शिवराज ने फिर छला लोगों को
पीएम से मिलवाने ले जाएंगे गैस पीडितों को शिवराज
सिवनी की तरह छले जाएंगे भोपालवासी
(अंशुल गुप्ता)
भोपाल। पिछली सदी की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी भोपाल गैस कांड की 27 वीं बरसी पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मजलूमों पर तबियत से लाठियां भांजी गईं। प्रदर्शनकारियों और प्रशासन कि बीच हुई झड़प में कलेक्टर, एसपी सहित लगभग डेढ़ सौ लोग घायल हुए। इस पूरे मामलें में डेढ़ दर्जन से अधिक वाहनों को फूंक दिया गया। बार बार केंद्र और राज्य सरकार के आश्वासनों का लालीपाप खाने वाले गैस पीडितों ने इस बार उग्र प्रदर्शन कर जता दिया है कि अब वे और छले जाने को तैयार नहीं हैं।
प्रदर्शनकारियों के पास विलंब से पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने चिर परिचित अंदाज में गैस पीडितों को आश्वासन दिया और मामले को शांत करवा दिया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे गैस पीडित संघ के पदाधिकारियों को वजीरे आजम डॉक्टर मनमोहन सिंह से मिलवाकर उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री के वायदे के बाद गैस पीडित संघ ने अपना आंदोलन वापस तो ले लिया किन्तु मौके पर गैस पीडित संगठनों में सीएम सिंह के आश्वासन को लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त थीं।
लोगों का कहना था कि इसके पहले अटल बिहारी बाजपेयी के शासनकाल की महात्वाकांक्षी स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना के अंग उत्तर दक्षिण गलियारे में पर्यवरण के कथित पेंच के फंसने और इसका एलाईंमेंट बदलने के राजनैतिक षणयंत्र पर जब सिवनी जिले के नागरिकों ने उग्र प्रदर्शन किया था तब शिवराज सिंह ने कहा था कि भले ही सूरज पश्चिम से निकलना प्रारंभ हो जाए वे इस मार्ग का एलाईंमेंट बदलने नहीं देंगे।
उनकी इस हुंकार के बाद भी मध्य प्रदेश सरकार का शांत बैठना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान ने आंदोलनकारियों से वायदा किया था कि वे उन्हें लेकर केंद्र सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों से मिलवाने ले जाएंगे। विडम्बना ही कही जाएगी कि श्री सिंह की यह दहाड़ भी सतपुड़ा की वादियों में ही गुम हो गई है। आज लगभग डेढ़ बरस बीतने के बाद भी शिवराज ने अपना वायदा नहीं निभाया है। लोगों का कहना है कि सिवनी की तर्ज पर अब भोपाल के गैसपीडित भी छले जाएं तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
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