भ्रष्टाचार: केंद्र बोला एमपी शरण गच्छामी(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। घपलों और घोटालों से परेशान कांग्रेसनीत केंद्र सरकार जल्द ही भ्रष्टाचार से निपटने के लिए मध्य प्रदेश सहित बिहार और महाराष्ट्र के साथ ही साथ फिनलेण्ड की शरण में जाने की तैयारी में जुट गई है। केंद्र सरकार जल्द ही इन राज्यों की अच्छाईयांे का अध्ययन कर नए कानून का मसौदा तैयार करने की जुगत में है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जनता को तय सीमा में सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार, फिनलेण्ड में गुड गर्वनेन्स कानून, बिहार में भ्रष्टाचारी की संपत्ति जप्त करने का कानून और महाराष्ट्र में कार्यकाल का अधिकार लागू है। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द ही इन कानूनों की अच्छाईयों को एक सूत्र में पिरोकर नया कानून अस्तित्व में लाना चाह रही है ताकि भ्रष्टाचार के मकड़जाल से मुक्ति मिल सके।
सूत्रों का कहना है कि आज के समय में नौकरशाह कानून के रक्षकों के बजाए माननीय जनसेवकों के गाईड की भूमिका में आ गए हैं। यही कारण है कि टूजी, कामन वेल्थ जैसे महाघोटालों के कारण केंद्र को शर्मसार होना पड़ा है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में जनता को तय सीमा में सेवाएं प्राप्त करने का अधिकार, फिनलेण्ड में गुड गर्वनेन्स कानून, बिहार में भ्रष्टाचारी की संपत्ति जप्त करने का कानून और महाराष्ट्र में कार्यकाल का अधिकार लागू है। पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द ही इन कानूनों की अच्छाईयों को एक सूत्र में पिरोकर नया कानून अस्तित्व में लाना चाह रही है ताकि भ्रष्टाचार के मकड़जाल से मुक्ति मिल सके।
सूत्रों का कहना है कि आज के समय में नौकरशाह कानून के रक्षकों के बजाए माननीय जनसेवकों के गाईड की भूमिका में आ गए हैं। यही कारण है कि टूजी, कामन वेल्थ जैसे महाघोटालों के कारण केंद्र को शर्मसार होना पड़ा है।
क्या हैं कानून
मध्य प्रदेश में लोकसेवाओं के प्रदान की गारंटी विधेयक 2010, महाराष्ट्र में महाराष्ट्र गर्वमेंट सर्वेंट रेग्यूलेशन ऑफ ट्रांसफर एण्ड प्रीवेंशन ऑफ डिले इन डिस्चार्ज ऑफ ऑफीशियल ड्यूटी एक्ट 2005, बिहार का बिहार स्पेशल कोर्टस 2010 तो फिनलेण्ड का कानून एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसीजर एक्ट 2003 लागू है।
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