विकास को तरसता
विकास पुरूष का क्षेत्र
हरवंश सिंह के क्षेत्र में जान हथेली पर
रखकर शाला जा रहे मासूम
धूम मचा रही है पुनीत कपूर की मौत का तांड़व
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। देश
के समाचार चेनल्स में अग्रणी ‘आज तक‘ में लंबे समय तक दिल्ली कार्यालय में काम
करने वाले पुनीत कपूर की घर वापसी भी धूम मचा रही है। आज तक पर उनके द्वारा संकलित, संपादित मौत का
तांडव शीर्षक की खबर रोंगटे खड़े कर देने वाली है। मजे की बात तो यह है कि जिस गांव
के बच्चे जान हथेली पर रखकर स्कूल जा रहे हैं वहां पूर्व केंद्रीय मंत्री सुश्री
विमला वर्मा लंबे समय तक विधायक रही हैं और वर्तमान में मध्य प्रदेश कांग्रेस
कमेटी के उपाध्यक्ष हरवंश सिंह यहां से चौथी बार विधायक बने हैं।
केवलारी विधानसभा
क्षेत्र वैसे तो कांग्रेस का अभेद्य गढ़ रह है। इस विधानसभा सीट पर सालों तक सुश्री
विमला वर्मा, फिर भाजपा
की नेहा सिंह के उपरांत चार बार से कांग्रेस के कद्दावर नेता हरवंश सिंह ठाकुर का
कब्जा है। हरवंश सिंह ठाकुर के बारे में सिवनी जिले का मीडिया उन्हे ‘विकास पुरूष‘ की संज्ञा देने से
नहीं चूकता है। यह अलहदा बात है कि हरवंश सिंह के खाते में 1983 में पूर्व
केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के संचार मंत्री रहते एसटीडी सुविधा के अलावा कोई और
उल्लेखनीय उपलब्धि दाखिल नहीं है।
हरवंश सिंह के
विधानसभा क्षेत्र केवलारी के तहसील मुख्यालय के कंडीपार गांव के बच्चे रोजाना किसी
तरह पुल पार करके स्कूल तक का सफर पूरा करते हैं! गांव से लेकर स्कूल तक का ये
रास्ता करीब ४ किलोमीटर लंबा है! इस
रास्ते में आते हैं तीन बड़े-बड़े पुल और पुल भी इतने ऊँचे-ऊँचे कि नीचे देखते ही
दिल सहम जाए! आप और हम तो शायद पैदल चलकर इस पुल को पार ही न कर पाएं, लेकिन इन बच्चों के
लिए तो ये रोज की मजबूरी है! इसके साथ ही ट्रेन के आने का खतरा भी हर वक्त बना
रहता है! और अगर पुल पार करते समय ट्रेन आ गयी तो समझो गए!
एक छात्र कैलाश
डेहरिया ने बताया कि इस पुल को पार करना बहुत मुश्किल होता है, हमारे साथ छोटे
बच्चे भी होते हैं,
जो ट्रेन आने पर घबरा जाते हैं। दरअसल सिवनी जिले के कंडीपार
गांव को शहर से जोड़ने के दो रास्तें हैं। एक सड़क का और दूसरा रेल की पटरियों का!
बारिश के मौसम में सड़क का ये हाल हो जाता है कि पैर भी न रखते बने! इसलिए पूरा का
पूरा गांव रेल कि पटरियों पर चलने को मजबूर है! क्या बच्चे, क्या बूढ़े और
महिलाएं हर कोई इस पुल को पार करके ही शहर तक पहुँच पता है! हालाँकि बच्चों समेत
पूरा गांव कई बार कलेक्टर ख्डी एम, के पास जाकर गुहार लगा चुके है, लेकिन कलेक्टर भी
ये बताने को तैयार नहीं हैं कि आखिर इस गांव को सड़क कब नसीब होगी!
जिला कलेक्टर अजीत
कुमार ने समाचार चेनल से चर्चा के दौरान कहा कि लोग हमारे पास आए थे, सीईओ जिला पंचायत
को निर्देश दिए है,
कि जिस भी योजना में संभव हो, इसे करा दिया जाये।
हो सकता है १ महीने के बाद हो या ३ महीने बाद हो, कोई समय सीमा नहीं
दे सकता।
ये गांव मध्य
प्रदेश सरकार के विकास के दावों पर सवाल खड़ा करता है, इसके साथ ही देश की
ऐसी हकीकत से रूबरू कराता है, जिसका देश की आजादी के ६५ साल बाद भी सामने
आना किसी कलंक से कम नहीं है! पुनीत कुपूर की इस रिपोर्ट से देश भर में तहलका मचा
हुआ है।
यहां उल्लेखनीय है
कि विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह कांग्रेस के शासन में लंबे समय तक गृह मंत्री और
त्रिविभागीय मंत्री भी रहे हैं। उन्होने अपने क्षेत्र में कुछ किया हो या नहीं, पर मीडिया ने
उन्हें विकास पुरूष अवश्य ही बना दिया है।
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