लाईन बदलने के नाम पर करोड़ों के वारे
न्यारे!
पुरानी सर्विस लाईन साथ ले जा रहे हैं
कारिंदे: अर्थिंग भी नहीं डल रही करीने से
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। सिवनी शहर में बिजली के
मीटर बाहर करने और नई सर्विस लाईन डालने के नाम पर करोड़ों की चपत सीधे सीधे मध्य
प्रदेश विद्युत मण्डल को लगाई जा रही है। विद्युत मण्डल ने इस काम के लिए महज एक
नोडल अधिकारी तैनात किया है, जिसके पास ना लाईन स्टाफ है और ना ही
कोई अन्य सहायक। इन परिस्थितियों में वह अकेला घरों घर जाकर यह सुनिश्चित करने से
रहा कि काम विद्युत मण्डल के मापदण्डों के हिसाब से हुआ अथवा नहीं।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया की टीम को
शहरवासियों ने बताया कि घरों में मीटर बाहर करवाने और सर्विस लाईन का काम चल रहा
है। लोगों की शिकायत है कि इस काम को अंजाम देने वाले कारीगरों द्वारा अनेक घरों
में नई सर्विस लाईन को इस तरह डाला गया है कि वह घरों में दीवाली दशहरे की झालरों
के मानिंद दिख रही है।
लोगों की यह शिकायत आम हो गई है कि
सर्विस लाईन बदलने पर पुरानी सर्विस लाईन को इस काम को अंजाम देने वाले अपने ही
साथ ले जा रहे हैं। ज्ञातव्य है कि जब बिजली का कनेक्शन लिया जाता है तब सर्विस
लाईन खरीदकर लाने की जवाबदेही उपभोक्ता पर ही आहूत होती है। इस सर्विस लाईन का
क्या उपयोग किया जा रहा है इस बारे में कहा नहीं जा सकता है। कहा तो यहां तक भी जा
रहा है कि पुरानी सर्विस लाईन को इस काम को अंजाम देने वाले ठेकेदरों द्वारा बेच
दिया जा रहा है।
वहीं, दूसरी ओर नई सर्विस लाईन के डालने पर
अर्थिंग का काम भी मानक आधार पर नहीं किया जा रहा है। अनेक उपभोक्ताओं की शिकायत
है कि अर्थिंग में डलने वाली तांबे की तार, कोयला, नमक आदि भी उसमें नहीं डलवाया जा रहा
है। अर्थिंग के नाम पर महज खाना पूरी के लिए एक तार जमीन में एकाध फिट ही गाड़ा जा
रहा है।
मध्य प्रदेश विद्युत मण्डल के संभागीय
यंत्री कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस काम को
अंजाम देने के लिए डीई कार्यालय में एक नोडल अधिकारी बनाया गया है। श्री मण्डलोई
को इसका प्रभार दिया गया है। सूत्रों की मानें तो उनके पास ना तो कोई लाईनमेन है
और ना ही अन्य कोई स्टाफ।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि
सिवनी शहर के लगभग इक्कीस हजार उपभोक्ताओं में से सोलह हजार उपभोक्ताओं को आरएपी
डीआरपी योजना के तहत सर्विस लाईन बदलने और मीटर बाहर करने के लिए चिन्हित किया गया
है। इस काम का ठेका गुजरात के अहमदाबाद की मेसर्स मांटे कार्लो को प्रदाय किया गया
है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को
यह भी बताया कि इस काम को अंजाम देने के लिए सर्विस लाईन की मद में 1200 रूपए तथा मीटर बाहर करवाने की मद में
आठ सौ रूपए प्रतिमीटर का व्यय रखा गया है। लगभग दो हजार रूपए हर मीटर के लिए
विद्युत मण्डल द्वारा मेसर्स मांटे कार्लो को प्रदाय किए जा रहे हैं।
सोलह हजार मीटर के लिए विद्युत मण्डल
द्वारा दो हजार रूपए प्रति मीटर की दर से लगभग तीन करोड़ बीस लाख रूपए की राशि खर्च
की जा रही है। कंगाल विद्युत मण्डल यह राशि निश्चित तौर पर उपभोक्ता की जेब से ही
निकालेगा, पर इस खेल में मालामाल हो सकते हैं, गुजरात के मेसर्स मांटे कार्लो और विभाग
के अफसर!
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