लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क
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मुख्यमंत्री कार्यालय भी करने लगा
पत्रकारों में भेद!
(अखिलेश तिवारी)
भोपाल (साई)। विज्ञापनों की बंदरबाट और
अपनी बदनियत के लिए बदनाम जनसंपर्क अब पत्रकारों के बीच ’पोस्टकार्ड और अंर्तेदेशिय’ का फासला रखने लगा हैं वहीं प्रदेश के
यशस्वी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के श्याम्ला हिल्स स्थित प्रेस अधिकारी भी
मुख्यमंत्री व मीडिया के बीच संवाद को लेकर समय लेने की प्रक्रिया करने में भी
संकोच दिखाते हैं।
मामला कुछ इस तरह हैं कि स्वर्णिम
मध्यप्रदेश को लेकर साप्ताहिक लोकहित खबर ’मैं शिवराज-मेरा मध्यप्रदेश पर केंद्रित विशेष अंक का प्रकाशन पांच मार्च
को किया जाना हैं जिसको लेकर इंटरनल न्यूज एंड इन्फारमेशन (आई.एन.आई.) द्वारा
उदयमान मध्यप्रदेश के मंत्रियों की विषेश कार्यप्रणाली एवं उपलब्धियों की तथ्य परख
सामग्री का समावेश भी किया जाना हैं।
इस दिशा में प्रदेश के मंत्रियों से विशेश संवाद
हेतु पत्र लिखकर निवेदन किया गया व संदेश पत्र भी मांगा गया इस पर समस्त मंत्रियों
ने अपनी स्वीकृति देते हुये आई.एन.आई. के इस प्रयास की शुभकामनाएं देते हुये चर्चा
कर सहयोग प्रदान किया लेकिन दूसरी ओर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के प्रेस
अधिकारी डा. भूपेन्द्र गौतम ने दुरभाष पर संपर्क करने पर विषेष अंक के शीर्षक को
समझे बिना ही सलाह दे डाली की जनसंपर्क संचनालय से जानकारी लेकर छाप दो उन्होंने
अंक की डमी फाइल भी देखना उचित नहीं समझा और सलाह मशविरा देने बैठ गये अपनी इसी
आदत के लिए इंदौरी पत्रकारों के बीच चर्चा में रहे प्रेस अधिकारी गौतम प्रदेश के
सफल मुख्यमंत्री के निवास पर जाकर भी अपने मिजाज को बदल नहीं पाये।
देखा जाए तो पत्रकारों के बीच ऊंच-नीच का
मापदंड रखने वाले प्रेस अधिकारी गौतम को चाहिए था कि वे साप्ताहिक लोकहित खबर की
उस फाइल को देखकर अपनी राय रखते तब समझ में आता लेकिन उन्होंने बिना देखे जिस तरह
से दुरभाष पर चर्चा की उससे यह लगता है कि पत्रकारों के बीच ऊंच-नीच का पैमाना
बरकरार हैं।
खैर प्रदेश के मुख्यमंत्री से चर्चा करने
में हमारी असफलता का हमें अफसोस नहीं हैं बल्कि इस बात की खुशी हैं कि उदयमान
मध्यप्रदेश के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, लोक स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, कृषि कल्याण मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया, नगरीय प्रषासन मंत्री बाबुलाल गौर, लोक सेवा प्रबंधन राज्य मंत्री ब्रजेन्द्र
प्रताप सिंह सहित कई मंत्रियों से उपलब्ध सामग्री और संवाद प्रकाशन के लिए एकत्रित
हो सका।
वहीं विपक्ष के कुछ जिम्मेदार नेताओं से
भी प्रदेश सरकार के कार्यों को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी डा.
भूपेन्द्र गौतम का व्यवहार गैर जिम्मेदाराना श्रेणी में आता हैं उन्हें समझना
चाहिए कि हम कोई आर्थिक लाभ के लिए नहीं तरस रहे हैं.......नहीं हमने जनसंपर्क
विभाग से कोई सहयोग लेने की हिमाकत की हैं......हम चाहते भी नहीं हैं.......22
वर्ष की विषुद्ध पत्रकारिता में हमनें पत्रकारिता के उच्च मापदंडों का पालन ही
किया हैं चाहें फिर हमें हाषिए पर ही जाना पड़ा हो और भी कुछ बताया जाना चाहिए
लेकिन हम अपने मूल्यांकन का प्रमाण पत्र डा. गौतम को देना नहीं चाहते पर इस
व्यवहार से एक बात तय हैं कि मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी डा. गौतम की इस
मानसिकता के चलते जनता और सरकार के बीच सषक्त सेतू का काम करने वाले पत्रकार
भ्रमित हो सकते हैं ऐसे में जब श्याम्ला हिल्स में आम आदमी का मुख्यमंत्री निवास
करता हैं। (जैसा अखिलेश तिवारी ने अपने फेसबुक अकांउट पर पोस्ट किया है)
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