शनिवार, 21 सितंबर 2013

स्वास्थ्य प्रशासन के निकम्मेपन से बढ़ रहे डेंगू के मरीज

स्वास्थ्य प्रशासन के निकम्मेपन से बढ़ रहे डेंगू के मरीज

न प्रशिक्षण, न कोई एडवाईज़री, अनुभवहीन लोगों के हाथों में है कमान

(अय्यूब कुरैशी/गजेंद्र ठाकुर/विकराल सिंह बघेल)

सिवनंी/छपारा/केवलारी (साई)। सिवनी जिले में डेंगू के मरीजों की बढ़ती तादाद यह स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसकी रोकथाम की दिशा में महज कागजी कार्यवाही कर जनसंपर्क विभाग के जरिए विज्ञप्ति जारी की जाकर अपनी खाल को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
केवलारी में गत दिवस मिले डेंगू के लार्वा से हड़कम्प मच गया है। केवलारी के अनेक मरीजों में डेंगू के संभावित लक्षण पाए गए। उन मरीजों को केवलारी में उपचार के अभाव में सिवनी भेजा गया। खबर है कि सिवनी में कुछ मरीजों के परिजनों द्वारा मरीज को सिवनी में भी उपचार न मिल पाने से बेहतर इलाज हेतु नागपुर ले जाया गया। वहीं कुछ को नागपुर रिफर किया गया है।

छपारा में डेंगू से बच्चे की मौत
डेंगू ने अब छपारा में दस्तक दे दिया जहां कक्षा 4 थीं का एक छात्र डेंगू की चपेट में आकर मौत के मुंह में समा गया।
डेंगू जैसी गंभीर बीमारी, सिवनी, केवलारी, कुरई और छपारा में में पहुंच गया, परंतु इस बात से जिला स्वास्थ्य महकमे को कोई फर्क नहीं पड़ता, उसे तो कुंभकर्णीय नींद से उठने की फुर्सत नहीं तभी तो जानकारी मिलने के बाद भी स्वास्थ्य महकमा सक्रिय नहीं है। बताया जाता है कि छपारा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम मटामा निवासी राजेश साहू का पुत्र जय साहू कक्षा चारं का छात्र था जो अपनी मां के साथ दुर्गानगर ललमटिया छपारा में रहता था। 16 सितंबर को जय साहू को अचानक तेज बुखार आया तब छपारा में डॉक्टर को दिखाया गया जहां डॉक्टर ने ब्लड जांच कराने को कहा। बताया जाता है कि जय की जब ज्यादा तबियत खराब हो गई तो उसे छिंदवाड़ा ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे डेंगू बता दिया और नागपुर रिफर कर दिया जहां जय की मौत हो गई। एक मासूम बच्चे की डेंगू से मौत हो जाने की खबर स्वास्थ्य अमले को है अथवा नहीं? यह तो वे ही जाने परंतु अब तक स्वास्थ्य विभाग का छपारा में सक्रिय न होना इस बात का प्रमाण है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डेंगू को लेकर गंभीर नहीं है क्योंकि यदि वह लोग गंभीर होते तो स्वास्थ्य विभाग का एक दल छपारा पहुंचकर फागिंग मशीन चलवा देते वहीं लार्वा की जांच के लिए टीम भी घूमने लगती।

सिवनी में मिले थे मरीज
ज्ञातव्य है कि पूर्व में सिवनी के विवेकानंद और शहीद वार्ड में डेंगू के संभावित मरीज मिले थे। जैसे ही डेंगू के मरीज मिलने की बात सामने आई, स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका प्रशासन दोनों ही के हाथ पैर फूल गए थे। एक ओर तो नगर पालिका प्रशासन द्वारा फागिंग मशीन और अन्य मच्छर रोधी उपायों की मद में लाखों रूपयों की हर साल होली खेली जाती रही है, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय के जरिए मच्छरों न पनपें इसके लिए लाखों रूपए पानी में बहा दिए जाते हैं। इतना सब कुछ होने के उपरांत भी सिवनी में मलेरिया के मरीज तो ठीक पर डेंगू के मरीज और लार्वा मिलना नगर पालिका और स्वाथ्य विभाग के नपुंसक प्रशासन के गाल पर करारे तमाचे से कम नहीं था।

