सोई कांग्रेस नहीं
भुना पा रही भीड़ जुटाने का मामला!
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। अखिल
भारतीय कांग्रेस कमेटी की जिला इकाई की तंद्रा चुनाव की घोषणा के बाद भी टूट नहीं
सकी है। जिला कांग्रेस के हाथ चुनावी बेला में आए एक शानदार मुद्दे को उसके द्वारा
भुनाने का प्रयास भी न किया जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। जिला कांग्रेस ने
अब तक इस मामले में न तो कोई ज्ञापन ही जिला निर्वाचन अधिकारी को सौंपा है और न ही
धरना प्रदर्शन जैसी कोई कवायद ही की है।
ज्ञातव्य है कि 29 सितम्बर को सिवनी
आई, मध्य
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा, विवादों में आ गई
है। मुख्यमंत्री की इस यात्रा के लिए प्रशासन के आदेश पर लोगों की भीड़ जुटाने का
मामला सामने आया है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के पास आए दस्तावेजों के अनुसार
सिवनी ज़िले में 29 सितंबर को
हुईं उनकी रैलियों के लिए भीड़ जुटाने का काम प्रशासन ने किया था।
गौरतलब है कि सिवनी
ज़िले की धनौरा जनपद के सीईओ की ओर से सभी पंचायतों के सरंपच और सचिवों को लिखित
में आदेश जारी किया गया था, इस आदेश में उन्हें हर पंचायत से कम से कम 150 लोगों की भीड़ लाने
के लिए कहा गया। इतना ही नहीं बल्कि लोगों को लाने ले जाने के लिए गाड़ियों का
इंतजाम करने तक के लिए कहा गया। इस आदेश पत्र में जिला पंचायत सीईओ के निर्देश पर
इसे जारी करने का जिक्र भी किया गया है।
जनपद सीईओ की ओर से
जारी इस आदेश की एक-एक प्रति जिला कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ और एसडीएम को भी भेजी गई
थी। इस मामले में जब आदेश जारी करने वाले जनपद के सीईओ से बात करने की कोशिश को तो
उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया।
इस बारे में एक
निजी चेनल से बातचीत में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने कहा कि इस
संबंध में उनके द्वारा कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। प्रकरण को आयुक्त जबलपुर के पास
भेज दिया गया है। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि कलेक्टर सिवनी ने सीईओ धनौरा से
चुनावी कार्य लेकर उसे तहसीलदार को सौंप दिया है। वहीं जिला कलेक्टर भरत यादव ने
सीईओ धनौरा की मानसिक हालत पर ही प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया है।
भाजपा जिलाध्यक्ष
नरेश दिवाकर ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा होती है कि मुख्यमंत्री का आगमन
हो रहा है वह उनका कार्यक्रम अच्छे से अच्छा करें, ज्यादा से ज्यादा
लोग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को सुनने पहुंचे। वहीं दूसरी ओर कांग्रेसी नेता
राजकुमार खुराना ने कहा कि उनकी पार्टी ने चुनाव आयोग को इस संबंध में शिकायत की
है, और वे ये
मांग करते हैं कि चुनाव आयोग इस मामले में स्वयं संज्ञान लेकर इस अधिकारी के खिलाफ
कड़ा क़दम उठाए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें