हृदय प्रदेश में घट गई औसत आयु
केरल है औसत आयु के मामले में शिखर पर
एमपी में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह लड़खड़ाईं
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। यूं तो स्वस्थ्य व्यक्ति की आयु एक सौ बरस से ज्यादा हो सकती है किन्तु रहन सहन और खान पान के चलते भारत गणराज्य में औसत आयु कम होती ही जा रही है। औसत आयु के मामले में भारत में यह आंकड़ा 63 साल पांच माह का मना गया है। देश में सबसे अधिक औसत आयु सत्तर के साथ केरल पहली पायदान पर है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड में औसत आयु का आंकड़ा महज 58 साल पर ही आकर अटक गया है।
‘दीर्घायु हो, शतायु हो‘ जैसे आर्शीवाद भी अब कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। देश के हृदय प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह लड़खड़ा चुकी हैं। मध्य प्रदेश के जिला, संभागीय मुख्यालयों मे चिकित्सक सरकारी अस्पातालों से गायब हैं। जो थोड़े बहुत पदस्थ भी हैं वे भी अस्पताल के आसपास ही अपनी ‘दुकान‘ चला रहे हैं। सांसद विधायकों के नाक के नीचे यह सब हो रहा है और वे खामोशी के साथ सब कुछ देख सुन रहे हैं।
देश में औसत आयु साढ़े तिरेसठ साल की आंकी गई है। केरल में 70 तो पंजाब में 69 साल 4 माह, महाराष्ट्र में यह 67 साल दो माह, हिमाचल में 67 साल, हरियाणा और हरियाणा में छियासठ साल दो माह, कर्नाटक में 65 साल तीन माह, उत्तर प्रदेश और बंगाल में 65 साल नौ माह, आंध्र प्रदेश में 64 साल चार माह, गुजरात में 64 साल एक माह, राजस्थान में 62 साल, उड़ीसा में 59 साल 9 माह औसत आयु आंकी गई है। औसत आयु के मामले में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखण्ड फिसड्डी हैं, जहां औसत आयु महज 58 साल ही आंकी गई है।
4 टिप्पणियां:
मध्य-प्रदेश सरकार पिछले वर्ष की भाति इस बार भी परिवार-नियोजन वर्ष मना रही है, औए इसे अगले ५ वर्षो तक मनायगी.
इसमें प्रति वर्ष कुल जनसंक्या का १ % की यानि लगभग ७ लाख नसबंदी ओपरेसन किये जाय्गेंगे . क्या किसी हिन्दू संगठन या किसी NGO ने RTI या अन्य किसी माध्यम से यह जानने की कोशिस की, कि इन नसबंदीयो में से कितनी अल्प - संख्यक और कितनी बहु संख्यक समुदाय से थी....?
इन होने वाली नसबंदी में अधिकतर भोले भले आदिवासिओ की है जैसे mp के मंडला, दिंडोरी, बलाघात,सेओनी जैसे आदिवासी बहुल जिलो में होनेवाली नस्बंडियो का प्रतिसत बहुत ज्यदा है.
मध्य-प्रदेश सरकार पिछले वर्ष की भाति इस बार भी परिवार-नियोजन वर्ष मना रही है, औए इसे अगले ५ वर्षो तक मनायगी.
इसमें प्रति वर्ष कुल जनसंक्या का १ % की यानि लगभग ७ लाख नसबंदी ओपरेसन किये जाय्गेंगे . क्या किसी हिन्दू संगठन या किसी NGO ने RTI या अन्य किसी माध्यम से यह जानने की कोशिस की, कि इन नसबंदीयो में से कितनी अल्प - संख्यक और कितनी बहु संख्यक समुदाय से थी....?
इन होने वाली नसबंदी में अधिकतर भोले भले आदिवासिओ की है जैसे mp के मंडला, दिंडोरी, बलाघात,सेओनी जैसे आदिवासी बहुल जिलो में होनेवाली नस्बंडियो का प्रतिसत बहुत ज्यदा है.
मध्य-प्रदेश सरकार पिछले वर्ष की भाति इस बार भी परिवार-नियोजन वर्ष मना रही है, औए इसे अगले ५ वर्षो तक मनायगी.
इसमें प्रति वर्ष कुल जनसंक्या का १ % की यानि लगभग ७ लाख नसबंदी ओपरेसन किये जाय्गेंगे . क्या किसी हिन्दू संगठन या किसी NGO ने RTI या अन्य किसी माध्यम से यह जानने की कोशिस की, कि इन नसबंदीयो में से कितनी अल्प - संख्यक और कितनी बहु संख्यक समुदाय से थी....?
इन होने वाली नसबंदी में अधिकतर भोले भले आदिवासिओ की है जैसे mp के मंडला, दिंडोरी, बलाघात,सेओनी जैसे आदिवासी बहुल जिलो में होनेवाली नस्बंडियो का प्रतिसत बहुत ज्यदा है.
यह सूचना टिप्पणी बटोरने हेतु नही है बस यह जरूरी लगा की आपको ज्ञात हो आपकी किसी पोस्ट का जिक्र यहाँ किया गया है कृपया अवश्य पढ़े आज की ताज़ा रंगों से सजीनई पुरानी हलचल
एक टिप्पणी भेजें