शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2013

हवेली की हुकूमत से आज़ाद होने कलपता केवलारी

हवेली की हुकूमत से आज़ाद होने कलपता केवलारी

(अय्यूब कुरैशी)

सिवनी (साई)। आज़ाद भारत में केवलारी विधानसभा पर अधिकांश समय कांग्रेस का ही राज रहा है। केवलारी में पहले सालों साल तक विमला वर्मा विधायक रहीं तो उनके बाद लंबे समय तक सिवनी में सत्ता और कांग्रेस की धुरी बने रहे हरवंश सिंह ठाकुर के इर्द गिर्द ही सत्ता की धुरी घूमती रही। आज़ादी के उपरांत भी सिवनी जिले का केवलारी विधानसभा क्षेत्र आज़ादी में सांसे लेने को बेताब दिख रहा है।
लगभग बीस सालों से बर्रा हवेलीके ठाकुर हरवंश सिंह केवलारी के विधायक रहे हैं। हरवंश सिंह ने लगभग हर चुनाव में आपने बनाया हमने निभायाकी बुकलेट बांटी, जिसमें उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों की फेहरिस्त जनता के सामने प्रस्तुत की गई। इस सूची में वे ही काम हुआ करते थे जिनकी स्वीकृति बर्रा नरेश द्वारा दी जाती थी। ग्रामीण अंचलों में विकास की किरण शायद नहीं पहुंच सकी, यह बात भी हकीकत ही है।

लंबे समय तक रहे प्रदेश में मंत्री
हरवंश सिंह ठाकुर का कद बेहद ही बड़ा हो गया था। पहली बार विधायक बनते ही हरवंश सिंह ठाकुर को मंत्री लीक से हटकर मंत्री बना दिया गया। जैसे ही हरवंश सिंह ठाकुर प्रदेश में मंत्री बने, केवलारी वासियों की उम्मीदें जागीं कि उसके उपरांत केवलारी का पिछड़ापन काफी हद तक दूर हो सकेगा। केवलारी से भोपाल के लिए सीधी बस सेवा आरंभ हुई तो केवलारी वासियों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, पर धीरे धीरे लोगों को लगने लगा कि महज एक बस चलवाकर ही उनकी समस्याएं समाप्त नहीं होने वाली हैं।

सागर नदी का पुल बना परेशानी का सबब्
केवलारी से बालाघाट को जोड़ने वाले मार्ग पर सागर नदी के पुल का निर्माण सालों से प्रतिक्षित होने के बाद भी हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। केवलारी से उगली मार्ग के निर्माण के समय लोगों को उम्मीद थी कि छोटे बड़े पुल पुलियों के निर्माण के साथ ही सागर नदी के पुल का भी जीर्णोद्धार होगा, किंतु उस वक्त कार्य न होने से लोगों में निराशा पसर गई।

सीएम की घोषणा, नहीं बनी नगर पंचायत
केवलारी विधानसभा क्षेत्र के मुख्यालय केवलारी को नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिल पाने से केवलारी के निवासियों का कांग्रेस के प्रति अब मोह भंग होने लगा है। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में केवलारी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की गई थी। कांग्रेस के कद्दावर नेता तथा प्रदेश में लंबे समय तक ताकतवर मंत्री रहे हरवंश सिंह भी केवलारी को नगर पंचायत नहीं बनवा सके। कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि केवलारी के विधायक रहे हरवंश सिंह चाहते तो केवलारी को नगर पंचायत का दर्जा एक दिन में मिल सकता था, किन्तु उन्होंने कभी दिल से केवलारी का विकास चाहा ही नहीं।

दुर्दशा पर आंसू बहा रहा बस स्टैंड
केवलारी बस स्टैंड की हालत किसी से छिपी नहीं है। केवलारी का बस स्टैंड सालों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। केवलारी में बस स्टेंड के बाजू वाला क्लब भवन पिछले साल काफी जर्जर हालत में था। इस भवन की हालत इतनी जर्जर थी कि यहां सांप बिच्छू ने अपना डेरा जमा लिया था। इस भवन या बस स्टैंड की ओर तत्कालीन विधायक हरवंश सिंह ठाकुर द्वारा कभी ध्यान नहीं दिया गया।

विकास की दौड़ में पिछड़ गया केवलारी
केवलारी अंचल के वाशिंदों के सामने अनेकानेक समस्याएं आज भी सुरसा की तरह मुंह उठाए खड़ी हैं। जिले से बाहर जाकर जीविकोपार्जन करने वाली की संख्या अगर देखी जाए तो एक अनुमान के अनुसार केवलारी से सबसे ज्यादा तादाद में लोग बाहर जाकर कमाने पर मजबूर हैं। इसका कारण केवलारी का उद्योग विहीन होना है। लोगों को इस बात का आश्चर्य है कि केवलारी विधायक हरवंश सिंह के कारण केवलारी क्षेत्र को जाना जाता रहा है। इसके अलावा केंद्र में उद्योग एवं अन्य विभागों के कद्दावर मंत्री रहे कमल नाथ से हरवंश सिंह का जुड़ाव किसी से छिपा नहीं है। कमल नाथ केंद्र में उद्योग मंत्री भी रहे हैं। बावजूद इसके केवलारी क्षेत्र सहित सिवनी जिले में उद्योग धंधों का न होना इस बात का परिचायक है कि उन्होंने अपने प्रभावों का इस्तेमाल कभी भी सिवनी जिले या केवलारी को विकसित करने नहीं किया है।

केवलारी के अंदरूनी मार्ग हो चुके हैं जर्जर
केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंदरूनी मार्गों की दशा देखकर बाहर से आने वाले आगंतुकों को पसीना आ सकता है, यह सच है। केवलारी में बरघाट कान्हीवाड़ा मार्ग की हालत वाकई दर्दनाक ही रही है। साथ ही साथ केवलारी से डुंगरिया मार्ग बेहद ही बुरी स्थिति में पहुंच चुका था। वहीं पलारी से छपारा मार्ग के धुर्रे उड़ चुके। साथ ही साथ पलारी से घंसौर मार्ग पर चलना तो सर्कस के बाजीगरों के ही बस की बात रही।

नांव में जाते हैं स्कूल
केवलारी क्षेत्र के आधा दर्जन गांव के बच्चे आज भी बरसात के मौसम में सड़कों के अभाव में या तो रेल की पांते पार कर स्कूल जाते हैं या फिर नदी से ही आना जाना करते हैं। ये समस्याएं तत्कालीन विधायक हरवंश सिंह ठाकुर के संज्ञान में लाने के बाद भी जस की तस बनी रहना वाकई दुखद ही है।

हवेली की जद से निकलने को बेताब!

केवलारी के लोगों का कहना है कि अब हरवंश सिंह के अवसान के उपरांत कांग्रेस के आला नेताओं ने केवलारी में उनके ज्येष्ठ पुत्र रजनीश सिंह ठाकुर को यहां से टिकिट देने का मन बनाया है। केवलारी क्षेत्र के लोगों विशेषकर युवाओं का कहना है कि समस्याओं के मकड़जाल में उलझा केवलारी विधानसभा क्षेत्र अब बर्रा की हवेलीकी जद से बाहर आने को बेताब ही नजर आ रहा है।

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