शिंदे नहीं चाहते
कसाब को मिले माफी
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)।
गृहमंत्रालय ने मुम्बई आतंकी हमले के एकमात्र जीवित बचे आतंकवादी अजमल आमिर कसाब
की दया याचिका पर विचार करने के बाद इसे खारिज करने की सिफारिश के साथ राष्ट्रपति
को भेज दिया है। गृहमंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कसाब की दया याचिका
रद्द कर दी गई है क्योंकि वह गंभीर अपराध और भारत के खिलाफ युद्ध शुरू करने में
शामिल था।
ज्ञातव्य है कि इस
आतंकी हमले में विदेशियों समेत १६६ लोग मारे गये थे। २५ वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक
कसाब, लश्कर-ए-तैयबा
के नौ अन्य आतंकवादियों के साथ २६ नवम्बर २००८ को समुद्री रास्ते से कराची से
मुम्बई पहुंचा था। इन आतंकवादियों ने विभिन्न स्थानों पर गोलीबारी की और देश पर
बड़ा आतंकी हमला किया। कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था जबकि बाकी आतंकवादी
सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मारे गये थे। महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने कसाब
की दया याचिका खारिज करते हुए इसे गृहमंत्रालय के पास भेजा था।
चार साल तक चली
कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने इस साल २९ अगस्त को कसाब को मौत की सजा
देने के निचली अदालत और मुम्बई उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।
लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी, कसाब ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद १८ सितम्बर को
राष्ट्रपति के नाम दया याचिका दायर की थी। कसाब इस समय मुम्बई की अत्यधिक सुरक्षा
वाली ऑर्थर रोड़ जेल में बन्द है। मुम्बई आतंकी हमले के मुकदमे में विशेष सरकारी
वकील उज्जवल निकम ने केन्द्रीय गृहमंत्रालय की सिफारिश का स्वागत किया है।
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