बुधवार, 5 मार्च 2014

बैंक भी धोखाधडी में शामिल



       आज देश के भ्रष्टाचार भरे माहौल में हालात यह हो गये हैं कि हर किसी को जैसे ही मौका मिलता है वह भ्रष्टाचार, चोरी-डकैती, धोखाधड़ी करने से बाज नहीं आ रहा और अगर वह सरकारी महकमे में बैठा है तो बेधड़क होकर ऐसे कारनामों को अंजाम देना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझता है| आज के आधुनिक तकनीकि युग में उन्हें मालूम भी रहता है कि अगर हम किसी भी प्रकार का धोखाधड़ी या अनैतिकता से संबंधित गैर-कानूनी कार्य को अंजाम देंगे तो हमें चंद पलों में ही पकड़ा जा सकता है मगर उन्हें भरोसा है अपने उन भ्रष्ट साथियों, अधिकारियों और नेताओं पर जो हर क्षेत्र मे कुकुरमुत्तों के समान उगे हुये हैं, वे भ्रष्ट अधिकारी व नेता उन्हें अवश्य ही बचा लेंगे और उनका बाल भी बाँका नहीं होने देंगे| यह मामला बैंकिंग प्रणाली से संबंधित है जिसमें बैंक अधिका्रियों के द्वारा धोखाधड़ी करते हुये मासूम व निर्दोष ग्राहकों की अज्ञानता व उनकी नासमझी का फायदा उठाते हुये ATM Card धारकों को लूटा जा रहा है| हम जानते कि हैं कि जिस प्रकार बच्चे को चॉकलेट का सहारा देकर उसकी नासमझी और मासूमियत का फायदा उठाकर उसे बहका लिया जाता है और उनका शोषण कर लिया जाता है, आदिवासियों को बहकाकर उनकी जमीनों पर अतिक्रमण कर लिया जाता है| जिसे देखकर कानूनन नाबालिक बच्चों के साथ किये गये किसी भी अनैतिक व गैर-कानूनी व्यवहार पर सज़ा देने का प्रावधान रखा गया है और इसी प्रकार आदिवासियों की सुरक्षा के लिये उनके जमीन जायदाद पर किसी भी प्रकार के लेन-देन पर रोकथाम लगाई गई है|
उसी प्रकार देश की लगभग 80% आबादी नासमझी और साक्षरता के अभाव में जी रही है, उन्हें कोई भी "नटवरलाल" तकनीकि माध्यम का सहारा लेकर बेवकूफ न बना सके इसलिये RBI ने सभी बैंकों को निर्देष दिया हुआ है कि,"किसी भी Debit Card धारक के खाते में हुये लेन-देन से संबंधित मामले में किसी भी हालात में खाताधारक को SMS जरूर मिलना चाहिये अगर ऐसा नहीं होता है तो तुरन्त ही उसके साथ हुई धोखाधड़ी की रकम उसके खाते में जमा करनी चाहिये" परन्तु लगभग अधिकांशतः बैंक इस भ्रष्टाचारी भरे माहौल में इन नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं बल्कि ऐसा दिखाई दे रहा है कि, खाताधारकों की नासमझी का फायदा उठाकर गिरोह स्तर पर Debit Card धारकों को धोखाधड़ी करते हुये लूटने का कार्य कर रहे हैं| यह मामला लुधियाना की श्रीमती अलका रानी पत्नि श्री. शिवनाथ झा(पताः अजीत नगर, गली नं. 1, प्लॉट नं. 76-77, भाटिया बेट, मेट्रो शॉपिंग कॉम्पलेक्स के पीछे, लुधियाना – 141008) का है| जिनका "बैंक ऑफ इंडिया" में खाता है जब वे "पंजाब नैशनल बैंक" के ATM से रुपय निकालने के लिये गईं तो वहाँ के हालात कुछ इस प्रकार थेः- दरवाज़ा पूरी तरह खुला हुआ था, गार्ड वहाँ मौजूद नहीं था, कोई भी अन्दर आकर ATM से पैसा निकालने वाले को कुछ भी कहने का अधिकार रखता था|
