह पड़े गंदगी के ढेर, पानी के पोखर, दवाओं के पैकेट, खाली रैपर, पालीथिन, बचा खाना आदि को देखकर ना केवल मवेशी वरन् सुअर तक यहां कोहराम मचाते देखे जा सकते हैं। कुछ साल पहले तो एक नवजात को सुअर द्वारा उठाकर ले जाने की खबरें भी प्रकाश में आई थीं।
वस्तुतः अस्पताल के अंदर की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें इसकी जवाबदारी सिविल सर्जन पर आहूत होती है। जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन के पद पर डॉ.सत्यनारायण सोनी पदस्थ हैं, जिनकी प्रशासनिक पकड़ उपरोक्त बातों और चित्र से साफ हो जाती है।
जिला चिकित्सालय का यह आलम तब है जब हाल ही में जिलाधिकारी भरत यादव द्वारा इसका निरीक्षण किया गया है। जिलाधिकारी के अस्पताल के निरीक्षण के उपरांत भी सिविल सर्जन डॉ.सत्यनारायण सोनी को इतनी फुर्सत नहीं है कि वे अस्पताल की साफ सफाई की व्यवस्था को चौकस करवाने की दिशा में कोई ठोस पहल करें।

वहीं जिला मलेरिया अधिकारी का कार्यालय भी अस्पताल प्रांगण में है। जिला मलेरिया अधिकारी या उनके अधीनस्थ स्टाफ के साथ ही साथ नगर पालिका प्रशासन को भी इतनी परवाह नजर नहीं आ रही है कि वे भी इन पोखरों, गड्ढ़ों में भरे पानी में मच्छरों के ना पनपने के लिए दवाओं का छिड़काव करवाएं।

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