जमीन, प्लेग्राउंड, लाईब्रेरी, अप्रशिक्षित स्टाफ के चलते हुआ सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल का मान्यता आवेदन रद्द
चालू शैक्षणिक सत्र के लिए सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल को नहीं मिली सीबीएसई मान्यता
सिवनी। ‘‘जिला मुख्यालय सिवनी में संचालित होने वाले और स्तरीय शिक्षण प्रदान करने वाले सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल स्कूल को केंद्रीय शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने मान्यता देने से साफ इंकार कर दिया है। इसका कारण यहां सीबीएसई के नार्मस के मुताबिक पर्याप्त भूखण्ड, खेल का मैदान, पुस्तकालय में किताबों की कमी और अप्रशिक्षित स्टाफ आदि को आधार बनाया गया है।‘‘ उक्ताशय की जानकारी केंद्रीय शिक्षा बोर्ड के मध्य प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्रीय कार्यालय अजमेर के सूत्रों द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
सूत्रों ने बताया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकन्डरी एजूकेशन शिक्षा केंद्र, 2, कन्यूनिटी सेंटर, प्रीत विहार विकास मार्ग नई दिल्ली 110092 की एफीलेशन ब्रांच के सहायक सचिव खुशाल सिंह के हस्ताक्षरों से 12 मई 2005 को जारी पत्र क्रमांक सीबीएसई / एएफएफ / एस एल / 1701 - 1011 / 2010 में सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल के प्रबंधक को उक्ताशय की बात से आवगत करा दिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि पत्र में लिखा गया है कि सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल शाला प्रबंधन के आन लाईन आवेदन नंबर एस.एल. - 1701 - 1011 के संदर्भ में एक और दो फरवरी 2010 को शाला के हुए निरीक्षण के उपरांत निरीक्षण प्रतिवेदन और बोर्ड को सौंपे गए प्रपत्रों के अध्ययन के उपरांत उक्त निर्णय लिया गया है।
पत्र की कंडिका एक में कहा गया है कि शाला द्वारा जिस भवन में स्कूूल का संचालन किया जा रहा है वह बोर्ड के द्वारा निर्धारित नार्मस डेढ से दो एकड से कम है। जिसमें शाला भवन का निर्माण और शेष भाग में खेल का मैदान होना आवश्यक है। शाला द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उसके द्वारा दिए गए प्रपत्रों में इंफ्रास्टकचर, कक्षाएं, दो स्थानों के बीच की दूरी,, हर साईट का क्षेत्रफल आदि क्या है?
सीबीएसई अजमेर कार्यालय के सूत्रों ने आगे बताया कि इस पत्र की कंडिका दो में उल्लेख किया गया है कि सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल में अध्ययापन कराने वाले कई शिक्षक अप्रशिक्षित हैं, अतः सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल शाला प्रबंधन को ताकीद किया गया है कि वह बोर्ड के नार्मस के मुताबिक क्वालिफाईड और प्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्त करे।
सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल को एफीलेशन विभाग के सहायक सचिव खुशाल सिंह के हस्ताक्षरों से जारी उक्त पत्र की कंडिका तीन कहती है कि सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल शाला का पुस्तकालय काफी छोटा है, अतः शाला प्रबंधन को चाहिए कि अपने पुस्तकालय को कक्षाआं के मुताबिक और किताबें शामिल कर और अधिक समृद्ध बनाया जाए। इसी पत्र की चौथी कंडिका में उल्लेख किया गया है कि सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल प्रबंधन द्वारा शाला ने नाम पर जमीन या भवन के कागज नहीं संलग्न किए गए हैं, अतः सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल प्रबंधन सेल डीड की कापी संलग्न की जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जमीन को सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल शाला संचालित करने वाली सोसायटी या शाला के नाम पर रजिस्टर्ड किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि इस पत्र की कंडिका पांच में महत्वपूर्ण बात कही गई है, जिसके चलते ही इस नए शैक्षणिक सत्र में सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल के शाला प्रबंधन ने आनन फानन में जबलपुर रोड पर निर्माणाधीन शाला भवन में शाला को स्थानांतरित कर दिया है। इस कंडिका में कहा गया है कि शाला का नया भवन अभी निर्माणाधीन है, और शाला को उसमें अभी स्थानांतरित किया जाना बाकी है। शाला प्रबंधन ने भले ही 21 जून से आरंभ हुए शैक्षणिक सत्र में निर्माणाधीन भवन में शाला को स्थानांतरित कर दिया हो किन्तु उसकी मान्यता का आवेदन तो निरस्त ही कर दिया गया है।
इस पत्र की अंतिम और छटवी कंडिका में कहा गया है कि सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल शाला को अभी भी पर्याप्त संख्या में क्वालिफाईड और प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती आवश्यक है जो बोर्ड के नार्मस के हिसाब से 1: 1.5 का अनुपात हर स्तर पर बनाए रख सके। अंत में सहायक सचिव खुशाल सिंह आदेशित करते हैं कि उक्त सारी कमियों के चलते शाल प्रबंधन के केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से मान्यता के आवेदन को जिसमें शाला प्रबंधन ने 2010 - 2011 के लिए मान्यता चाही गई थी को निरस्त किया जाता है।
सीबीएसई के सहायक सचिव ने आगे कहा है कि इन कमियों को दूर कर सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल को चाहिए कि वह मान्यता हेतु नया मान्यता आवेदन बाकायदा निर्धारित फीस के प्रस्तुत करे ताकि उस पर विचार किया जा सके। खुशाल सिंह ने सेंट फ्रांसिस ऑफ एसिसी स्कूल को साफ तौर पर कहा है कि शाला सीबीएसई पेटर्न पर नवमीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं में कक्षाएं आरंभ कतई न करे अन्यथा किसी भी तरह के विवाद के लिए सीबीएसई बोर्ड की कोई जवाबदारी नहीं होगी।
(क्रमशः जारी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें