बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 43
अंबिका सोनी को ही पार्श्व में ढकेल रहे मंत्री
कैबनेट की जानकारियां तत्काल ही पहुंचती है मीडिया के पास
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। चला चली की बेला में आ चुके वजीरे आजम डॉ.मनमोहन सिंह का खौफ न तो आरंभ में ही उनके मंत्रियों को था और न ही आज दिखाई पड़ रहा है। मंत्रीमण्डल की बैठक की समाप्ति के तत्काल बाद ही छपास के रोगी मंत्री अपने अपने मोबाईल से अपने मीडिया के कथित मित्रों के साथ बैठक की अंदरूनी जानकारी शेयर करते हैं। इस बात से कांग्रेस आलाकमान की नजरें तिरछी होती जा रहीं है।
प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे इस बात से खासे परेशान हैं कि उनके ही मंत्री उनकी परवाह नहीं कर रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा परेशान तो सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी हैं। जब वे कैबनेट या मंत्री समूह की बैठक की जानकारी की प्रेस कांफ्रेंस करना चाहती हैं उसके पहले ही ये खबरें समाचार चेनल्स की सुर्खियां बनकर हट चुकी होती हैं। इन पत्रकार वार्ताओं में भी इलेक्ट्रानिक मीडिया के कम ही लोग उपस्थित होते हैं। आधिकारिक तौर पर यह जवाबदेही अंबिका सोनी की ही आहूत होती है।
सूत्रों ने कहा कि डॉ.सिंह इस बात पर एक अरसे से ध्यान दे रहे हैं कि कैबनेट की हर बैठक के उपरांत उनके सहयोगी मंत्री मोबाईल पर अपने टीवी चेनल वाले मित्रों को सूचनाएं देने में व्यस्त हो जाते हैं। प्रधानमंत्री कई बार मंत्रियों को इस मामले में चेता चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि एक बार फिर डॉ.मनमोहन सिंह ने समस्त मंत्रियों को सूचनाएं लीक न करने और अपने मोबाईल के बजाए बैठक पर ज्यादा ध्यान देने का निर्देश दिया है।
(क्रमशः जारी)
1 टिप्पणी:
मनमोहन बेचारे नहीं हैं वह बहुत ज्यादा घाघ हैं। अपनी 20 वर्षीय नीतियों की खामिया छिपाने हेतु कभी अन्ना द्वारा कभी मंत्रियों द्वारा कलाबाजियाँ करते रहते हैं वरना कब के हटाये जा चुके होते। उन्हें ताकत देने के लिए अन्ना-ड्रामा फिर शुरू होने के संकेत मिल चुके हैं।
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