शनिवार, 20 अप्रैल 2013

रेप का आरोपी दिल्ली पहुंचा


रेप का आरोपी दिल्ली पहुंचा

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। राजधानी दिल्ली में ५ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म में कथित रूप से शामिल २५ वर्षीय युवक मनोज कुमार को मुजफ्फरपुर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने २३ अप्रैल तक ट्रॉन्जिट रिमान्ड पर दिल्ली पुलिस को दे दिया है। इस युवक को आज तड़के दिल्ली पुलिस के दल ने स्थानीय पुलिस की सहायता से मुजफ्फरपुर जिले के चिकनोटा गांव में उसके ससुराल से गिरफ्तार किया।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि आरोपी युवक के मोबाइल फोन की लोकेशन पर नजर रखने के बाद उसका पता चला। उसे अब पटना के रास्ते दिल्ली लाया जा रहा है। वहीं साई न्यूज को पीडिता का ताजा हेल्थ बुलेटिन मिला है। पीड़ित बच्ची के ताजा मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि उसकी हालत स्थिर है और वह होश में है। आज मीड़िया से बातचीत में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा अधीक्षक डी.के. शर्मा ने बताया कि उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि अभी बच्ची की जनरल कंडीशन ठीक है लेकिन उसको क्लोज ऑबजर्वेशन और मोनिटरिंग में रखा गया है। उसे आई बी फ्ूल तथा एन्टी बॉयोटिक्स दिया जा रहे है। बच्ची कॉन्सियस है अलर्ट है और उसके सभी पैरामीटर्स नार्मल लिमिट में है।
इसके साथ ही साथ राष्ट्रपति ने दिल्ली दुष्कर्म मामले के दोषियों को तुरंत न्याय के कटघरे में लाने के लिए कदम उठाने को कहा है। ५ वर्षीय बच्ची के साथ हुए इस दुष्कर्म पर गहरा शोक और आक्रोश व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संबद्ध अधिकारियों से इस बच्ची को अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराने को कहा है। श्री मुखर्जी ने कहा कि एक समाज के तौर पर लोगों को गिरते मूल्यों और महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में बार-बार की विफलता को लेकर आत्ममंथन करना होगा।
वहीं, महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा है कि उनका मंत्रालय पीड़ित बच्ची और उसके परिवार को हरसंभव सहायता देगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस से कहा है कि वह लोगों को विभिन्न कानूनों और सजाओं के बारे में जागरूक करें।  उन्होंने कहा कि कुछ पुरूषों की मानसिकता बहुत ही क्षीण हो गई है और ये मानसिकता का कारण है कि छोटी बच्ची के साथ इस तरह का व्यवहार करना बहुत ही अभद्र किस्म का है और मैं समझती हूं कि इसके लिए आम जनता को स्वयं अपना चिंतन मनन करना होगा। पुलिस को इसमें सतर्क रहना चाहिए। पुलिस को चाहिए कि आम आदमी को वो शिक्षा भी दे।
इसके साथ ही साथ सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने इस घटना को दिल दहला देने वाली और निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी तरफ से जो बलात्कार विरोधी कानून है उनको मजबूत और सुदृढ़ किया है। केंद्र सरकार को और राज्य सरकार को समन्वय बनाकर पुलिस सुधार हैं उसके ऊपर काम करने की जरूरत है और साथ-साथ एक बहुत बड़ी आवश्यकता इस बात की भी है कि जो पुरूष समाज को अपनी मानसिकता बदले। क्योंकि इसमें एक बहुत बड़ी और अहम भूमिका समाजिक स्तर पर भी हम सबको दिखानी हैं।
लोक सभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से अनुरोध किया है कि बलात्कार के खिलाफ कानून को और कड़ा तथा सख्त बनाने के लिए तुरंत एक बैठक बुलाई जाए। श्रीमती सुषमा स्वराज ने दुष्कर्म की घटना पर दुख व्यक्त किया।
उन्होंने कहा है कि इस मानसिक बीमारी को शॉक ट्रीटमेंट चाहिए। साधारण कानून नहीं चाहिए। इसलिए ऐसे लोगों के लिए भी फांसी का प्रावधान हो ये मैं चाहती हूं इसमें देर नहीं होनी चाहिए। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को तुरंत इस पर बैठक बुलाना चाहिए और इस कानून को और सख्त करना चाहिए।
साई न्यूज के दिल्ली ब्यूरो के अनुसार इस बर्बर दुष्कर्म के विरोध में सैंकड़ो लोग आज दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के बाहर ही इस घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां इस बच्ची का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद पीड़ित बच्ची की हालत जानने के लिए अस्पताल गये।
विरोध प्रदर्शनों की आशंकाओं को देखते हुए राजधानी में शांति बनाये रखने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। यातायात पुलिस ने भी पुलिस मुख्यालय के आसपास वाहनों के लिए रास्ता बदलने के बारे में परामर्श जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विकास मार्ग, तिलक मार्ग और मंडी हाऊस से आने वाले वाहनों को रिंग रोड़ और मथुरा रोड़ की ओर मोड़ दिया गया है।

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