मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

अब तकनीकि पेंच में फंसा ‘आधार‘


0 दो दो रूपए में बिक रहे आधार के फार्म . . 3

अब तकनीकि पेंच में फंसा आधार


(शिवेश नामदेव)

सिवनी।  बुजुर्गाे और बच्चों का आधार कार्ड (यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर) बनाने में एक तकनीकी पेच सामने आ रहा है। आधार बनाने वाली एजेंसियों को फिंगर प्रिंट्स और आंखों की पुतलियों की इमेज लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह यह है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों के फिंगर प्रिंट्स और आंखों की पुतली का विकास नहीं हो पाता, जबकि बुढ़ापे में फिंगर प्रिंट्स घिस जाती हैं और आंखों की पुतली का रंग बदल जाता है।

प्रदेश में आधार का काम संभाल रहे डाक भवन के डीजीएम कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि हर उम्र के लोगों का आधार कार्ड बनाया जा रहा है। इनमें बच्चे और बूढ़े भी शामिल हैं। हालांकि कई बार 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गाे का फिंगर प्रिंट और आंखों की पुतली की सही जांच नहीं हो पाती, लेकिन इन तकनीकी दिक्कतों के बाद भी हम सभी का आधार कार्ड बना रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि पहचान के लिए उनका फोटो ले रहे हैं। भोपाल और राज्य के अन्य जिलों के डाकघरों में आधार बनाने का काम कर रही 4जी-आइडेंटिटी सॉल्यूशंस के स्टेट हेड अभिषेक अवस्थी ने बताया कि 1 साल से 100 साल तक की उम्र के लोगों का आधार कार्ड बनाया जा रहा है।

5 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गाे के फिंगर प्रिंट्स और आंखों की पुतली की पहचान लेने में थोड़ी दिक्कत तो आ रही है, लेकिन यह तो एक प्राकृतिक मामला है और इसके लिए कोई कुछ नहीं कर सकता। इसके लिए वैसे तो चार-पांच बार सैंपल लिया जाना चाहिए पर एसा हो नहीं रहा है। उधर भोपाल के डाकघरों में आधार बना रहे एजेंसी के कर्मचारी भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं। कर्मचारियों ने बताया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों के फिंगर प्रिंट्स और पुतली का रिकॉर्ड नहीं रखे जा रहे हैं। बच्चों के मामले में अभिभावकों की पहचान को सहारा लिया जा रहा है।

नेत्र रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि कि बचपन या बुढ़ापे में लिया हुआ रिकॉर्ड उसकी पहचान में काम नहीं आता। वह बताती हैं कि आंखों की आइरिस (पुतली) का रंग वक्त के साथ बदलता है। बचपन में यह हल्के भूरे रंग का और बुढ़ापे में धुंधला सा हो जाता है। हालांकि फिंगर प्रिंट्स स्पेशलिस्ट्स का मानना है कि बचपन हो या बुढ़ापा, व्यक्ति की उंगलियों के निशान कभी नहीं बदलते। केवल उम्र के साथ इनका आकार बढ़ और घट सकता है। हालांकि इनका रिकॉर्ड दर्ज करने में फिंगर प्रिंट्स स्कैनर की बहुत बड़ी भूमिका होती है। हो सकता है कि आधार बनाने में इस्तेमाल होने वाले फिंगर प्रिंट स्कैनर उतने अच्छे न हों।

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