अगर ऐसे हालात किसी भी ATM के हों तो यह साफ नज़र आता है कि उस ATM को किसी लूटपाट व धोखाधड़ी करने वाले गिरोह द्वारा ही संचालित किया जा रहा होगा और उसमें बैंक के मैनेजर और अधिकारी कहीं न कहीं पूरी तरीके से अवश्य ही शामिल होंगे क्योंकि ऐसे ATM अगर इस प्रकार की हालत में चल रहे हैं तो वह नियमों को ताक पर रख कर ही चलाये जा रहे हैं, जिसके जिम्मेदार उस ATM के संचालक ही होंगे| "पंजाब नैशनल बैंक" के ATM में भी बिलकुल यही हालत दिखाई दे रहे हैं| इसमें बैंक मैनेजर इसलिये शामिल हो सकता है क्योंकि ATM के ऊपर ही बैंक की शाखा भी मौजूद है|
अलका जी के साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत जब उन्होंने अपने बैंक "बैंक ऑफ इंडिया" में की, तो किसी भी अधिकारी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया जैसे उनके लिये यह रोजमर्रा की बात हो, जो यह बताने के लिये पर्याप्त है कि "बैंक ऑफ इंडिया" के अधिकारीगण भी इस पूरे गोरखधंधे मे शामिल हैं| यहाँ यह आरोप इसलिये लगाया जा रहा है क्योंकि अगर कोई भी प्रभारी(In-charge) सर्वप्रथम यह अवश्य चाहेगा कि उसके क्षेत्र में किसी भी प्रकार का गैर-कानूनी कार्य नहीं हो इसलिये वह छोटी से छोटी अव्यवहारिक गतिविधी पर भी नज़र रखते हुये उसे दुरूस्त करना चाहेगा मगर यहाँ ऐसा कुछ नहीं दिखाई दिया जो यह दर्शाने के लिये पर्याप्त है कि ऐसी घटनायें इन अधिकारियों के लिये रोजमर्रा की बात है|
ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि अधिकारी अयोग्य हो या उनसे कहा गया हो कि "यदि आपके बैंक के खाताधारक के साथ इस प्रकार की कोई भी अव्यवहारिक घटना हो तो उस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें लुटने दो वे लोग अपने आप रो-पीटकर चुप हो जायेंगे"| जबकि अगर यह अधिकारीगण अपने काम के प्रति ईमानदार होते तो फौरन ही कार्यवाही करते हुये संबंधित घटना क्षेत्र के ATM के बैंक को सूचित करके वीडियो फुटेज लेते हुये कार्यवाही शुरू कर देते मगर आज 40 दिन हो गये हैं पर यह लोग अभी भी सो रहे हैं और सोच रहे हैं कि पीड़ित भी थकहार कर चुपचाप बैठ जायेगा और हमारा धंधा बदस्तूर जारी रहेगा| न ही इन लोगों ने "पंजाब नैशनल बैंक" की शाखा के मैनेजर या उनके मुख्य कार्यालय को शिकायत की कि उनके बैंक के ATM में बिना गार्ड के लेन-देन किया जा रहा है जिसका खामियाज़ा ATM धारकों को उठाना पड़ रहा है| संबंधित मामले में संगठन पीड़िता के शपथ-पत्र(जो साथ में संलग्न है) के साथ संबंधित विभागों - थाना प्रभारी, "पंजाब नैशनल बैंक" की लुधियाना शाखा और मुख्य कार्यालय, "बैंक ऑफ इंडिया" की लुधियाना शाखा और मुख्य कार्यालय, बैंकिंग लोकायुक्त, पंजाब राज्य महिला आयोग और पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत-पत्र भेज रहा है|

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