बुधवार, 12 फ़रवरी 2014

खुद ही शिकायतें करवा रहे आयुष विभाग के उच्चाधिकारी!

आयुष विभाग के आला अधिकारी बंटवा रहे स्वलिखित जन अभिमत प्रपत्र!

(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। लगता है सिवनी जिले में आयुष विभाग में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को आयुष चिकित्सा एवं स्टॉफ के कार्य व्यवहार पर जन अभिमत शीर्षक का एक प्रपत्र मिला है जिसमें आयुष विभाग के किसी उच्चाधिकारी के हाथ से अभिमत लिखा हुआ है। इसमें आयुष विभाग के कर्मचारियों और चिकित्सकों को कटघरे में खड़ा किया जा सकता है।
साई न्यूज को मिले इस जन अभिमत में चिकित्सालय या औषधालय का नाम, ग्राम या नगर, जिला, अभिमत देने वाले व्यक्ति का नाम और चिकित्सक का नाम तथा अभिमतदाता एवं निरीक्षण कर्ता अधिकारी के हस्ताक्षर का कॉलम रिक्त ही रखा हुआ है।
इसमें प्रश्न और उत्तर के कालम में प्रश्न तो बकायदा प्रिंटेड हैं। इसमें पहले प्रश्न कि क्या आप इस अस्पताल में कार्यरत को जानते हैं के अभिमत में हाथ से हां लिखा हुआ है। इसके बाद दूसरे प्रश्न में क्या चिकित्सक नियम पूर्वक अस्पताल में उपस्थित होते हैं के अभिमत में चि.समय पर औषधालय में नहीं आते। परन्तु औष.आते हैं।
इसके तीसरे प्रश्न में क्या अस्पताल रोज खुलता है के अभिमत में हां लिखा हुआ है। चौथा प्रश्न कि आपकी जानकारी के अनुसार चिकित्सा ज्ञान कैसा है के जवाब में हाथ से अच्छा लिखा हुआ है। पांचवा प्रश्न क्या चिकित्सक रोगियों का इलाज करने एवं सलाह देने में रूचि रखते हैं का अभिमत हाथ से चिकित्सा करते हैं के बाद कुछ अस्पष्ट लिखा हुआ है।
छटवें प्रश्न कि चिकित्सक का रोगियों एवं आम जनता के साथ व्यवहार कैसा के जवाब में अभिमत में व्यवहार सामान्य लिखा हुआ है। सातवें प्रश्न में क्या चिकित्सक अस्पताल स निशुल्क दवाईयां रोगियों को देते हैं के अभिमत में लिखा गया है कि पैसा भी लेते हैं के बाद कुछ अस्पष्ट है फिर लिखा हुआ है कि निशुल्क भी देते हैं। अंतिम प्रश्न कि अस्पताल स्टाफ के व्यवहार के संबंध में अभिमत में लिखा गया है कि अच्छा है।
देखा जाए तो यह अभिमत ग्राम या नगर के लोगों से भरवाया जाना चाहिए। किन्तु बताया जाता है कि जिला आयुष अधिकारी के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा अपने ही हाथ से जनता के बजाए अभिमत लिखकर उसकी छाया प्रति बंटवाई जा रही है ताकि आयुष विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा सके।
जिला आयुष अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि विभाग के ही एक आला अधिकारी द्वारा अपनी ही लिखाई में एक प्रपत्र को भरकर इसकी छाया प्रतियां अपने गुर्गों के माध्यम से बंटवाई जा रही है। सूत्रों का दावा है कि अगर इस छाया प्रति में लिखावट की सतही जांच ही कर ली जाए तो आसानी से पता चल सकता है कि किस अधिकारी द्वारा इस काम को अंजाम दिया जा रहा है।
सूत्रों ने आगे बताया कि इस तरह के प्रपत्र जब भरकर उक्त अधिकारी के पास वापस पहुंचते हैं तब उक्त अधिकारी द्वारा मामले की गंभीरता दर्शाकर आपसी रजामंदी से मामले को सुलटा दिया जाता है। इस मामले में कितनी सच्चाई है इस बारे में जब जिला आयुष अधिकारी से संपर्क करने हेतु 07692 220092 पर फोन किया गया तो फोन की घंटी लगातार बजती ही रही, जिसके चलते आयुष विभाग के अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया।
संवेदनशील जिला कलेक्टर भरत यादव से जनापेक्षा है कि इस तरह से अगर कोई अधिकारी अपने ही विभाग के विरूद्ध माहौल बना रहा हो तो उसके खिलाफ कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करें। इसके लिए सबसे पहले निर्धारित जन अभिमत प्रपत्र में लिखवाट का मिलान जिला आयुष अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों की लिखावट से अवश्य करवा लिया जाए ताकि यह पता चल सके कि वह कौन सा जिम्मेदार अधिकारी है जो इस तरह के काम को अंजाम देकर विभाग की छवि पर बट्टा लगाने का कुत्सित प्रयास कर रहा है।

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