सिक्वल फिल्मों का साल रहेगा 2013
(नेहा घई पण्डित)
नई दिल्ली (साई)। साल 2013 को सिक्वल
फिल्मों का साल कहा जाए तो गलत नहीं होगा। जनवरी में फिल्म रेस 2, फरवरी में मर्डर 3 और मार्च में साहब, बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स। लगभग हर महीने
किसी न किसी फिल्म का अगला सिक्वल रिलीज होने जा रहा है।
अक्सर सुनने में आता है कि बॉलीवुड में
सिक्वल फिल्मों का सिलसिला हॉलीवुड यानी अंग्रेजी फिल्मों से आया है लेकिन मेरा
मानना है कि सिक्वल कहानियां और हमारे देश का गहरा और पुराना रिश्ता है। अब आप सोच
रहे होंगे कि भला इन दोनों में पुराना रिश्ता कैसे है? पुराणों-ग्रंथों में भगवान के अवतार का
सिक्वल दर्शाया गया है जिसमें ज़्यादातर बार भगवान ने पहले अवतार के अंत में ही बता
दिया कि वो अगला अवतार कब लेंगे।
राम ने कृष्ण का अवतार लिया, शिव के 12 अवतार हुए और दुर्गा सप्तशति भी
देवी के 9 अवतारों का जिक्र करती है। पुरणों की इन कहानियों को लोगों ने चाव से
पढ़ा..और आज भी कही-सुनी जाती हैं। ईश्वर एक रुप अनेक का ये फॉर्मूला भला फिल्म
इंडस्ट्री कैसे छोड़ सकती है। जब एक फिल्म हिट हो जाए तो निर्माता-निर्देशक उसके
नाम को और भी भुनाना चाहते हैं। कई बार यह फिर से फिल्म को हिट करा देता है और कुछ
बार फिल्म का डब्बा भी बज जाता है।
बॉलीवुड में कई फिल्मों के सिक्वल बन रहे
हैं इसका कारण है कि जब दर्शक किसी एक फिल्म को देख कर पसंद कर लेता है तो फिल्म
बनाने वालों को इतना तो पता होता ही है कि इस तरह की कहानी लोगों को पसंद आई है।
उसके अगले भाग में उस कहानी में कुछ और फेर-बदल करके दर्शकों को फिर से परोसा जा
सकता है। कई बार देखने में आया है कि किसी फिल्म का सिक्वल उसकी पहली फिल्म से
ज्यादा चला हो और यह भी हुआ है कि फिल्म का सिक्वल बुरी तरह पिट गया हो।
फिल्म अभिनेता सलमान खान कहते हैं कि जब
दबंग 2 रिलीज होने वाली थी तब मैं बहुत दुविधा में था कि लोग इस फिल्म को पसंद
करेंगे या नहीं। सिक्वल फिल्मों में सबसे खतरनाक बात यह होती है कि दर्शक अपने मन
में क्या सोचकर फिल्म देखने आ रहा है इसका पता नहीं होता। अगर हम बिलकुल पहली
फिल्म जैसी फिल्म बनाएंगे तो लोग कहेंगे कि इसमें कुछ नया नहीं है। अगर फिल्म में
कुछ नया करेंगे तो लोग कहेंगे कि यह तो पुरानी फिल्म के जैसी नहीं है। कुल मिलाकर
आपको अपनी कहानी और पात्रों को बहुत संभालकर कुछ नया करना पड़ता है। इससे दर्शक
फिल्म से जुड़ा हुआ भी महसूस करते हैं और कहानी में कुछ फेर-बदल से नयापन भी होता
है।
फिल्म इंडस्ट्री में पिछले कुछ सालों में
सिक्वल बनाने का चलन बढ़ गया है। फिल्म निर्माता और निर्देशक एक फिल्म की
लोकप्रियता को दोबारा भुनाने के चक्कर में अक्सर यह नहीं देखते की एक फिल्म का कहानी
जहां समाप्त हो रही है क्या वहीं से किसी कहानी की शुरूआत हो सकती है। फिल्म
अभिनेता और निर्देशक फरहान अख्तर ने 1978 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म डॉन को नए
अंदाज में बनाया। यह फिल्म हिट हुई और इसकी कहानी में कुछ ऐसी बातें छोड़ दी गईं
जिससे अगली फिल्म में इस कहानी को और इन छोड़ी हुई घटनाएं को इस्तमाल करके नई फिल्म
बनाई जा सके। नतीजा यह हुआ कि डॉन 2 अपनी पहली फिल्म से भी ज्यादा हिट रही। 2003
में जॉन एब्राहिम और बिपाशा बासु की फिल्म जिस्म ने दर्शकों के बीच अपनी अच्छी पकड़
