पावर सेक्टर में
जबर्दस्त रिसेशन: मेंहदीरत्ता
(अभय नायक)
रायपुर (साई)। ‘सिवनी जिले के
घंसौर में डल रहे अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के
निर्माणाधीन पावर प्लांट की ओर से लाईजनिंग, या मीडिया को विज्ञापन जारी करने के लिए कोई
एजेंट नियुक्त नहीं किया गया है। अगर संयंत्र प्रबंधन की ओर से कोई विज्ञापन जारी
करता है तो इसके लिए संयंत्र प्रबंधन की जवाबदेही नहीं होगी। पावर सेक्टर में
जबर्दस्त रिसेशन है,
इसलिए सभी का सहयोग अपेक्षित है।‘ उक्ताशय की बात
संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारी मेंहदीरत्ता ने आज समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के
दौरान कही।
श्री मेंहदीरत्ता
ने कहा कि समूचे देश में पावर सेक्टर में बहुत परेशानी चल रही है, जिसके चलते संयंत्र
प्रबंधन आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। इन परिस्थितियों में संयंत्र द्वारा
किसी को भी किसी भी तरह से ओबलाईज किया जाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके
संज्ञान में यह बात लाई गई है कि सिवनी जिले के पत्रकार मनमर्जी से अपने अपने
समाचार पत्रों में विज्ञापनों का प्रकाशन कर दिया करते हैं।
श्री मेंहदीरत्ता
ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि आखिर इन समाचार पत्रों को विज्ञापन का भुगतान
कैसे और कौन कर रहा है, जबकि संयंत्र प्रबंधन द्वारा इस तरह के विज्ञापनों की मद में
भुगतान ही नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में यह बात आई है कि
सिवनी में कुछ कथित लोग अपने आप को मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड का मध्यस्थ बताकर
सक्रिय हुए हैं।
ज्ञातव्य है कि 2009 से सिवनी में
निर्माणाधीन मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड का पावर प्लांट अपनी संस्थापना से ही
चर्चाओं में आ चुका है। इस पावर प्लांट में घंसौर के कुछ नेता नुमा ठेकेदारों ने
अपनी जबर्दस्त पैठ बना ली है। भोले भाले आदिवासियों को भड़काकर उनके विरोध की
बैसाखी पर ये नेता नुमा ठेकेदार अब धन कुबेर भी बन चुके हैं, और मीडिया को भी
अपने हिसाब से हांकने की जुगत में हैं। कुछ कथित मीडिया मुगल इन धनकुबेरों के
हाथों की कठपुतली भी बनते नजर आ रहे हैं।
वहीं, दिल्ली से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो से आकाश कुमार ने सिवनी के घंसौर में डल रहे पावर प्लांट
के मुख्यालय गुड़गांव और थापर हाउस के सूत्रों के हवाले से बताया कि अगर कोई
विज्ञापन आदि झाबुआ पावर लिमिटेड के नाम से जारी होता है तो उस विज्ञापन के
प्रकाशन के पूर्व झाबुआ पावर लिमिटेड की ओर से बाकायदा रिलीज़ आर्डर अवश्य प्राप्त
कर लिया जाए अन्यथा संयंत्र प्रबंधन इसके भुगतान के लिए जवाबदेह नहीं होगा।
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