अवैध खनन पर सुको की रोक
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)। उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा सरकार को राज्य के मेवात जिले के विभिन्न गांवों में सभी प्रकार की अवैध खनन गतिविधियां बंद करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और सी के प्रसाद की विशेष वन पीठ ने केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति-सीईसी की रिपोर्ट के आधार पर कल मेवात के कोटा, गनगनी, सराय मोहम्मदपुर और खड़ग जलालपुर गांवों में खनन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया।
इस रिपोर्ट में इन इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन की बात कही गई है। उच्चतम न्यायालय ने खनन कार्यों पर प्रतिबंध लगाते हुए माफिया द्वारा अवैध खनिजों के लाने ले जाने और उसका चूरा बनाने पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा खंडपीठ ने मेवात के जिला कलैक्टर, पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त समेत हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किये और उनसे सीईसी रिपोर्ट का जवाब देने को कहा।
उधर, सरकारी सूत्रों ने कहा कि केन्द्र ने महत्वाकांक्षी पेयजल योजना को और बढ़ावा देने के लिए आठ राज्यों को अतिरिक्त राशि आवंटित की है। ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने की योजना को सफलतापूर्वक लागू करने वाले ये राज्य हैं-तमिलनाडु, गुजरात, अरूणाचल प्रदेश, पंजाब, असम, मेघायल, त्रिपुरा और हरियाणा। इन राज्यों ने पिछले वर्ष दिसम्बर तक राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत साठ प्रतिशत से अधिक राशि का इस्तेमाल किया है। कल नई दिल्ली में इसकी घोषणा करते हुए पेयजल और स्वच्छता मंत्री जयराम रमेश ने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकारें इस अतिरिक्त राशि का इस्तेमाल उन इलाकों में कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने में करेंगी जहां पेयजल आपूर्ति की समस्या है।
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