एनसीटीसी पर राज्यों से होगी बातचीत
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)। केन्द्र सरकार ने कहा है कि वह राष्ट्रीय आतंकवादरोधी केन्द्र (एनसीटीसी) के गठन का विरोध कर रहे राज्यों से बातचीत कर इस मुद्दे को हल करने की कोशिश करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर इन राज्यों के साथ चर्चा करेगी। केन्द्रीय गृहसचिव आर के सिंह ने नई दिल्ली में कहा कि आतंकवाद से कारगर तरीके से निपटने में विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए इस केन्द्र का गठन किया जा रहा है।
नारायण सामी ने कहा कि जो सरकार के ऑपरेशन्स होते रहे हैं, पिछले वर्षों में उस पर सरकार ने देखा कि डिफरेन्ट एजेन्सी जो यहां काम करती है, उनको एक एजेन्सी को यह जानकारी नहीं रहती कि दूसरी एजेन्सी क्या कर रही है। एक एजेन्सी और दूसरी एजेन्सी के बीच में कोर्डिनेशन के अभाव में कुछ टेररिस्ट भाग जाते हैं। अभी हाल ही कुछ ऐसी घटना हुई इससे पहले भी हुई है।
गृहसचिव ने कहा कि इसकी अधिसूचना जारी करने से पहले राज्यों से परामर्श करने की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि इसका गठन वर्तमान कानूनों के तहत ही किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय आतंकवादरोधी केन्द्र के गठन को संघीय स्वायत्तता के विरुद्ध बताया है। पार्टी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने कहा कि केन्द्र सरकार जिस तरह काम कर रही है उससे राज्य खुश नहीं हैं।
भाजपा नेता अरुण जेटली ने इस मसले पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि आतंकवाद से संघर्ष और संघीय ढांचे का सम्मान साथ-साथ किया जाना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि इस केन्द्र के गठन का विरोध कर रहे कुछ दल एन डी ए का हिस्सा रह चुके हैं, जिसने वर्ष २००२ में विवादास्पद पोटा कानून पारित किया था।
उधर, पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि एन डी ए सरकार में उस समय कई सहयोगी दल थे, जब इस प्रकार के सख्त कानून पारित किए गये थे। ममता बनर्जी, जयललिता, नवीन पटनायक और रमण सिंह सहित कई मुख्यमंत्रियों ने एन सी टी सी के गठन का विरोध किया है।
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