दो के बजाए एक ही दरवाजे की चल रहीं
बस
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। सिवनी से आने जाने वाली
यात्री बसें प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान के निर्देशों और परिवहन विभाग की
गाईड लाईन का खुला माखौल उड़ाती दौड़ रही हैं। इन बसों पर न तो फिटनेस का आता पता है
और न ही दो दरवाजे ही दिखाई दे रहे हैं। यह सब देखने सुनने के बाद भी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन आंखें बंद किए बैठा है।
परिवहन विभाग के सूत्रों ने समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि यात्री बसों में निर्धारित परमिट नंबर, फिटनेस आदि को वैधता के साथ लिखा जाना चाहिए। इसके अलावा बस
में रूट के हिसाब से किराया सूची भी पठनीय तरीके से चस्पा होना चाहिए। विडम्बना ही
कही जाएगी कि न तो फिटनेस ही इसमें दिखती है, न ही किराया सूची
या परमिट।
यहां यह उल्लेखनीय होगा कि सिवनी का
राज्य परिवहन का बस स्टैंड अब परिवहन विभाग की संपत्ति बन गया है। इसके साथ ही साथ
बस स्टैंड परिसर में ही यातायात पुलिस की चौकी भी स्थापित हो चुकी है। आश्चर्य का
विषय तो यह है कि दोनों ही जिम्मेदार विभागों की नजरों के सामने से रोजाना ही
यात्री बस कई फेरे लगाती हैं, पर इनकी नजरें इन
पर इनायत नहीं हो पाती हैं।
कहा जा रहा है कि जिन यात्री बसों के
पास वैध परमिट नहीं हैं वे भी सड़कों पर दौड़ रही हैं। पर्यटक परमिट पर चलने वाली
यात्री बस भी स्टेट कैरिज के मानिंद ही जगह-जगह सवारी भर और उतार रहीं हैं। मजे की
बात तो यह है कि जो यात्री बस नागपुर में सपनि के बस स्टैंड के आसपास भी नहीं फटक
पाती हैं वे भी सिवनी बस स्टैंड परिसर के अंदर आकर सीना ठोंककर सवारियां, उतार और भर रहीं हैं।
उल्लेखनीय होगा कि कुछ समय पूर्व
सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर भी स्टेट कैरिज के रूप में अवैध रूप से संचालित होने
वाली यात्री बसों की सूची डाली गई थी। संचार क्रांति के युग में पुलिस और जिला
प्रशासन के आला अधिकारियों ने भी इसे देखा होगा, पर इन पर अब तक कोई कार्यवाही न होना अपने आप में यह दर्शाने
के लिए पर्याप्त है कि निजी बस संचालकों का रेकिट कितना तगड़ा है।
कुछ समय पूर्व प्रदेश के निजाम
शिवराज सिंह चौहान द्वारा सड़कों पर एक के बजाए दो दरवाजे वाली बसों को ही चलाने के
आदेश दिए गए थे। आज भी एक दरवाजे वाली यात्री बसें बेधड़क चलते हुए शिवराज सिंह
चौहान के आदेश को धता बता रही हैं।
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