सोमवार, 26 सितंबर 2011

मध्य प्रदेश भाजपा का मुखपत्र बना सूचना केंद्र


मध्य प्रदेश भाजपा का मुखपत्र बना सूचना केंद्र

भाजपा की भाटगिरी में जुटा एमपी सूचना केंद्र

भाजपा के लिए पीआर का काम कर रहे सरकारी अफसर

प्रभात का काम करते शिव के गण

सीपीआर के निर्देशों को रखा बलाए ताक सूचना केंद्र ने

मुख्यमंत्री और विभाग प्रमुख का खौफ भी नहीं रहा दिल्ली में पदस्थ अफसरान को

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग का मूल काम सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जन जन तक पहुंचाना है। इसके लिए जनसंपर्क विभाग द्वारा देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली के मंहगे व्यवसायिक इलाके कनाट सर्कस में एक कार्यालय भी कार्यतर है, जहां बड़ा सा सरकारी अमला कार्यरत है। इस कार्यालय द्वारा पिछले कुछ दिनों से सरकार के बजाए संगठन के कामों के प्रचार प्रसार में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई जा रही है।

पिछले दिनों भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा दिल्ली में जितने भी कार्यक्रम आयोजित किए गए या भाजपा के पदाधिकारियों ने जितने भी प्रोग्राम में शिरकत की उनकी पब्लिसिटी के लिए मध्य प्रदेश सूचना केंद्र द्वारा जबर्दस्त दिलचस्पी दिखाई गई। इतना ही नहीं निजी प्रोग्राम की पब्लिसिटी का काम को भी इस कार्यालय द्वारा अंजाम दिया जा रहा है।

हाल ही में सांसदों द्वारा नोट फॉर वोट मामले में महामहिम प्रेजीडेंट श्रीमति प्रतिभा देवी पाटिल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा गया। इस मामले का फोटो सूचना केंद्र द्वारा जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं मंत्री विजय शाह की प्रेस कांफ्रेंस के लिए पत्रकारों को बुलाया गया किन्तु इस पत्रवार्ता में विजय शाह खामोश बैठे रहे उनके बजाए भाजपाध्यक्ष प्रभात झा ने संबोधित किया।

हद तो तब हो गई जब एमपी भाजपाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को सौंपे पत्र को स्केन कर मध्य प्रदेश सूचना केंद्र द्वारा दिल्ली में एमपी बीट कव्हर करने वाले पत्रकारों को प्रकाशन के लिए भेज दिया। प्रभात झा खुद पत्रकारों के काफी करीबी माने जाते हैं। सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के अनुसार इस मामले को लोग पूर्व में पंडित सुरेश तिवारी की दिल्ली पदस्थापना से जोड़कर देख रहे हैं। कहा जा रहा है कि विजयवर्गीय मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल थे, इसलिए उन्होंने इंदौर में पदस्थ सुरेश तिवारी को दिल्ली पदस्थ करवा दिया था ताकि नेशनल मीडिया को मैनेज किया जा सके।
संघ मुख्यालय केशव कुंज के सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान पर संकट के बादल मण्डरा रहे हैं। उनके स्थान पर संघ द्वारा गुजरात में नरेंद्र मोदी वाला प्रयोग एमपी में किया जाकर प्रभात झा को एमपी का निजाम बनाया जा सकता है। इस बात का आभास एमपी सूचना केंद्र के अफसरान को शायद हो चुका है। यही कारण है कि एमपी सूचना केंद्र मध्य प्रदेश द्वारा अब सरकार के बजाए भाजपा संगठन की पब्लिसिटी में ज्यादा दिलचस्पी दिखाना आरंभ कर दिया है। मजे की बात तो यह है कि जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव द्वारा साफ और कड़े निर्देश दिए गए हैं कि राजनैतिक और निजी कार्यक्रमों की खबरों को सूचना केंद्र के माध्यम से जारी न किया जाए। विडम्बना कही जाएगी कि सूचना केंद्र के अफसर खुद को अपने आयुक्त से उपर समझ रहे हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: