सफाई देने के चक्कर में कटवा दी हरी भरी
मोटी डगाल
वाहन का कांच कैसे टूटा कोई पूछे इसके
लिए गढ़ ली मनगढंत कहानी!
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। बारापत्थर क्षेत्र में
रहने वाले भाजपा के एक जनसेवक ने रात के अंधेरे में कुत्तों के शोर से निपटने अपनी
ही महिंद्रा कंपनी की चार पहिया वाहन का पिछला कांच जाने अनजाने में तोड़ने के
उपरांत अब उन्होनंे एक नया कारनामा कर डाला है। किराए के आवास में निवासरत भाजपा
के उक्त जनसेवक ने आवास की परिधि में लगे गुलमोहर के झाड़ की एक मोटी शाखा को कटवा
दिया।
ज्ञातव्य है कि गत दिवस बारापत्थर
क्षेत्र में निवासरत भारतीय जनता पार्टी के एक जनसेवक की तंद्रा रात को उस वक्त
टूटी जब कुत्तों के झुण्ड ने आपस में कर्कश रूदन आरंभ किया। उक्त जनसेवक ने आव
देखा न ताव और अपने अनुचर के साथ बाहर निकलकर इन कुत्तों पर अपने आंगन में पड़े
पत्थर ताबड़तोड़ बरसाना आरंभ कर दिया।
भाजपा के उक्त जनसेवक संभवतः गहरी
निंद्रा में रहे होंगे, और विधानसभा के पूर्व वे टिकिट को पक्की करने का सपना ही देख रहे होंगे, उनकी निंद्रा टूटने पर उनके गुस्से का
अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होनें कुत्तों पर ताबड़तोड़ पत्थर बरसाने
आरंभ कर दिए थे। इसी में से एक पत्थर उन्होंने महिंद्रा कंपनी के अपने ही चौपहिया
वाहन पर दे मारा और चूंकि उस पत्थर में उक्त भाजपा के जनसेवक के गुस्से का समावेश
था, इसलिए उसकी तीव्रता बेहद तेज रही।
इस पत्थर से उनके महिंद्रा कंपनी के
चौपहिया वाहन का पीछे का कांच चकनाचूर हो गया। कुत्ते भाग गए, तमाशा खत्म हुआ, तब उक्त जनसेवक को भान हुआ कि उन्होंने
अपने ही वाहन का शीशा तोड़ दिया है। अब उन्हें यह चिंता सताने लगी कि अगर सुबह किसी
ने देख लिया तो क्या जवाब दिया जाएगा? इसी उधेड़बुन में जैसे तैसे रात कटी, और सुबह सवेरे आठ बजे ही उन्होंने अपने
वाहन का शीशा बदलने उसे रवाना कर दिया।
दैनिक हिन्द गजट ने सोमवार 02 सितम्बर
को ‘कुत्तों से परेशान जनसेवक ने नींद में तोड़ा अपने ही वाहन का कांच‘ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इस
समाचार में यद्यपि किसी का नाम नहीं था फिर भी चोर की दाढ़ी मेें तिनका कहावत को
चरितार्थ करते हुए उक्त जनसेवक ने कई स्थान पर समाचार पत्र लेकर, जा जा कर न जाने कितने भाजपाईयों को
इसलिए कोसा क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उनसे रश्क रखने वाले भाजपाईयों ने ही यह
खबर लीक की है।
वहीं, कुछ भाजपाईयों ने मजे लेने की गरज से
उक्त जनसेवक से बार बार उनके वाहन के बारे में पूछताछ की गई। बताया जाता है कि
पूछताछ से उक्त जनसेवक काफी परेशान हो गए। इसी बीच अपने कुछ कांग्रेसी मित्रों से
उन्होंने इस परेशानी की चर्चा की तो, कांग्रेस के कथित ‘थिंक टैंक्स‘, ने उन्हें मशविरा दिया कि वे जहां
निवासरत हैं वहां आसपास अगर कोई वृक्ष हो तो उसकी टहनी तोड़ कर नीचे डाल दो और कोई
अगर पूछे तो कह देना कि यह टहनी गिरने से उनके वाहन का कांच टूटा है।
बताते हैं कि भाजपा के उक्त जनसेवक को
यह बात जंच गई। उक्त जनसेवक जो किराए के मकान में निवासरत हैं ने अपने मकान मालिक
और वन विभाग या नगर पालिका की इजाजत के बिना ही उस मकान में लगे गुलमोहर के बहुत
पुराने वृक्ष की एक मोटी डगाल को निर्मम तरीके से कटवा डाला। वह डगाल धड़ाम से नीचे
आ गई।
इसके बाद भाजपा के उक्त जनसेवक के चेहरे पर मुस्कान तैर गई, कि अब किसी ने पूछा तो कह दिया जाएगा कि यह डगाल टूटी
और इसी से उनकी महिंद्रा कंपनी की गाड़ी का पीछे का कांच टूटा है। पर डगाल काटने की
स्थिति तक पहुंचते पहुंचते लोग उस घटना को भूल गए और किसी ने भी भाजपा के उक्त
जनसेवक से यह नहीं पूछा कि यह डगाल कैसे गिरी?
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