एमपी से एक पीडिता का खुला पत्र
सेवा मे
श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक महांेदय
रीवा रेन्ज, रीवा
संदर्भ- श्रीमान् पुलिस महानिरीक्षक महोदय हिदयत के बावजूद आरोपीयो द्वारा पुनः घटना कारित किय जाने के सम्बन्ध वाबत।
मान्यवर,
प्रार्थिया की याचना निम्नानुसार है।
यह की दिनांक 16.11.2010 से आज दिनांक तक थाना प्रभारी सिविल लाईन द्वारा उच्चाधिकारियो के निर्देश के बाबजूद कोई कार्यवाही नही की गई जब की अरोपियो द्वारा मेरे साथ पांच पांच बार घटना कारित की गई जिसमे लूटपाट डकैती घर मे अपना कब्जा जमाने मारपीट करने भद्दी-भद्दी गाली गलौज करने जान से मार देने की धमकी देने एवं घर मे घुसकर मेरे साथ मारपीट अभद्रता किया गया जिसके बाद भी थाना प्रभारी सिविल लाईन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई मामला को दबाने का हर संभव प्रयास किया गया एवं अरोपियो को संरक्षण प्रदान कर उनका हौसला बुलंद किया गया जिसकी सूचना मेरे द्वारा थाना एवं सभी पुलिस अधिकारियेा को दी जा चुकी है। जिनकी छाया प्रतियां आवेदन के साथ संलग्न है।
1ण् यह की मेरे एवं मेरे पति के द्वारा दिये गये आवेदनो मे आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही की गई मामला तक कायम नही किया गया जबकी मामला डकैती लूटपाट कर घर मे अपना कब्जा जमाने का है। जैसा की टी0 आई0 साहब द्वारा दिनांक 29.12.2010 को आई0 जी0 साहब के समक्ष मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह के पक्ष मे बोलने मे कोई कसर नही छोडी यहां तक की उनके द्वारा कहा गया की घटना के समय नितिन प्रताप सिंह थाने बैठा था। जबकी यह सरासर झूठ है। जबकी उसके एवं उसके साथियेा द्वारा मेरे घर को घेरकर दरबाजा तोड़ने का प्रयास किया गया था। जिसमे आई0 जी0 साहब द्वारा मेरी मदद की गई थी ।
2ण् यह की थाना प्रभारी सिविल लाईन के द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नही की गई मामले को दबाने का हर संभब प्रयास किया गया उनके द्वारा अधिकारियो के समक्ष भी झूठ का सहारा लेकर अरोपियो की हर संभब मदद की गई टी0 आई0 साहब द्वारा अधिकारियो से मामले को सिविल प्रकरण बताया गया । क्या किसी के घर मे डकैती डालकर सारा समान लूट ले जाना और घर मे दबंगइयी से कब्जा कर लेना सिविल प्रकरण है। क्या इस स्थित मे सीधा साधा आदमी सुरक्षित रह पायेगा। जब न्याय देने वाला ही अपराधियेा से मिल जाय।
3ण् यह की थाना प्रभारी सिविल लाईन द्वारा मेरे और मेरे पति के साथ अरोपियो से मिलकर सणयंत्र किया गया जिसमे दो दिन रूक जाओ कह कह कर लगभग दो माह तक चक्कर लगबाते रहे। उसके बाद आई0 जी0 साहब के निर्देश के बाद उनके द्वारा एस0 आई0 साकेत एवं अन्य चार पांच सिपाहियो को भेजकर दिनांक 24.12.2010 को ताला तोडबाकर मेरे परिबार को घर मे रूकने को कहा गया और आदेशानुसार दो सुरक्षा गार्ड तैनात किये गयेे। जो रात 10 बजे के बाद हमको एवं हमारे परिबार को अकेला छोड़ भाग खड़े हुए जिसके बाद अरोपियो द्वारा मेरा घर घेर लिया गया और हम लोग किसी तरह जान बचाकर थाना सिविललाईन पहुचे जहां टी0 आई0 साहब मौजूद नही थे जिसके बाद सूचना मेरे पति के द्वारा उनके मोबाईल पर दी गई तब उनके द्वारा यह कहा गया की इसका जिम्मेदार मैं नही हूं और मेरे पास यही बस काम नही है कह कर फोन काट दिया गया। उसके बाद टी0आई0 का दिनांक 25.12.2010 को सुबह करीब 11बजे मेरे पति के पास फोन आया की थाने आजाओ जब मेरे पति थाना सिविललाईन पहुचे तो देखा की मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिहं एवं उसके साथ मे कई लोग मौजूद थे। जिसमे एक पत्रकार महोदय भी सामिल थे। तब टी0आई0 द्वारा मेरे पति के ऊपर दबाब बनाया गया की समझौता करके घर उसके नाम करबादो जिसमे मेरे पति कोई प्रतिक्रिया दिये बगैर वापस आ गये जिसके बाद भी टी0आई0साहब का कई वार फोन आया जिसमे वही बात कही गई जिसमे मेरे पति के द्वारा दिनांक 29.12.2010 को साफ इंकर कर दिया गया जिसके कारण टी0आई0साहब काफी नाराज हो गये उसके बाद मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह का फोन आया की अगर तुम रजिस्ट्री नही करबाओगे तेा घर भी जाऐगा और जान भी जाएगी तब मेरे पति के द्वारा यह कहां गया की क्या तुम जबरदस्ती किसी का घर ले लोगे जिस पर उसके द्वारा फोन पर गाली गलौज की गई और बोला गया अभी तेरे घर जाकर दरबाजा तोड़ डालूगा और जो मिला उसे गोली मार दूगां। अब देखता हूं तुझे और तेरे परिबार को कौन बचाता है और इसके बाद अरोपी नितिन प्रताप सिंह एवं उसके साथियों के द्वारा मेरे घर को घेरकर दरबाजा तोड़ने का प्रयास किया गया। और भद्दी-भद्दी गालियो का प्रयोग किया गया। उस समय हम औरते घर मे अकेली थी। हमारे अंदर दहसत भर गई किसी तरह मेरे द्वारा आई0जी0 साहब को घटना के बारे मे फोन पर अबगत कराया गया । जिनके द्वारा पुलिस फोर्स भेजकर हमारी सुरक्षा की गई।
4ण् यह की श्रीमान पुलिश महानिरीक्षक के द्वारा दिनांक 29.12.2010 को मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह की फोटो खिचाकर हिदायत दी गई थी की आज के बाद इन्हे किसी प्रकार से परेशान नही करोगे नही तुम्हारे लिऐ अच्छा नही होगा। जिसके वाद आरोपियो द्वारा हिदायत की अबहेलना कर दिनांक 07.01.2011एवं 08.01.2011 के दर्मियान लगभग राति 12 बजे मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह अरूण प्रताप सिंह गुड्रडा सिंह पिंकू सिंह मनोज सिंह एवं अन्य पांच छ अरोपियो द्वारा मेरे घर मे घुसकर दरबाजा तोडकर मारपीट गाली गलौज एवं जान से मार देने का प्रयास किया गया। जिसके बाद हल्ला गोहार मचाने पर किसी तरह से हमारी जान बच पाई और उक्त आरोपी गण मेरे घर से भाग गये । जिसकी सूचना मेरे द्वारा थाना प्रभारी सिविललाईन को दिनांक 08.01.2011 को दी गई है।
5ण् यह की दिनांक 08.01.2011 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को घटना की सूचना दिये जाने के बाद उनके द्वारा थाना प्रभारी सिविल लाईन को बुलाकर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। जिस पर उनके द्वारा यह कथन दिया गया की ये महिला झूठ बोलती है । इस प्रकार की कोई घटना इसके साथ नही घटित हुई। ये सब बनाबटी है। इसी कारण आई0 जी0 साहब द्वारा अपने कार्यालय से इसे डाटकर भगा दिया गया था। जो थाना प्रभारी द्वारा सरासर झूठ बोलकर अधिकारियो को भ्रमित करते है। इस प्रकार की मेरे साथ कभी कोई घटना घटित नही हुई । की किसी अधिकारी द्वारा मुझे डाटकर भगा दिया गया हो। इसके बाद थाना प्रभारी की आरजू मिन्नत एवं निर्देश के बाद मेरे घर जाकर मौका मुआयना किया जा कर मामले की खाना पूर्ति की गई।
6ण् यह की इस स्थित मे जब थाना प्रभारी ही आरोपियो से मिला हो उन्हे संरक्षण दे रहा हो एवं उनके बचाब मे झूठा कथन दे रहा हो। तो प्रार्थिया को न्याय क्या देगा । मुझे यह संका होती है। की अगर मेरे अथबा मेरे परिबार की आरोपियो द्वारा हत्या भी कर दी जाय तो थाना प्रभारी सिविललाइन द्वारा आरोपियो के पक्ष मे वचाव हेतु कोई कथन दे सकते हैं । और उस स्थित मे भी मुझे न्याय नही मिल पाऐगी ।इस तरह के पुलिस अधिकारियो के खिलाफ बोलना एवं शिकायत करना भी खतरनाक साबित हो सकता है। उनके द्वारा मुझे एवं मेरे परिवार का किसी झूठे मामले मुकदमे मे फसाया जा सकता है।
