उत्तराधिकारी हेतु रथ यात्रा . . . 2
रथ यात्रा को मिले रिस्पांस से निराश हैं आड़वाणी
रथ यात्रा का मुद्दा बदलने से खफा हैं आड़वाणी
कैश फॉर वोट मामले के लिए प्रस्तावित थी आड़वाणी की यात्रा
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। उमर दराज लाल कृष्ण आड़वाणी अपनी रथ यात्रा को मिलने वाले रिस्पांस से बुरी तरह निराश नजर आ रहे हैं। अपनी राजनैतिक विरासत पुत्री प्रतिभा को सौंपने के उनके मंसूबे पर भाजपाई ही पानी फेरते नजर आ रहे हैं। आड़वाणी की रथ यात्रा में प्रस्तावित स्थलों पर मुट्ठी भर लोगों का जमावड़ा और पुअर मीडिया कव्हरेज उनकी परेशानी का सबब बनता जा रहा है।
83 बसंत देख चुके एल.के.आड़वाणी के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे अब अगला आम चुनाव शायद ही लड़ें। वे अपने उत्तराधिकारी के तौर पर अपनी पुत्री प्रतिभा को लॉच करना चाह रहे हैं। यही कारण है कि उनकी रथ यात्रा में प्रतिभा उनके साथ चल रही हैं। उनके पुत्र जयंत के बारे में भी विचार हुआ किन्तु बाद में प्रतिभा के नाम पर ही सहमति बनी। आड़वाणी को सबसे अधिक निराशा इस बात से हुई जब मध्य प्रदेश के सतना में उनकी यात्रा के कव्हरेज के लिए सतना में पत्रकारों को लिफाफे पकड़ाए गए। बाद में रथ यात्रा को पुष्पक विमान में तब्दील कर भोपाल से छिंदवाड़ा तक का सफर हेलीकाप्टर से तय करवाया गया।
आड़वाणी जुंडाली में चल रही चर्चाओं के अनुसार वे चाहते थे कि यह रथ यात्रा कैश फॉर वोट मामले में केंद्रित रहे। काले धन का मामला तो पहले ही इक्कीसवीं सदी के स्वयंभू योग गुरू बाबा रामदेव ले उड़े हैं। भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं के सुझाव पर आड़वाणी ने कैश फॉर वोट का मामला अपने एजेंडे से बाहर कर दिया। इसके बाद आड़वाणी ने इसे घपले घोटाले और भ्रष्टाचार पर केंद्रित करने का मन बना लिया।
आड़वाणी के करीबियों का कहना है कि भाजपा के इन नेताओं ने उन्हें बताया कि जब वे सुधींद्र कुलकर्णी से मिलने जेल गए थे। जेल में कुलकर्णी के तेवर देखकर भयाक्रांत भाजपाई उल्टे पैर वापस लौटे और कोर कमेटी की बैठक में तय किया गया कि भाजपा के कथित लौह पुरूष आड़वाणी को किसी तरह इसके लिए तैयार किया जाए कि वे कैश फॉर वोट मामले पर अपना ध्यान केंद्रित न करें। भाजपाईयों को डर था कि कहीं रथ यात्रा के बीच में ही कुलकर्णी कोई बयान देकर यात्रा में आड़वाणी की किरकिरी न करवा दें।
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