मंगलवार, 11 अक्टूबर 2011

मनमोहन निरूत्साहित तो राहुल अभी नहीं हैं तैयार


मनमोहन निरूत्साहित तो राहुल अभी नहीं हैं तैयार

प्रणव को पीएम नहीं बनाना चाहतीं सोनिया

सोनिया की पसंद हैं अंटोनी

दिग्विजय सिंह की खुल सकती है लाटरी

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की दूसरी पारी में जिस कदर घपले घोटाले और भ्रष्टाचार सामने आया है उससे कांग्रेस की बुरी तरह भद्द पिटी है। कांग्रेस के रणनीतिकार इस समय इस जुगत में लगे हैं कि किसी तरह 2014 के आम चुनावों के पहले कांग्रेस की काली छवि को धवल साफ कर दिया जाए। इसके लिए वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह की बिदाई ही इकलौता विकल्प उभरकर सामने आ रहा है।

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि बीमारी से उठीं कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी इन हालातों को लेकर काफी उहापोह में हैं। उनके सामने सबसे बड़ी समस्या यह सामने आ रही है कि प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह निरूत्साहित हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी अभी राजकाज संभालने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। अपने पुत्र को सियासी खुरपेंच सिखाने के लिए उन्हें महासचिव राजा दिग्विजय सिंह ही मुफीद लगे। राजा दिग्विजय सिंह भले ही द्रोणाचार्य की भूमिका में हों पर अर्जुन की भूमिका में राहुल अभी पूरी तरह पारंगत नहीं हो पाए हैं।

अगर मनमोहन सिंह को पीएम पद से हटाया जाता है तो उनके बाद नंबर आता है प्रणव मुखर्जी का। किन्तु प्रणव के नाम के लिए सोनिया गांधी किसी भी दृष्टिकोण से अपनी सहमति नहीं देना चाहतीं। सूत्रों ने बताया कि सोनिया को यह बता दिया गया है कि प्रणव मुखर्जी ही वह शक्सियत थी जिसने राजीव गांधी के खिलाफ परोक्ष तौर पर उनके प्रधानमंत्री रहते मोर्चा खोला था।

सूत्रों की मानें तो वजीरे आजम पद के लिए सोनिया की पहली पसंद के तौर पर ए.के.अंटोनी का नाम ही उभरकर सामने आता है। सोनिया की नजरों में भ्रष्टाचार मुक्त अगर कोई राजनेता है तो वह अंटोनी ही है। अंटोनी की राह में अनेक नेता फच्चर फंसाने को तैयार बैठे हैं। अगर अंटोनी का नाम सामने आया तो इसके लिए भी उनके विरोधियों ने झूटी सच्ची कहानियां गढ़ी हुई हैं।

कांग्रेस को अगर आम चुनाव में वेतरणी पार करने के लिए मनमोहन सिंह को हटाना पड़ता है तो निश्चित तौर पर इस पद के लिए सबसे योग्य और प्रबल दावेदार मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह ही होंगे। दिग्गी राजा के मीडिया से संबंध जग जाहिर हैं। मीडिया मैनेजमेंट में उनका कोई सानी नहीं है। सबसे अहम बात तो यह है कि दिग्गी राजा खुद बहुत ही सधे कदमों से 7 रेसकोर्स रोड़ अर्थात प्रधानमंत्री आवास को अपना आशियाना बनाने का सपना मन में संजोए बैठे हैं।

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