भिखारियों के कब्जे में दिल्ली
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। कामन वेल्थ गेम्स के आगाज के साथ ही दिल्ली की सूरत और सीरत बदलने की कवायद आरंभ की गई थी। पिछले साल सरकार द्वारा नई नई परियोजनाओं के जरिए दिल्ली का मिजाज बदलने का प्रयास किया था। इस दौरान दिल्ली को भिखारियों से मुक्त करने का काम भी हाथ में लिया था, विडम्बना ही कही जाएगी कि आज भी चैक चैराहों के साथ ही साथ रेल और बस में खूंखार भिखारी लोगों के साथ हाथापाई करते नजर आ रहे हैं।
आरोपित है कि स्मेक, ब्राउन शुगर जैसे नशे की जद में पूरी तरह आ चुके दिल्ली के भिखारी जिनमें युवाओं और दुधमुहे बच्चों की खासी तादाद है, के दारा अपनी एक खुराक के लिए चोरी और राहजनी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। पहले इस तरह की घटनाएं देर रात सूनसान इलाकों या सड़कों पर घटित होती थीं, किन्तु अब इस तरह की घटनाएं भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी घटित होने लगी हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कनाट सर्कस, इंडिया गेट सर्किल, निजामुद्दीन रेल्वे स्टेशन, प्रगति मैदान, साउथ एक्स आदि इलाकों से गुजरने वाली लो फ्लोर यात्री बसों यहां तक कि चमचमाती लाल एसी बस में भी इस तरह के दुर्गन्ध मारते भिखारी चढ़ जाते हैं, और बिना टिकिट ही एक दो स्टेशन तक यात्रा करते हैं। इसी बीच इनके द्वारा यात्रियों से बाकायदा भीख मांगी जाती है। भीख देने से इंकार करने पर इनके द्वारा छुरा या ब्लेड निकालकर यात्रियों को डराया धमकाया जाता है। कुछ वारदात तो सामन लेकर भागने की भी प्रकाश में आई हैं।
एक यात्री ने बताया कि नई दिल्ली से ओखला की ओर जाने वाली 984 रूट की एसी बस में एक गेंग चढ़ती है, जो यात्रियों के साथ लूटपाट किया करती है। कनाट प्लेस पर भी इस तरह के भिखारियों द्वारा राहगीरों के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है। इस तरह के भिखारी इतने खूंखार हैं कि बात बात में चाकू और ब्लेड निकालकर इनके द्वारा अपने काम को अंजाम दिया जाता है।
इसी तरह की अनेक गैंग पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, विशेषकर निजामुद्दीन रेल्वे स्टेशन के प्लेटफार्म पर चोरी, राहजनी को अंजाम देती मिल जाती हैं। आश्चर्य तो तब होता है जब सीधे सादे यात्री को रेल्वे पुलिस या टिकिट कलक्टर द्वारा बिना टिकिट पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ ही साथ प्रताडित किया जाता है, वहीं दूसरी ओर रेल के प्लेटफार्म पर लगते ही इस तरह के भिखारी रेल में खाली बोतल और डब्बे बीनने बेधड़क घुसकर यात्रियों का सामान पार कर देते हैं। इतना ही नहीं आटो, टेक्सी और रिक्शा वाले भी प्लेटफार्म पर जाकर सवारियों के साथ मोल तोल करते मिल ही जाते हैं।
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