7ण् यह की मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह एवं उसके साथियो के खिलाफ विभिन्न थाने मे मारपीट लूट एवं डकैती के कई मामले पंजीबद्ध हैं। मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह के ऊपर जिला बदर एवं 307 जैसे मामले चलाऐ जा चुके हैं । जिसकी जानकारी सभी पुलिसा अधिकारियेां एवं श्री मान गृह मंत्री तक को हैं। जिनके द्वारा आरेापी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का आदेश भी दिया जा चुका है। जिसके बाद भी उसके खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नही की गई जिस से उसका मनेाबल काफी बढ़ा हुआ है। और वह कोई घटना कभी भी कारित कर सकता है।
8ण् यह की मुझे एवं मेरे परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान कराई जाये एवं मामला कायम कराया जाय । मेरे मामले की जांच किसी उच्चाधिकारी से कराई जाय। जिससे मेरे परिवार की जान माल की सुरक्षा हो सके। इसके पहले भी मेरे द्वारा पुलिस सुरक्षा की मांग की जा चुकी हैं जिस पर कोई कार्यवाही नही हुई । अगर आपके द्वारा मुझे पुलिस सुरक्षा प्रदान नही की गई तो कभी भी कोई घटना घटित हो सकती है।
अस्तु उपरोक्तानुसार फरियाद कर प्रर्थना करती हूु की आरोपियो के खिलाफ मामला कायम करा कर मुझे जानमाल की सुरक्षा प्रदान करने की कृपा की जाय।
रीवा दिनांक 18.01.2011
प्रार्थिया
पद्मा मिश्रा
नारेन्द्र नगर मकान नं. 17/208 थाना
सिविल लाइन जिला रीवा म0प्र0)
हाल निवाश रतहरा पेट्रोल पंप के पास
माकान नं0 15/1719 रतहरा रीवा (म0 प्र0)
श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक महांेदय
रीवा रेन्ज, रीवा
संदर्भ- श्रीमान् पुलिस महानिरीक्षक महोदय हिदयत के बावजूद आरोपीयो द्वारा पुनः घटना कारित किय जाने के सम्बन्ध वाबत।
मान्यवर,
प्रार्थिया की याचना निम्नानुसार है।
यह की दिनांक 16.11.2010 से आज दिनांक तक थाना प्रभारी सिविल लाईन द्वारा उच्चाधिकारियो के निर्देश के बाबजूद कोई कार्यवाही नही की गई जब की अरोपियो द्वारा मेरे साथ पांच पांच बार घटना कारित की गई जिसमे लूटपाट डकैती घर मे अपना कब्जा जमाने मारपीट करने भद्दी-भद्दी गाली गलौज करने जान से मार देने की धमकी देने एवं घर मे घुसकर मेरे साथ मारपीट अभद्रता किया गया जिसके बाद भी थाना प्रभारी सिविल लाईन द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई मामला को दबाने का हर संभव प्रयास किया गया एवं अरोपियो को संरक्षण प्रदान कर उनका हौसला बुलंद किया गया जिसकी सूचना मेरे द्वारा थाना एवं सभी पुलिस अधिकारियेा को दी जा चुकी है। जिनकी छाया प्रतियां आवेदन के साथ संलग्न है।
1ण् यह की मेरे एवं मेरे पति के द्वारा दिये गये आवेदनो मे आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नही की गई मामला तक कायम नही किया गया जबकी मामला डकैती लूटपाट कर घर मे अपना कब्जा जमाने का है। जैसा की टी0 आई0 साहब द्वारा दिनांक 29.12.2010 को आई0 जी0 साहब के समक्ष मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह के पक्ष मे बोलने मे कोई कसर नही छोडी यहां तक की उनके द्वारा कहा गया की घटना के समय नितिन प्रताप सिंह थाने बैठा था। जबकी यह सरासर झूठ है। जबकी उसके एवं उसके साथियेा द्वारा मेरे घर को घेरकर दरबाजा तोड़ने का प्रयास किया गया था। जिसमे आई0 जी0 साहब द्वारा मेरी मदद की गई थी ।
