सत्ता बदलनें पर सिर्फ चेहरे बदलते हैं व्यवस्था नहीं
(निकुंज कौशल)
सिवनी (साई)। सत्ता बदलने पर सिर्फ चेहरे बदलते हैं व्यवस्था नहीं यह एहसास मध्यप्रदेश की जनता को भलीभांती ज्ञात हो गया है, कहते हैं जनता सत्ता बदलने से धनबली, बाहुबली, भुजबली और रसूखदार को कोई फ र्क नहीं पडता है। दिग्गी राजा के जमाने का भ्रष्टाचार शिवराज सरकार में रौद्र रूप ले चुका है। आलम यह है कि भ्रष्टाचार में भी शिष्टाचार नहीं बचा है। प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले एवं विधानसभा क्षेत्र में खनिज माफिया ने तांडव मचा कर रखा है। निवृत्तमान पुलिस महानिदेशक और राज्य शासन के मुख्य सचिव को पुर्नस्थापना देकर शिवराज सिंह ने जता दिया है कि प्रदेश के नौकरशाह उनपर किस तरह हावी हैं सत्ता का सुख भोगने की आदी कांग्रेस विपक्ष के रूप में तब जागने का प्रयास कर रही है जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म का क्लाईमेक्स चल रहा है।
मध्यप्रदेश की जनता के दुर्भाग्य से यहां तीसरे मोर्चे की उपस्थिति नगण्य है आजादी के बाद से आज तक प्रदेश की जनता को कांग्रेस या भाजपा दोनो में से किसी एक को भी चुनना पडता है उक्त दोनो पार्टी के नेता प्रदेश की जनता की यह मजबूरी अच्छी तरह से समझते हैं एवं श्श् पिछली बार तुम इस बार हम ्य्य के भरोसे पर राजनीति और नेतागिरी की दुकान निरंतर चला रहे हैं।
अवैध उत्खनन के मामले में महाराष्ट्र, कर्नाटक के बाद मध्यप्रदेश तीसरे नबंर पर है। भूमाफि या पूरे प्रदेश में नगा नाच कर रहे हैं। चपरासी, बाबूओं से लेकर आईएसआई अधिकारियों के पास करोडो अरबों की संपत्ति का खुलासा लोकायुक्त लगभग हर महीनें कर रहा है बिहार जैसे राज्य सुधरने की राह पर चले पडे हैं। हमारा मप्र बिहार बनने की रास्ते पर चल पडा है।
इन सबका जिम्मेदार कौन है मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान या अलसाया सा फाईव स्टार सांस्कृतिक वाला विपक्ष या प्रदेश की जनता ? अब समय आ गया है कि इन प्रश्रों के उत्तर सभी को तलाशनें होंगेे नहीं तो देश के सबसे पिछडे राज्यों में से एक मध्यप्रदेश स्वर्णिम तो बहुत दूर की बात है बीमार रोगग्रस्त होकर एवं जंगलराज्य बनकर रह जायेगा। समय आ गया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह नायक की जीवंत भूमिका प्रदेश के रंगमंच पर निभाएं अन्यथा ................।
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