आनन फानन जारी हुई विज्ञप्तियां
जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य विभाग और नगर पालिका प्रशासन सिवनी ने डेंगू से निपटने क्या उपाय किए यह बात तो वे ही जानें पर जनसंपर्क कार्यालय के माध्यम से दोनों ही के द्वारा हड़बड़ी में विज्ञप्तियां जारी कर अपनी अपनी खाल को बचाने का कुत्सित प्रयास किया गया।

संवेदनशील कलेक्टर ने दिए कड़े निर्देश
जिले के संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव ने सिवनी शहर में डेंगू की भयावह होती स्थिति को देखकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सहित जिले के स्थानीय निकायों, ग्राम पंचायतों आदि को कड़े निर्देशजारी कर कहा है कि डेंगू और मलेरिया के साथ सख्ती से निपटा जाए।

हवा में उड़ा दिए कलेक्टर के निर्देश
सिवनी में स्वास्थ्य विभाग एवं नगर पालिका परिषद् सहित स्थानीय निकाय या ग्राम पंचायतों को जिला कलेक्टर के निर्देश से कोई लेना देना नहीं है। सभी ने जिला कलेक्टर के निर्देशों को हवा में ही उड़ा दिया। अगर ऐसा नहीं था तो फिर क्या कारण है कि सिवनी जिले में डेंगू का लार्वा विवेकानंद और शहीद वार्ड से निकलकर समूचे जिला मुख्यालय तो छोड़िए समूचे जिले में कूच कर गया है।

विधायक पतियों को नहीं किसी का डर
भारतीय जनता पार्टी के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि दरअसल, नगर पालिका परिषद् अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के संपर्क सीधे प्रदेश के बड़े नेता अरविंद मेनन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हैं तथा स्वास्थ्य विभाग में वर्षों से पदस्थ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.वाय.एस.ठाकुर की पत्नि श्रीमती शशि ठाकुर लखनादौन से भाजपा विधायक हैं और जिला मलेरिया अधिकारी का प्रभार वाले डॉ.एच.पी.पटेरिया की पत्नि श्रीमती नीता पटेरिया सिवनी विधायक हैं। संभवतः यही कारण है कि तीनों के तीनों, अपने उंचे सियासी रसूख के चलते संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव के कड़े निर्देशोंको कचरे की टोकरी में चुपचाप सरका देते हैं।

जिले भर में भय का माहौल
गत रात्रि समाचार चेनल्स पर दिल्ली में डेंगू के मरीजों की तादाद एक हजार के लगभग होने तथा दो मरीजों की डेंगू से मौत की खबर से लोगों में भययुक्त सन्नाटा पसर गया है। सिवनी के अलावा केवलारी, बरघाट, कुरई, लखनादौन, घंसौर आदि विकासखण्ड में भी लोग डेंगू के डंक से बेहद बुरी तरह डरे हुए हैं।

अनुभवहीन लोगों के हाथों कमान!

स्वास्थ्य विभाग में अफसरशाही के बेलगाम घोड़े किस कदर दौड़ रहे हैं इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लंबे समय के उपरांत भी स्वास्थ्य और मलेरिया विभाग द्वारा इसके लिए एडवाईज़री नहीं जारी की गई है। मजे की बात तो यह है कि मलेरिया जागरूकता रैली निकलने के साथ ही सिवनी में डेंगू के मरीजों के मिलने का सिलसिला आरंभ हो गया है। वस्तुतः डेंगू से निपटने के लिए स्वास्थ्य या मलेरिया प्रशासन को प्रशिक्षित लोगों के हाथों में इसकी कमान सौंपी जानी थी, किन्तु कमीशनबाजी के मकड़जाल में उलझा स्वास्थ्य और मलेरिया विभाग आशा कार्यकर्ताओं के हाथों में इसकी कमान सौंपकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ही करता नजर आ रहा है।

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