2ण् यह की थाना प्रभारी सिविल लाईन के द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नही की गई मामले को दबाने का हर संभब प्रयास किया गया उनके द्वारा अधिकारियो के समक्ष भी झूठ का सहारा लेकर अरोपियो की हर संभब मदद की गई टी0 आई0 साहब द्वारा अधिकारियो से मामले को सिविल प्रकरण बताया गया । क्या किसी के घर मे डकैती डालकर सारा समान लूट ले जाना और घर मे दबंगइयी से कब्जा कर लेना सिविल प्रकरण है। क्या इस स्थित मे सीधा साधा आदमी सुरक्षित रह पायेगा। जब न्याय देने वाला ही अपराधियेा से मिल जाय।
3ण् यह की थाना प्रभारी सिविल लाईन द्वारा मेरे और मेरे पति के साथ अरोपियो से मिलकर सणयंत्र किया गया जिसमे दो दिन रूक जाओ कह कह कर लगभग दो माह तक चक्कर लगबाते रहे। उसके बाद आई0 जी0 साहब के निर्देश के बाद उनके द्वारा एस0 आई0 साकेत एवं अन्य चार पांच सिपाहियो को भेजकर दिनांक 24.12.2010 को ताला तोडबाकर मेरे परिबार को घर मे रूकने को कहा गया और आदेशानुसार दो सुरक्षा गार्ड तैनात किये गयेे। जो रात 10 बजे के बाद हमको एवं हमारे परिबार को अकेला छोड़ भाग खड़े हुए जिसके बाद अरोपियो द्वारा मेरा घर घेर लिया गया और हम लोग किसी तरह जान बचाकर थाना सिविललाईन पहुचे जहां टी0 आई0 साहब मौजूद नही थे जिसके बाद सूचना मेरे पति के द्वारा उनके मोबाईल पर दी गई तब उनके द्वारा यह कहा गया की इसका जिम्मेदार मैं नही हूं और मेरे पास यही बस काम नही है कह कर फोन काट दिया गया। उसके बाद टी0आई0 का दिनांक 25.12.2010 को सुबह करीब 11बजे मेरे पति के पास फोन आया की थाने आजाओ जब मेरे पति थाना सिविललाईन पहुचे तो देखा की मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिहं एवं उसके साथ मे कई लोग मौजूद थे। जिसमे एक पत्रकार महोदय भी सामिल थे। तब टी0आई0 द्वारा मेरे पति के ऊपर दबाब बनाया गया की समझौता करके घर उसके नाम करबादो जिसमे मेरे पति कोई प्रतिक्रिया दिये बगैर वापस आ गये जिसके बाद भी टी0आई0साहब का कई वार फोन आया जिसमे वही बात कही गई जिसमे मेरे पति के द्वारा दिनांक 29.12.2010 को साफ इंकर कर दिया गया जिसके कारण टी0आई0साहब काफी नाराज हो गये उसके बाद मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह का फोन आया की अगर तुम रजिस्ट्री नही करबाओगे तेा घर भी जाऐगा और जान भी जाएगी तब मेरे पति के द्वारा यह कहां गया की क्या तुम जबरदस्ती किसी का घर ले लोगे जिस पर उसके द्वारा फोन पर गाली गलौज की गई और बोला गया अभी तेरे घर जाकर दरबाजा तोड़ डालूगा और जो मिला उसे गोली मार दूगां। अब देखता हूं तुझे और तेरे परिबार को कौन बचाता है और इसके बाद अरोपी नितिन प्रताप सिंह एवं उसके साथियों के द्वारा मेरे घर को घेरकर दरबाजा तोड़ने का प्रयास किया गया। और भद्दी-भद्दी गालियो का प्रयोग किया गया। उस समय हम औरते घर मे अकेली थी। हमारे अंदर दहसत भर गई किसी तरह मेरे द्वारा आई0जी0 साहब को घटना के बारे मे फोन पर अबगत कराया गया । जिनके द्वारा पुलिस फोर्स भेजकर हमारी सुरक्षा की गई।
