रविवार, 11 अगस्त 2013

सरकारी चिकित्सकों की निजी प्रेक्टिस हुई प्रतिबंधित

सरकारी चिकित्सकों की निजी प्रेक्टिस हुई प्रतिबं
धित

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। चिकित्सा विभाग में कार्यरत सभी डॉक्टरोें द्वारा की जाने वाली निजी प्रैक्टिस पर लगाम लगाने के लिये, प्रदेश शासन द्वारा एक नया आदेश जारी करते हुये स्पष्ट किया गया है कि अब शासकीय चिकित्सक अपने घरों से संचालित होने वाले क्लिनिक पर केवल मरीजों की जांच कर उन्हें परामर्श मात्र दे सकेंगे।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में सिवनी जिले के लगभग सभी शासकीय चिकित्सक अपने आवास पर नर्सिंग होम तथा अन्य तरह की सुविधायें उपलब्ध कराकर मरीजों की जांच के साथ ही साथ पैथॉलॉजी, सोनोग्राफी, एक्स-रे तथा विभिन्न रोगों की जांच संबंधी कार्य भी संचालित कर रहे थे। नगर और ग्रामीण क्षेत्रों से आ रही लगातार शिकायतें आ रहीं थी कि शासकीय चिकित्सक अस्पतालों की बजाये घरों पर ही ज्यादा समय व्यतीत करते हुये मरीजों की जांच करने में लापरवाही बरत रहे थे।
ऐसी ही शिकायतों के चलते जिनमें सिवनी जिला चिकित्सालय सहित संपूर्ण विकासखंडों में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ शासकीय चिकित्सक ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों का इलाज करने में लगातार लापरवाहियां हो रही थी, जिसके परिणाम स्वरूप शासन द्वारा अरबों रूपये से संचालित चिकित्सा विभाग में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं का लाभ डॉक्टरों की अनुपस्थिति के चलते आम मरीजों को नहीं मिल पा रहा था।
गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय अस्पताल तो स्थापित कर दिये गये हैं, लेकिन उन ग्रामीण क्षेत्रों में न तो समय पर पदस्थ चिकित्सक उपस्थित रहते हैं और न ही अन्य कर्मचारी। बीते वर्षों में ऐसी कई घटनायें प्रकाश में आई हैं जहां गंभीर मरीजों को समय पर इलाज न मिलने के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी, ऐसी खबरें संपूर्ण प्रदेश से प्राप्त हो रही थी, इसी के परिणाम स्वरूप शासन ने शासकीय चिकित्सकों द्वारा घर पर की जाने वाली निजी प्रैक्टिस पर लगाम लगाने हेतु नये आदेश जारी कर दिये हैं।

अब देखने वाली बात यह है कि सिवनी जिले के इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में पदस्थ सीएमएचओ द्वारा दिये गये निर्देर्शों का पालन कितनी सख्ती से करवाया जाता है।

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