सिवनी में मिले
खतरनाक डेंगू के चार मरीज!
विवेकानन्द वार्ड
में 552 घरों के 1764 कंटेनर्स में 255 में मिले खतरनाक
लार्वा: रियाया की जान से कर रही नगर पालिका जमकर खिलवाड़: विपक्ष में बैठी
कांग्रेस देख रही चुपचाप तमाशा
(दादू अखिलेंद्र नाथ सिंह)
सिवनी (साई)। जिला
मुख्यालय सिवनी में घोषित तौर पर डेंगू के चार मरीजों के मिलने से हड़कंप मच गया
है। साफ सफाई के अभाव में शहर भर में मच्छरों के लिए उपजाऊ माहौल पैदा हो रहा है, पर नगर पालिका
अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी के नेतृत्व में पार्षद और पालिका प्रशासन ‘कमीशन के गंदे धंधे‘ में ही उलझा हुआ
है। डेंगू रेपिड टेस्ट में 13 संभावित डेंगू के मरीजों की जांच में चार
नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं। खतरनाक डेंगू के लिहाज से अब सिवनी जिला भी ‘हाई अलर्ट‘ पर आ गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.वाय.एस.ठाकुर के हस्ताक्षरों से जारी विज्ञप्ति में कहा गया
है कि जिला चिकित्सालय में डेंगू रेपिड किट से 13 संभावित डेंगू
मरीजों की जांच की गई है, जिससे किट में चार मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। इन चारों का रक्त
नमूना लेकर क्षेत्रीय आर्युविज्ञान शोध केंद्र (आरएमआरसी) जबलपुर भेजा गया था।
डॉ.ठाकुर ने बताया
कि आरएमआरसी द्वारा विवेकानन्द वार्ड के संभावित डेंगू के नमूनों की 26 जुलाई को ही
पुष्टि कर दी गई थी। शेष दो में अभी आरएमआरसी की राय आना शेष है।
उन्होंने बताया कि
इसके उपरांत जबलपुर के कीट विज्ञानी डॉ.मनमोहन माहुलिया एवं मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.वाय.एस.ठाकुर के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का
दल बनाकर उन्हें बाकायदा प्रशिक्षित किया जाकर विवेकानन्द वार्ड में रवाना किया
गया।
सीएमओ डॉ.ठाकुर का
दावा है कि उनके द्वारा विवेकानन्द वार्ड के लिए 32 कर्मचारियों का दल
बनाया गया है, जो घर घर
जाकर लार्वा का सर्वे कर रहा है। जिन घरों में बुखार के पीड़ित मिल रहे हैं उन्हें
मौके पर ही रक्त पट्टिका बनाकर त्वरित उपचार दिया जा रहा है।
इसके साथ ही साथ
मकानों में जहां पानी जमा हो सकता है या हो रहा है इस तरह के कंटेनर्स को खाली
करवाया जा रहा है। इन कंटेनर्स में टेमोफॉस नामक दवा डाली जा रही है ताकि मच्छरों
का लार्वा नष्ट हो सके। डेंगू प्रभावित और संभावित विवेकानन्द वार्ड में फागिंग
मशीन से धुंआ भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मच्छरों से सावधान रहने और
सावधानियां बरतने के लिए विभाग द्वारा मुनादी पिटवाकर पर्चे भी बांटे जा रहे हैं।
डॉ.ठाकुर के अनुसार
मंगलवार को इस विशेष दल ने डेंगू प्रभावित या संभावित वार्ड के 552 घरों का निरीक्षण
किया। दल ने आज 1764 कंटेनर्स
को देखा जिसमें से 255 में
लार्वा पाए गए। इन कंटेनर्स को खाली कराया गया और दवा डाली गई। आज बनाई गई सारी
रक्त पट्टिकाएं नकारात्मक ही पाई गईं।
मुख्य चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार अभी तक सिवनी जिले में डेंगू से मृत्यु के समाचार
नहीं मिले हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों में रखे कंटेनर्स
जिसमें पानी भरा रहता हो, उसे सात दिवस के अंदर एक बार अवश्य ही खाली कर लिया करें।
प्रदेश में मण्डला
जिले के बाद सिवनी में डेंगू की खतरनाक स्थिति से हड़कंप मचना स्वाभाविक ही है। अब
तक सिवनी के लोग समाचार माध्यमों के जरिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में
डेंगू की बद से बदतर स्थिति और इससे होने वाली पीड़ा एवं मौत के आंकड़े देखा करते थे, अब इस जानलेवा और
दर्दनाक डेंगू ने सिवनी में भी अपनी जड़ें गहरी कर ली हैं।
दरअसल, नगर पालिका परिषद
के निकम्मेपन के चलते शहर भर में मच्छरों के प्रजनन के लिए उपजाऊ माहौल तैयार हो
गया है। नगर पालिका परिषद में ‘कमीशन के गंदे धंधे‘ के चलते ना तो
अध्यक्ष राजेश त्रिवेदी, ना ही उपाध्यक्ष राजिक अकील और ना ही किसी पार्षद को नागरिकों
के स्वास्थ्य की परवाह ही रह गई है।
नगर पालिका परिषद
के पास फागिंग मशीन है इस फागिंग मशीन का तेल और दवा दोनों ही का बिल पालिका के
बजट सत्र में पारित होता है, इसमें किसी भी पार्षद द्वारा अब तक अपनी
आपत्ति दर्ज नहीं कराया जाना आश्चर्यजनक है कि जब मशीन किसी वार्ड में चलती ही
नहीं दिखी तो फिर इसके देयक का भुगतान कैसा? कुल मिलाकर सभी, नागरिकों की चिंता
छोड़ पैसा बनाने में जुट चुके हैं।
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