4ण् यह की श्रीमान पुलिश महानिरीक्षक के द्वारा दिनांक 29.12.2010 को मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह की फोटो खिचाकर हिदायत दी गई थी की आज के बाद इन्हे किसी प्रकार से परेशान नही करोगे नही तुम्हारे लिऐ अच्छा नही होगा। जिसके वाद आरोपियो द्वारा हिदायत की अबहेलना कर दिनांक 07.01.2011एवं 08.01.2011 के दर्मियान लगभग राति 12 बजे मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह अरूण प्रताप सिंह गुड्रडा सिंह पिंकू सिंह मनोज सिंह एवं अन्य पांच छ अरोपियो द्वारा मेरे घर मे घुसकर दरबाजा तोडकर मारपीट गाली गलौज एवं जान से मार देने का प्रयास किया गया। जिसके बाद हल्ला गोहार मचाने पर किसी तरह से हमारी जान बच पाई और उक्त आरोपी गण मेरे घर से भाग गये । जिसकी सूचना मेरे द्वारा थाना प्रभारी सिविललाईन को दिनांक 08.01.2011 को दी गई है।
5ण् यह की दिनांक 08.01.2011 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को घटना की सूचना दिये जाने के बाद उनके द्वारा थाना प्रभारी सिविल लाईन को बुलाकर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। जिस पर उनके द्वारा यह कथन दिया गया की ये महिला झूठ बोलती है । इस प्रकार की कोई घटना इसके साथ नही घटित हुई। ये सब बनाबटी है। इसी कारण आई0 जी0 साहब द्वारा अपने कार्यालय से इसे डाटकर भगा दिया गया था। जो थाना प्रभारी द्वारा सरासर झूठ बोलकर अधिकारियो को भ्रमित करते है। इस प्रकार की मेरे साथ कभी कोई घटना घटित नही हुई । की किसी अधिकारी द्वारा मुझे डाटकर भगा दिया गया हो। इसके बाद थाना प्रभारी की आरजू मिन्नत एवं निर्देश के बाद मेरे घर जाकर मौका मुआयना किया जा कर मामले की खाना पूर्ति की गई।
6ण् यह की इस स्थित मे जब थाना प्रभारी ही आरोपियो से मिला हो उन्हे संरक्षण दे रहा हो एवं उनके बचाब मे झूठा कथन दे रहा हो। तो प्रार्थिया को न्याय क्या देगा । मुझे यह संका होती है। की अगर मेरे अथबा मेरे परिबार की आरोपियो द्वारा हत्या भी कर दी जाय तो थाना प्रभारी सिविललाइन द्वारा आरोपियो के पक्ष मे वचाव हेतु कोई कथन दे सकते हैं । और उस स्थित मे भी मुझे न्याय नही मिल पाऐगी ।इस तरह के पुलिस अधिकारियो के खिलाफ बोलना एवं शिकायत करना भी खतरनाक साबित हो सकता है। उनके द्वारा मुझे एवं मेरे परिवार का किसी झूठे मामले मुकदमे मे फसाया जा सकता है।
7ण् यह की मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह एवं उसके साथियो के खिलाफ विभिन्न थाने मे मारपीट लूट एवं डकैती के कई मामले पंजीबद्ध हैं। मुख्य आरोपी नितिन प्रताप सिंह के ऊपर जिला बदर एवं 307 जैसे मामले चलाऐ जा चुके हैं । जिसकी जानकारी सभी पुलिसा अधिकारियेां एवं श्री मान गृह मंत्री तक को हैं। जिनके द्वारा आरेापी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का आदेश भी दिया जा चुका है। जिसके बाद भी उसके खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नही की गई जिस से उसका मनेाबल काफी बढ़ा हुआ है। और वह कोई घटना कभी भी कारित कर सकता है।
8ण् यह की मुझे एवं मेरे परिवार को पुलिस सुरक्षा प्रदान कराई जाये एवं मामला कायम कराया जाय । मेरे मामले की जांच किसी उच्चाधिकारी से कराई जाय। जिससे मेरे परिवार की जान माल की सुरक्षा हो सके। इसके पहले भी मेरे द्वारा पुलिस सुरक्षा की मांग की जा चुकी हैं जिस पर कोई कार्यवाही नही हुई । अगर आपके द्वारा मुझे पुलिस सुरक्षा प्रदान नही की गई तो कभी भी कोई घटना घटित हो सकती है।
अस्तु उपरोक्तानुसार फरियाद कर प्रर्थना करती हूु की आरोपियो के खिलाफ मामला कायम करा कर मुझे जानमाल की सुरक्षा प्रदान करने की कृपा की जाय।
रीवा दिनांक 18.01.2011
प्रार्थिया
पद्मा मिश्रा
नारेन्द्र नगर मकान नं. 17/208 थाना
सिविल लाइन जिला रीवा म0प्र0)
हाल निवाश रतहरा पेट्रोल पंप के पास
माकान नं0 15/1719 रतहरा रीवा (म0 प्र0)
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