बुधवार, 8 दिसंबर 2010

बढ़ने लगी है अर्जुन सिंह के घर की चहल पहल

जल्द ही कोई धमाका कर सकते हैं कुंवर साहेब
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। बीसवीं सदी के अंतिम दशकों में कांग्रेस की राजनीति के चाणक्य समझे जाने वाले कुंवर अर्जुन सिंह की चालों को समझ पाना किसी के बस की बात नहीं है। डॉ.मनमोहन सिंह की दूसरी पारी में दूध में से मख्खी की तरह निकाल बाहर किए जाने के उपरांत पूर्व केंद्रीय मंत्री कंुवर अर्जुन सिंह लंबे अरसे से खामोश हैं। अर्जुन सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि उनकी यह खामोशी जल्द ही टूटने वाली है।
 
गौरतलब होगा कि इशारों ही इशारों में जहर बुझे तीर चलाकर अर्जुन सिंह को अपने विरोधियों का शमन करने में महारथ हासिल है। संप्रग की दूसरी पारी में उन्हें मंत्री मण्डल से बाहर कर दिया गया था। उस वक्त उम्मीद जताई जा रही थी कि वे कोई न कोई धमाका अवश्य ही करेंगे।
 
कांग्रेस के रणनीतिकारों ने अर्जुन सिंह को किनारे करने के लिए सारे जतन कर लिए। उनकी पुत्री वीणा सिंह को कांग्रेस की टिकिट नहीं दी गई। यहां तक कि लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रत्याशी के पक्ष में सीधी संसदीय क्षेत्र के चुनाव प्रचार में जाने के लिए उनके लिए निर्धारित विमान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी के एक करीबी गुजरात की यात्रा पर निकल गए, मजबूरी में अर्जुन सिंह को महाकौशल एक्सप्रेस से सतना पहुंचना पड़ा।
 
इसके उपरांत अर्जुन सिंह की पत्नि ने परोक्ष तौर पर कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमति सोनिया गांधी पर परोक्ष तौर पर आरोप लगाकर ठहरे हुए पानी में कंकर मार दिया था। इसी बीच उनके राज्यपाल बनने की खबरें राजनैतिक फिजां में तैर गईं थीं। अर्जुन सिंह से सोनिया गांधी की नाराजगी का आलम यह था कि सोनिया गांधी ने उन्हें अपने पारिवार अर्थात जवाहर लाल नेहरू ट्रस्ट से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इस सबके बावजूद भी अर्जुन सिंह ने अपनी खामोशी नहीं तोड़ी।
 
अर्जुन सिंह के राजनैतिक तौर पर किनारे होने की आशंका को भांपकर उनके अनुयाईयों ने भी नया ठौर ठिकाना ढूंढकर अपने आका बदल लिए। इसके बाद पिछले लगभग डेढ़ साल से अर्जुन सिंह के दिल्ली स्थित सरकारी आवास में सन्नाटा ही पसरा हुआ है। पिछले दिनों वे जब मध्य प्रदेश की यात्रा पर गए तब पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा था कि वे राजनैतिक जीवन के अर्जित अवकाश (अर्न लीव) का आनंद उठा रहे हैं।
 
अर्जुन सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल में घोटाले दर घोटाले सामने आने के बाद अब ‘दाउ साहेब‘ एक बार फिर सक्रिय होते नजर आ रहे हैं। चर्चा तो यहां तक है कि जल्द ही अर्जुन सिंह मीडिया से रूबरू होने वाले हैं, जिसमें वे घोटालों के कारण धूमिल होती कांग्रेस की छवि को ध्यान में रखकर समस्त मंत्रियों को यह भी मशविरा देने वाले हैं कि सभी अपने अपने त्यागपत्र सौंप दें, फिर नए सिरे से मंत्रीमण्डल का गठन किया जाए। इन खबरों में सच्चाई कितनी है यह बात तो कुंवर अर्जुन सिंह ही जानें किन्तु उनके आवास की बढ़ती चहल पहल से लगने लगा है कि जल्द ही कांग्रेस के गुजरे जमाने के चाणक्य की खामोशी टूटने वाली है।

ज्ञातव्य है कि डॉ.मनमोहन सिंह की दूसरी पारी में एक के बाद एक घोटाले जिस तरह से सामने आ रहे हैं, वैसा अब तक किसी भी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में नहीं हुआ है। अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि 7, रेसकोर्स रोड़ (भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री का सरकारी आवास) को आशियाना बनाने की तमन्ना मन में रखने वाले दूसरी पंक्ति के नेताओं द्वारा एक के बाद एक स्केम को मीडिया के माध्यम से उजागर किया जा रहा है, ताकि मनमोहन सिंह की रूखसती के मार्ग प्रशस्त हो सकें।

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