आधार के जरिए
सब्सीडी सीधे खातों में!
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने कहा है कि आधार के जरिए नकद राशि सीधे लाभार्थियों को
देने की व्यवस्था से सब्सिडी में भारी बचत होगी। नई दिल्ली में उन्होंने कहा कि इस
बारे में प्रायोगिक परियोजना में ४० से ९० प्रतिशत बचत होने का पता लगा है।
उन्होंने यह भी कहा कि धोखाधड़ी, जालसाजी और लीकेज के मामलों में कमी आने से
सब्सिडी की बचत हो सकेगी। वित्तमंत्री ने वृद्धि को बढ़ावा देने और राजकोषीय घाटे
पर काबू पाने के लिए आर्थिक सुधारों की गति तेज करने की जोरदार हिमायत की।
उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक गतिविधि के हर पहलू में सुधारों की जरूरत है।
उधर, दूसरी ओर भारतीय
रिजर्व बैंक ने घरेलू कंपनियों को विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों से मिल रही
सेवाओं के लिए भुगतान विदेशी मुद्रा में करने की अनुमति दे दी है। इससे पहले यह
सुविधा माल के लिए भुगतान पर ही थी। यह कदम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि कुछ कर
रियायतें हटा लिए जाने के कारण कर मुक्त क्षेत्रों का आकर्षण कम हो रहा है। उम्मीद
है कि वाणिज्य मंत्रालय पिछडे क्षेत्रों में स्थापित होने वाले विशेष आर्थिक
क्षेत्रों के लिए जल्द ही कुछ और प्रोत्साहनों की घोषणा करेगा। इससे निवेश आकर्षित
करने में मदद मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने सॉफ्टवेयर निर्यात को बढ़ावा देने के
लिए सभी सॉफ्टवेयर टेक्नॉलोजी पार्काे से माल और सेवाओं की निर्यात प्रक्रिया भी
आसान कर दी है। जम्मू कश्मीर में व्यापार और उद्योग के लिए कर्ज की उपलब्धता बढ़ाने
के मकसद से भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों के लिए रियायतों की अवधि ३१
मार्च २०१४ तक बढ़ा दी है।
प्रधानमंत्री ने
केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों से कहा है कि खर्च को बढ़ावा देने और आर्थिक वृद्धि
की गति बढ़ाने के उद्देश्य से वास्तविक निवेश में अपनी अतिरिक्त नकदी का प्रयोग
करें। नई दिल्ली में कल २५ मुख्य उपक्रमों के प्रमुखों की बैठक को संबोधित करते
हुए डॉ. मनमोहन सिंह ने संकेत दिया कि आठ प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य हासिल करने के
लिए निवेश दर बढ़ा कर ३७ प्रतिशत की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि समुचित दूरदर्शिता
विकसित करने और परियोजनाओं को तेजी से
पूरा करने के लिये तालमेल में सुधार की
जरूरत है। बैठक के बाद भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रफुल्ल
पटेल ने पत्रकारों को बताया कि केंद्र, स्वायतत्ता और निवेश सहित केंद्रीय
सार्वजनिक उपक्रमों के मुद्दों पर विचार के लिए
उच्चाधिकार प्राप्त नियामक संस्था की स्थापना करेगा। मंत्रिमंडल सचिव इस
संस्था के अध्यक्ष होंगे और इस संस्था में प्रधानमंत्री कार्यालय, योजना आयोग तथा
वित्त मंत्रालय और भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय के अधिकारी शामिल
होंगे। श्री पटेल ने कहा कि यह संस्था सी पी एस ई के कामकाज की निगरानी करेगा।
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