शनिवार, 28 जनवरी 2012

यूआईडी हेतु 58 अरब मंजूर


यूआईडी हेतु 58 अरब मंजूर



(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने चालीस करोड़ लोगों को आधार नम्बर जारी करने के लिए अतिरिक्त ५७ अरब ९१ करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। गृहमंत्री पी. चिदम्बरम ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि बीस करोड़ लोगों को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण पहले ही आधार संख्या जारी कर चुका है। आशा है कि यह काम अगले वर्ष जून तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में प्राधिकरण ने आधार नम्बर देने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, वहां ये मान्य होंगे और शेष १६ राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर मान्य होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि अधिकतर मामलों में दोहराव और लागत की समस्या से निजात पा लिया गया है, फिर भी इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि कुछ मामलों आधार पहचान और जनसंख्या रजिस्ट्रर में दोहराव हो सकता है। लेकिन इसके लाभ को देखते हुए यह जायज है। इससे एक व्यापक एनपीआर डाटा-बेस और आधार डाटा-बेस तैयार होगा। श्री चिदम्बरम ने कहा कि देश में प्रत्येक व्यक्ति की बायो-मीट्रिक पहचान और आधार संख्या होगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में तय हुआ कि यूआईडीएआई और नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) दोनों मिलकर पंजीकरण का काम जून 2013 तक पूरा करेंगे। बायोमीट्रिक डेटा जुटाने के लिए बीच का रास्ता अपनाया गया है। एनपीआर उन तटवर्ती क्षेत्रों में डेटा जुटाने का काम जारी रखेगा, जहां पर यूृआईडीएआई की पहुंच नहीं है। यूआईडीएआई 13 राज्यों में बायोमीट्रिक डेटा जुटाएगा। फिर इस डेटा को एकदूसरे से शेयर किया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक के बाद गृह मंत्री पी. चिदंबरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया और यूआईडीएआई के प्रमुख नंदन नीलेकणि ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया जारी रखने पर सहमति बन गई है। चिदंबरम ने कहा कि बेशक दोनों संस्थानों के साथ काम करने से कुछ खामियां सामने आ सकती हैं, उन्हें एनपीआर के डेटा के मुताबिक ठीक कर लिया जाएगा। यूआईडीएआई द्वारा जारी आधार स्वैच्छिक है जबकि एनपीआर अनिवार्य है। यह सरकारी कार्यक्रम है। एनपीआर द्वारा जारी मल्टी परपज़ नैशनल आई कार्ड में हर व्यक्ति की 15 डिटेल दर्ज होंगी जबकि यूआईडीएआई 5 डिटेल दर्ज करेगा। उन्हांेने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर अब कुल खर्च बढ़कर 8850 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
यूआईडी और एनपीआर को लेकर गृह मंत्रालय और यूृआईडीएआई में मतभेद सामने आए थे। गृह मंत्रालय का कहना था कि एनपीआर भी बायोमीट्रिक डेटा जुटा रहा है। ऐसे में एक काम को दो संस्थानों द्वारा करना तर्कसंगत नहीं है। नीलेकणि ने कहा कि गृह मंत्री द्वारा जताई गई चिंताओं का समाधान किया जाएगा। दोनों एजेंसियां अगले साल जून तक प्रक्रिया पूरी कर लेंगी।

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