संगठन जर्जर: विधानसभा की सुध लेंगे राहुल के दूत!
लोचनदास के आगमन से बढ़ी कांग्रेस के धड़ों की सक्रियता!
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)। राहुल गांधी के दूत और असम के विधायक पल्लव लोचनदास के सिवनी
आगमन के पूर्व ही कांग्रेस के विभिन्न धड़ों में सक्रियता तेजी से बढ़ती दिख रही है।
कांग्रेस में संगठनात्मक जर्जरता किसी से छिपी नहीं है इस संगठन के बूते कांग्रेस
के केंद्रीय पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं से रायशुमारी कर विधानसभा में फतह का
दिवास्वप्न देखकर लौट जाएंगे।
ज्ञातव्य है कि सिवनी जिले में कांग्रेस का संगठन सालों से पूरी तरह
आक्सीजन पर ही है। इसी का परिणाम है कि सिवनी जिले की पहले पांच में से चार
विधानसभा सीटों के साथ ही साथ लोकसभा सीट भी कांग्रेस की झोली से बाहर हो गई।
परिसीमन और पुर्नआरक्षण के उपरांत कांग्रेस की चार में से तीन सीटें भाजपा के पास
ही रहीं।
सिवनी बालाघाट लोकसभा क्षेत्र जिसमें जिला मुख्यालय वाली सिवनी विधानसभा
भी आती है,
कांग्रेस के हाथ से पहले की तरह ही फिसलती
रही है। प्रदेश में भाजपा सरकार है, सिवनी में तीन
विधायक कांग्रेस के हैं, बावजूद इसके
कांग्रेस द्वारा स्थानीय स्तर पर विधायकों को घेरने में सदा ही असफल साबित हुए
हैं।
कांग्रेस के एक नेता ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया से कहा कि सिवनी में कांग्रेस के जर्जर संगठन के भरोसे राहुल गांधी के दूत
आखिर सिवनी की चारों विधानसभाओं में कार्यकर्ताओं से क्या रायशुमारी करने आ रहे
हैं? कार्यकर्ता क्या बताएगा? असम के विधायक को
सिवनी जिले की भौगोलिक स्थिति, भाषा, परंपरा, परिपाटी आदि का
शायद ही पता हो?
उक्त नेता ने कहा कि कांग्रेस में टिकिटों का वितरण क्षत्रपों द्वारा किया
जाता रहा है फिर यह रायशुमारी की नौटंकी आखिर क्यों करवाई जा रही है? उक्त नेता का कहना था कि क्या राहुल के दूत सिवनी में कार्यकर्ताओं
से इस बात के बारे में जानकारी हासिल करेंगे कि क्या कारण था कि सिवनी की चार में
से तीन विधानसभाओं में कांग्रेस लगातार हारती आई है!
गौरतलब है कि नब्बे के दशक के आरंभ तक सिवनी में कांग्रेस की तूती बोला
करती थी। उस समय कांग्रेस को दिशा देने का काम पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस
की आयरन लेडी विमला वर्मा के पास हुआ करता था। इसके उपरांत जबसे उन्होंने सक्रिय
राजनीति से किनारा किया कांग्रेस तेजी से रसातल में जाती चली गई।
लगभग दस सालों से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, इन दस सालों में कांग्रेस ने दमदार विपक्ष की भूमिका सिवनी
जिले में नहीं निभाई जा सकी है। जब भी भाजपा के विधायक, सांसद को घेरने की बारी आती है, कांग्रेस एक कदम आगे दो कदम पीछे की अघोषित रणनीति पर चलती
दिखाई दे जाती है।
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