बनाई। इस फिल्म का लोकप्रिय पहलू इसकी रोमांच और मादक्ता से भरी कहानी थी। वहीं
2012 में इस फिल्म की सिक्वल जिस्म 2 ने शुरूआत में अपने बोल्ड अवतार के कारण
लोगों में दिलचस्पी जरूर पैदा की मगर रिलीज के कुछ ही समय बाद दर्शकों ने इसे नकार
दिया। जहां पहली फिल्म में कहानी बहुत अच्छे से प्रस्तुत की गई वहीं दूसरी फिल्म
में सिर्फ मादक्ता और अशलीलता ही नजर आई।
फिल्में बनाना एक बेहद मुश्किल और महंगा
काम है। फिल्म अगर हिट हुई तो दोगुना या चारगुना फायदा होता है लेकिन अगर फिल्म
पिट गई तो नुकसान भी इतना ही होता है। यही कारण है कि निर्माता और निर्देशक यह
सोचते हैं कि देखी और परखी कहानी पर ही दांव लगाना चाहते हैं। उन्हे लगता है जब
दांव लगाना ही है तो क्यों न ऐसे घोड़े पर लगाया जाए जो रेस में दौड़ चुका है। यानी अगर फिल्म बनाना है और पैसा भी अच्छा
मिले तो ऐसा ही विषय लिया जाए जिसे बाजार में पसंद किया गया हो। पैसा कमाने की रेस
में वह अक्सर फिल्म की कहानी, उसकी पहली फिल्म से जुड़ी घटनाओं को एक नए अंदाज में पेश करना भूल जाते
हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि दर्शक घर में खाने पर आए मेहमान की तरह होते हैं, खाने में नमक अगर थोड़ा कम या ज्यादा हो
गया तो उन्हे मजा नहीं आएगा।
यूं तो साल 2013 में लगभग हर महीने ही
किसी न किसी फिल्म का सिक्वल आने वाला है मगर यह तीन ऐसी फिल्में जिनका इंतजार न
सिर्फ दर्शकों को है बल्कि क्रिटिक्स भी इन फिल्मों से बड़ी उम्मीदें लगाए हुए हैं
। धूम 3 - यशराज बैनर की इस फिल्म का सिक्वल फिल्मों की श्रेणी में सबसे ज्यादा
इंतजार है मगर यह फिल्म साल के अंत में रिलीज होगी। पिछली फिल्मों की तरह इस फिल्म
में भी अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा अपने-अपने किरदारों में नजर आऐंगे लेकिन फिल्म
का खास आकर्षण होंगे आमिर खान जो पहली बार एक नाकारात्मक भूमिका अदा कर रहे हैं।
वअन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई 2 - 2010 में आई फिल्म वअन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई का
यह अगला भाग है। इस फिल्म में मुंबई में पनपते डॉन कल्चल को दिखाया गया है। नई
फिल्म में कोई भी पुराना कलाकार नहीं होगा। फिल्म की
कहानी वहीं से शुरू होगी जहां पिछली फिल्म की कहानी खत्म हुई थी। पिछली फिल्म के
अंत में इमरान हाशमि ने (जो कि दाउद इब्राहिम की भूमिका में थे) पुराने डॉन को
मारकर सत्ता अपने हाथ में कर ली थी। इस फिल्म में दाउद का किरदार अक्षय कुमार
निभाएंगे। फिल्म की कहानी दाउद के डॉन बनने के सफर पर होगी।
क्रिश 3 - रितिक रोशन की यह फिल्म उनके
पिता राकेश रोशन ही बना रहे हैं। बाप-बेटे की जोड़ी की इस फिल्म से न सिर्फ उन्हें
बल्कि दर्शकों को भी बहुत उम्मीदें हैं। फिल्म के पिछले दो भाग बच्चों को बीच बेहद
लोकप्रिय रहे हैं। क्रिश की जादूई शक्ति और कारनामें उन्हें रोमांचित करते हैं।
यह भी हैं इस साल रिलीज होने के लिए कतार
में साहब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स
शूटआउट एट वड़ाला
आशिकी 2
यमला पगला दिवाना 2
रागिनी एमएसएस 2
फिल्में जिनके सिक्वल हिट रहे
मुन्नाभाई एमबीबीएस - लगे रहो मुन्नाभाई
धूम
- धूम 2
दबंग - दबंग 2
डॉन - डॉन 2
कोई मिल गया - क्रिश 2
गोलमाल - गोलमाल रिटर्न्स - गोलमाल 3
रेस - रेस 2
हाउसफुल - हाउसफुल 2
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