गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

अम्बेडकर समारक एवं विकास का खर्चा उठाने तैयार हैं शिवराज


अम्बेडकर समारक एवं विकास का खर्चा उठाने तैयार हैं शिवराज

कार्यक्रम से बनाई पर्याप्त दूरी पर दिया आश्वासन



(एडविन अमान)

नई दिल्ली,। निजी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रमों प्रदेश सरकार के उड़न खटोले पर सरकारी खर्चे पर जब तब दिल्ली की यात्रा करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संविधान रचयिता डॉ.भीमराव अम्बेडकर परिनिर्वाण भूमि सम्मान कार्यक्रम समिति के एक प्रोग्राम में शिरकत करना ही मुनासिब नहीं समझा। इस दिन मुख्यमंत्री की व्यस्तताएं मध्य प्रदेश में ही रहीं। उल्लेखनीय होगा िकि इसके स्थान पर अगर भाजपा का कोई प्रोग्राम या उनका पारिवारिक जलसा होता तो वे निश्चित तौर पर दिल्ली में उपस्थित होते।

डॉ0 अम्बेडकर परिनिर्वाण भूमि सम्मान कार्यक्रम समिति दिल्ली द्वारा गत दिवस राष्ट्रीय श्रृद्धांजलि एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता इन्द्रेश गजभिये, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आयोजन समिति एवं अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने की। भारत रत्न डॉ0 बाबा साहेब अम्बेडकर की परमपावन परिनिर्वाण भूमि पर उनकी पुण्य तिथि के अवसर पर राष्ट्रीय सम्मान एवं श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। शरद यादव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, नारायण सामी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया, सांसद जे.डी. सेलम, पर्वू सांसद श्रीमती सत्याबेन, डॉ0 उदित राज और अमरीश गौतम भी अतिथि के रूप में मौजूद थे।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त होने के कारण इस अवसर पर उपस्थिति नहीं हो सके । उनकी अनुपस्थिति में मुख्यमंत्री का संदेश इन्द्रेश गजभिये द्वारा पढ़ा गया। संदेश में श्री चौहान ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर के विचारों और सामाजिक न्याय के प्रति उनकी प्रेरणा और आस्था को बढ़ाते हुए प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के सर्वांगीर्ण विकास के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि गैर आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों में डॉ0 अम्बेडकर मांगलिक भवन बनाये गये हैं।

इसी प्रकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक समरसता के लिए अनेक योजनाएं भी बनायी गयी हैं। उन्होंने कहा कि वे महान राष्ट्रभक्त और भारत माता के सच्चे सपूत थे। उन्होंने भारतीय संविधाान की रचना की और सदियों से वंचित उपेक्षित दलित समाज को सम्मान दिलाने के लिए जीवन के अंतिम क्षण तक संघर्ष करते हुए जहां अंतिम सांस लेकर महानिर्वाण को प्राप्त हुए। उन्होंने कहा कि सन् 2003 में एनडीए सरकार ने दिल्ली स्थित इस परिनिर्वाण स्थल को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करके तत्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसके समग्र विकास की कार्य योजना बनायी थी।

उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि आठ वर्ष के उपरान्त भी अभी तक वहां कोई निर्माण और विकास का कार्य शुरू नहीं हुआ है। श्री चौहान ने बताया कि उन्होंने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर प्रस्ताव भेजा है कि अगर केन्द्र सरकार स्मारक स्थल को डॉ0 अम्बेडकर के विशाल व्यक्तित्व के अनुरूप निर्मित करने में असमर्थ है और केन्द्र अनुमति देगी तो मध्यप्रदेश शासन इसका समग्र विकास और निर्माण का खर्चा वहन करने को तैयार है। 

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